दरभंगा कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग में फैकल्टी सदस्यों के लिए उद्यमिता विकास पर विशेष सत्र आयोजित
दरभंगा कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग (DCE), दरभंगा में उद्यमिता विकास (Entrepreneurship Development) पर एक विशेष सत्र का आयोजन किया गया। यह सत्र विशेष रूप से कॉलेज के फैकल्टी सदस्यों के लिए आयोजित किया गया था। सत्र का नेतृत्व अनिल कांत चौधरी, पूर्व निदेशक और सेक्शन हेड, CGI, ने किया।सत्र के दौरान, श्री चौधरी ने उद्यमिता (Entrepreneurship), स्टार्टअप्स (Startups), और विभिन्न प्रकार के व्यावसायिक मॉडलों (Business Models) पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने उद्यमिता की मूल अवधारणा, व्यवसाय शुरू करने के लिए आवश्यक कदम, और विभिन्न प्रकार के बिजनेस मॉडलों के फायदे और चुनौतियों को उदाहरणों के माध्यम से समझाया। उन्होंने यह भी बताया कि किस प्रकार से नवाचार (Innovation) और सही योजना (Strategy) के साथ व्यवसाय को सफल बनाया जा सकता है। श्री चौधरी ने उद्यमिता को केवल व्यवसाय तक सीमित न रखते हुए इसे एक सोचने का तरीका बताया, जो समाज में सकारात्मक बदलाव लाने में मदद करता है।इस सत्र का उद्देश्य फैकल्टी सदस्यों को उद्यमशीलता के क्षेत्र में जागरूक और प्रशिक्षित करना था ताकि वे न केवल अपने पेशेवर जीवन में इसका उपयोग कर सकें, बल्कि अपने छात्रों को भी इस दिशा में मार्गदर्शन दे सकें। उन्होंने बताया कि एक शिक्षक का दृष्टिकोण और मार्गदर्शन छात्रों के करियर और जीवन पर गहरा प्रभाव डालता है।कॉलेज के प्राचार्य डॉ. संदीप तिवारी ने इस सत्र के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा, “आज के समय में उद्यमशीलता सबसे अधिक प्रासंगिक विषयों में से एक है। हमारी शिक्षा का उद्देश्य छात्रों को केवल नौकरी के लिए तैयार करना नहीं है, बल्कि उन्हें आत्मनिर्भर और रोजगार सृजक बनाना भी है। इसके लिए, शिक्षकों का उद्यमिता और स्टार्टअप्स के बारे में गहन ज्ञान होना आवश्यक है। इस तरह के सत्र शिक्षकों को न केवल नए विचारों और तकनीकों से परिचित कराते हैं, बल्कि उनके पेशेवर विकास में भी सहायक होते हैं।”डॉ. तिवारी ने कहा कि श्री अनिल कांत चौधरी का अनुभव और ज्ञान फैकल्टी सदस्यों के लिए अत्यंत प्रेरणादायक है। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि ऐसे सत्र न केवल कॉलेज के शिक्षकों को लाभान्वित करते हैं, बल्कि उनके माध्यम से छात्र भी लाभान्वित होते हैं।
सत्र के अंत में, शिक्षकों ने श्री चौधरी से प्रश्न पूछे और अपने विचार साझा किए। यह सत्र सभी प्रतिभागियों के लिए एक प्रेरक और ज्ञानवर्धक अनुभव साबित हुआ।कॉलेज प्रशासन ने श्री अनिल कांत चौधरी का आभार व्यक्त करते हुए उम्मीद जताई कि भविष्य में भी इस प्रकार के सत्रों का आयोजन होता रहेगा, जिससे शिक्षकों और छात्रों को समान रूप से लाभ मिलेगा।