Breaking News

आइसा ने दर्ज किया विरोध: सांप्रदायिक और संविधान विरोधी वक्फ बिल के खिलाफ आक्रोश ! संवैधानिक मूल्यों पर हमला बर्दाश्त नहीं” – AISA

 

आइसा ने दर्ज किया विरोध: सांप्रदायिक और संविधान विरोधी वक्फ बिल के खिलाफ आक्रोश !

संवैधानिक मूल्यों पर हमला बर्दाश्त नहीं” – AISA

दरभंगा  ऑल इंडिया स्टूडेंट्स एसोसिएशन (AISA) ने आज दरभंगा के नाका-5 चौक पर सांप्रदायिक और संविधान विरोधी वक्फ बिल के खिलाफ जोरदार प्रतिवाद किया। प्रतिवाद के दौरान बिल की वापसी की मांग करते हुए नारेबाज़ी की गई और एक जनसभा आयोजित की गई।

 

सभा को संबोधित करते हुए आइसा के राज्य उपाध्यक्ष मयंक कुमार ने कहा कि यह नया वक्फ बिल मुस्लिम समाज की दान की गई ज़मीनों, धार्मिक स्थलों और सांस्कृतिक पहचान पर सीधा हमला है। इस विधेयक के तहत वक्फ संपत्तियों के रजिस्ट्रेशन को अनिवार्य बनाया गया है और विवादों का निपटारा राज्य के प्रतिनिधियों के हवाले किया गया है, जो अल्पसंख्यकों की स्वायत्तता और धार्मिक स्वतंत्रता का उल्लंघन है।

 

उन्होंने कहा कि यह विधेयक मुस्लिम समुदाय को लक्षित कर संविधान में निहित धर्मनिरपेक्षता के मूल सिद्धांत को कमजोर करता है। पहले CAA, फिर UCC जैसे कानूनों के ज़रिए मोदी सरकार लगातार मुस्लिमों के खिलाफ भेदभावपूर्ण नीतियाँ अपना रही है। उत्तराखंड में लागू UCC धार्मिक स्वतंत्रता और व्यक्तिगत अधिकारों पर सीधा हमला है।

 

मयंक कुमार ने कहा कि अंबेडकर ने एक समतामूलक लोकतंत्र की परिकल्पना की थी जिसमें अल्पसंख्यकों के अधिकारों की रक्षा की गई थी। आज भाजपा सरकार उन्हीं अधिकारों और संविधान पर हमला कर रही है, जिसके खिलाफ संगठित प्रतिवाद और व्यापक जनजागरण की जरूरत है।

 

प्रदर्शन में शामिल दर्जनों युवाओं और नागरिकों ने संकल्प लिया कि जब तक यह बिल वापस नहीं लिया जाता, तब तक संघर्ष जारी रहेगा। वक्फ बोर्ड में संशोधन के खिलाफ चल रहे जनांदोलन को पुलिस के बल से दबाने की कोशिशों की भी तीव्र निंदा की गई।

 

प्रदर्शन में नेहमत अली, गोलू कुमार मुख्तार, जिशान भाई, चंदन अहीर, जयनारायण, सुधीर कुमार और मिथुन कुमार सहित कई साथी शामिल रहे।

 

Check Also

12 से 25 अप्रैल तक अनिवार्य करायें शस्त्र का सत्यापन

🔊 Listen to this   12 से 25 अप्रैल तक अनिवार्य करायें शस्त्र का सत्यापन …

00:13