नेशनल एसोसिएशन ऑफ पोस्टल एम्पलाइज ग्रुप C दरभंगा नेशनल यूनियन ऑफ पोस्टमैन एंड एमटीएस क्लास 3 दरभंगा एवं अखिल भारतीय डाक कर्मचारी अनुसूचित जाति एवं जनजाति संघ दरभंगा के द्वारा प्रमंडलीय कार्यालय दरभंगा के मुख्य द्वार के सामने 23 जनवरी एवं 24 जनवरी 2025 को दो दिवसीय भूख हड़ताल का आवाहन किया गया।

जिनमें सभी कर्मचारियों ने अपनी अपनी मांगों को इस प्रकार रखा।
निकासी शाखा डाकघर पिण्डा रुच उप डाकघर और रतनपुर उप डाकघर फ्रॉड केस के मामले की नई सीरे से जांच कर वास्तविक दोषियों का पता लगाने के लिए कमेटी का गठन किया जाए। वर्तमान में प्रमंडलीय प्रशासन दरभंगा द्वारा उक्त मामलों में मूल दोषियों को बचाने हेतु सिर्फ सहायक अपराधी बनाकर नुकसान की वसूली की जान संबंधित कार्रवाई की जा रही है।
संघ द्वारा बार-बार अनुरोध करने के बावजूद भी डाक अधीक्षक के द्वारा कार्यालयवधि में उप डाकपालों के साथ उनके व्यक्तिगत मोबाइल और व्यक्तिगत खर्चे पर गूगल मीट पर मीटिंग की जाती है इस मीटिंग में काल्पनिक लक्ष्य को पूरा नहीं करने पर रूल 37 के तहत ट्रांसफर करने निलंबित करने के साथ ही अन्य प्रकार के दंडनात्मक कार्रवाई करने की धमकी दी जाती है। जिससे कर्मचारियों का मनोबल टूटता है। कार्यमैं गूगल मीट करने से उप डाक पालो विशेष कर सिंगल हैंड के एकल उप डाकपाल को काउंटर अवधि में कार्य में व्यवधान उत्पन्न होता है। और उन्हें ग्राहकों के कोपभाजन का शिकार बनना पड़ता है।
मासिक बैठकों के दौरान डाक अधीक्षक संघीय प्रतिनिधियों को प्रताड़ित एवं तिरस्कृत करते हैं तथा हमेशा ही अमर्यादानुकूल व्यवहार करते हैं।
कार्य स्थल पर पीने का पानी स्वच्छ शौचालय एवं बैठने की भी सही व्यवस्था नहीं है। संघ द्वारा बार-बार अनुरोध करने के बावजूद भी इस मामले में किसी प्रकार की कोई कार्रवाई नहीं की गई है।
डाक के आदान-प्रदान में हो रहे खर्च का भुगतान नहीं किया जा रहा है जिससे कर्मचारियों पर बुरा असर पड़ रहा है। संघ के द्वारा बार-बार अनुरोध पर भी इस पर संज्ञान नहीं लिया जा रहा है।
डाकियो को शत प्रतिशत पत्र वितरण करने का अनावश्यक दबाव बनाया जाता है तथा सही रीमार्क्स देने पर भी दंडनात्मक कार्रवाई करने की धमकी दी जाती है।
डाक अधीक्षक का व्यवहार संवैधानिक होना चाहिए हम कर्मचारियों का भी स्वाभिमान है छोटी-छोटी बातों पर डाक अधीक्षक द्वारा सस्पेंड और रूल 37 की धमकी दी जाती है। हम इस बात का विरोध करते हैं और उनसे अनुरोध करते हैं कि कर्मचारियों से माफी मांगे।
दरभंगा प्रमंडल के कई उप डाकघर के भवन की स्थिति अत्यंत ही जर्जर एवं दयनीय है इस मुद्दे को संघ के द्वारा बार-बार उठाए जाने के बावजूद भी प्रशासन के द्वारा किसी भी तरह की कार्रवाई नहीं की गई है। जिस की काव्य कर रहे कर्मचारियों को काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है साथ ही उनके साथ कभी भी अनहोनी हो सकती है जिसकी पूरी जवाबदेही डाक अधीक्षक की होगी।
भरवारा उप डाकघर का भवन बेहद ही जर्जर अवस्था में है कर्मचारियों के साथ कभी भी किसी अप्रिय घटना से इनकार नहीं किया जा सकता है जब तक उसे डाकघर को नए भवन का निर्माण नहीं होता है तब तक डाकघर को आसपास में स्थानांतरित किया जाए ताकि कर्मचारी सुरक्षित रहे।
दरभंगा सिटी उप डाकघर भी किराए के मकान में है जो जीर्णो शीर्ष अवस्था में है। यहां भी कर्मचारी भाई के माहौल में कार्य करने को विवश है कर्मचारियों के साथ कभी भी किसी अप्रिय घटना से इनकार नहीं किया जा सकता है। वर्षों से यह मुद्दा डाक प्रशासन दरभंगा के समक्ष है डाकघर को आसपास में स्थानांतरित किया जाए ताकि कर्मचारी सुरक्षित रहे।
PMA एप्लीकेशन को चलाने हेतु इंटरनेट की जरूरत होती है। परंतु समय से रिचार्ज नहीं होने के कारण इंटरनेट कनेक्शन बाधित हो जाती है जिस कारण कार्यों का निपटारा सही समय पर नहीं हो पाता हैं। पोस्टमैन मोबाइल की केंद्रीकृत रिचार्ज प्रणाली BYOD का मामला को लागू किया जाए। फिलहाल वे अपने सिम को स्वयं रिचार्ज करते हैं और मंजरी में बहुत अधिक समय लग रहा है।
डाक अधीक्षक दरभंगा द्वारा बार-बार व्हाट्सएप के माध्यम से सभी तरह के आदेश निर्गत किए जाते हैं। तथा उसके क्रियान्वयन में किसी प्रकार की त्रुटि होने पर कर्मचारियों को अनावश्यक दंड दिया जाता है। निलंबन करने की धमकी दी जाती है जबकि किसी भी कर्मचारी को इंटरनेट प्रयोग के लिए ना तो मोबाइल ना ही रिचार्ज करने के लिए कोई भत्ता दिया जाता है। ऐसे में उनसे जबरन निजी खर्च एवं विभागीय मामलों में फंसाने की धमकी दी जाती है।
कर्मचारियों के जायज मांग को उठाने वाले संघीय प्रतिनिधियों को अनावश्यक अपमानित किया जाता है तथा विभागीय मामलों में फंसाने की धमकी दी जाती है।
पिण्डा रुच उप डाकघर मे डाकिया का पद रिक्त रहने के कारण वहां पत्र वितरण का कार्य दैनिक भत्ता पर आदमी रखकर करवाया जा रहा है। विगत डेढ 2 साल से दैनिक भत्ता का भुगतान बकाया है जिसके कारण उप डाकपाल मानसिक दबाव झेल रहे हैं। उसे पर से 100% वितरण का दबाव भी है।
मांग पूरी नहीं होने पर दोनों संघ संयुक्त रूप से 2 फरवरी 2025 से आमरण अनशन पर जाएंगे।
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