मलेरिया एवं अन्य वेक्टर जनित रोग के लिए 200 आशा का प्रशिक्षण सदर अस्पताल के सभागार में सुरू।
प्रशिक्षण में आशा को ब्लड स्लाइड कलेक्ट करना एवं किट से मलेरिया एवं कालाजार जांच करना सिखाया जाएगा। प्रथम दिन जयनगर पीएचसी के 50 आशा को मिला प्रशिक्षण मधुबनी/
सदर अस्पताल के सभागार में मलेरिया एवं अन्य वेक्टर जनित रोग जैसे जापानी इंसेफेलाटिस, डेंगू, कालाजार से संबंधित रोग की जांच किट से करने एवं ब्लड स्लाइड संग्रह करना आशा को सिखाया गया प्रशिक्षण

जिला वेक्टर जनित रोग सलाहकार नीरज कुमार सिंह एवं लैब टेक्निशियन राजेश कुमार द्वारा दिया गया प्रशिक्षण प्राप्त के उपरांत आशा कार्यकर्ता अपने पोषक क्षेत्र में बुखार वाले मरीज का ब्लड स्लाइड संग्रहित कर प्राथमिक स्वास्थ केंद्र में जमा करेगी इसके लिए सभी प्राथमिक स्वास्थ केंद्र में ब्लड स्लाइड उपलब्ध करा दिए गए हैं । चार दिनों में अलग – अलग प्रखंडों की होनी है प्रशिक्षण प्रथम दिन 5 फरवरी को जयनगर के 50 आशा का दूसरे दिन 6 फरवरी को खुटौना, बेनीपट्टी के 50 आशा को 7 फरवरी को अंदराठारी, बाबुबरही, बासोपट्टी, बिस्फी, घोघरडीहा, हरलाखी, खजौली, कलुआही, लौकही के 50 आशा का 8 फरवरी लदनिया, लखनौर, मधवापुर, मधेपुर, पंडौल, फुलपरास, रहिका, राजनगर, झंझारपुर के 50 आशा का प्रशिक्षण होगा आशा को मिलता है प्रोत्साहन राशी आशा अपने क्षेत्र में मरीज चिन्हित कर ब्लड स्लाइड जमा करने पर पर प्रत्येक आशा को 15 रुपए प्रति ब्लड स्लाइड दिया जाएगा एवं मरीज पॉजिटिव पाया जाता है तो 75 रुपए देने का प्रावधान किया गया है।
जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी अजय नारायण प्रसाद ने बताया परजीवी के जाती के आधार पर मलेरिया चार तरह के होते हैं प्लाज्मोडियम ओवल, प्लाज्मोडियम वाईवेक्स, प्लाज्मोडियम फाल्सीपेरम, प्लाज्मोडियम मैलेरी जिसमें प्लाजमोडिम वाई भेक्स एवं प्लाज्मोडियम फालसिफेरम मधुबनी जिले में पाया जाता है यह बीमारी मादा एनोफ़िलीज़ मच्छर के काटने से फैलता है जब कोई मादा एनोफ़िलीज़ मच्छर किसी व्यक्ति को काटती है तो खून के साथ प्लाज्मोडियम उसके शरीर में आ जाता है और वह संक्रमित हो जाता है और पुनः जब किसी स्वस्थ मनुष्य को काटती है तो प्लाज्मोडियम उस मनुष्य को खून चूसने हेतु काटती है तो प्लाज्मोडियम उस मनुष्य के शरीर में प्रवेश हो जाता है इस तरह एक मनुष्य से दूसरे मनुष्य में इसका प्रसार होता है। क्या हैं इसके लक्षण
ठंड लगकर बुखार आना मलेरिया का प्रमुख लक्षण है इसमें एक निश्चित अवधि के उपरांत बुखार स्वत समाप्त हो जाता है। इसके बचाव के लिए सरकार द्वारा डी डी टी का छिरकाव प्रभावित क्षेत्रों में किया जाता है तथा कालाजार प्रभावित क्षेत्रों में एस पी पाउडर सिंथेटिक परथोराईट का छिड़काव कराया जा रहा है।
दरभंगा news24live संपादक अजित कुमार सिंह
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