सी० एम० कॉलेज, दरभंगा में मिज़ोरम राज्य की संस्कृति से संबंधित डाक्यूमेंट्री फ़िल्म का प्रदर्शन
समाज
में प्रचलित सभी संस्कृति अपने-आप में पूर्ण एवं श्रेष्ठ-डॉ चौरसिया
भोजन मनुष्य की मूलभूत आवश्यकता – डॉ०रीता दुबे
राज्य उच्चतर शिक्षा परिषद् (रूसा) के सहयोग से संचालित “एक भारत श्रेष्ठ भारत” कार्यक्रम के तहत सोमवार को सी०एम० कॉलेज,दरभंगा के छात्र-छात्राएं मिजोरम की संस्कृति व विरासत से चलचित्र के माध्यम से रूबरू हुए।
मिजोरम राज्य की संस्कृति से संबंधित एक डॉक्यूमेंट्री फिल्म का भव्य प्रदर्शन किया गया।इस कार्यक्रम के माध्यम से कॉलेज के सैकड़ों छात्रों ने मिजोरम राज्य के खान-पान, रहन- सहन, पर्व-त्यौहार, शादी-विवाह आदि के विषय में जानकारी प्राप्त की। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए नोडल पदाधिकारी डॉ० रीता दुबे ने कहा की भोजन मानव की मूल आवश्यकता है। किसी भी प्रदेश का भोजन क्या होगा यह उस प्रदेश की भौगोलिक संरचना से तय होता है। इस बात को विस्तार से समझाते हुए उन्होंने राजस्थान, बिहार, मिज़ोरम आदि के भोजन के तुलनात्मक रूप से विद्यार्थियों के समक्ष रखा । बांस की प्रचुर उपलब्धता के कारण ही सब्जी,अचार आदि के रूप में बांस का मिज़ोरम में बहुतायत मात्रा में प्रयोग किया जाता है। केले की उपलब्धता के कारण और प्रकृति से जुड़ाव के कारण भोजन केले के पत्त्ते पर परोसे जाते हैं।
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में संस्कृत विभागाध्यक्ष डॉ० आर एन चौरसिया ने कहा कि सभी संस्कृति उसके मानने वालों के लिए पूर्ण एवं श्रेष्ठ होती है। छात्र- छात्राओं को अपनी संस्कृति एवं खानपान के अलावा अन्य राज्यों के बारे में भी जानकारी रखनी चाहिए, जिससे एक-दूसरे के प्रति प्रेम भाव बढ़ता है।ऐसे कार्यक्रमों से राष्ट्र की एकता को और अधिक मजबूती मिलती है। साथ ही युवाओं को एक-दूसरे को जानने एवं समझने का अच्छा मौका मिलता है।
एनएसएस पदाधिकारी प्रो अखिलेश कु०राठौर ने कहा इस तरह के कार्यक्रम से युवाओं में चरित्र का निर्माण तथा व्यक्तित्व का विकास होता है। साथ ही उसमें सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है,जिससे वे राष्ट्रनिर्माण में अपनी अहम भूमिका निभा सकते हैं।कार्यक्रम के सफल संचालन में स्वयंसेवक जयप्रकाश कुमार साहु, पुरुषोत्तम चौधरी, कुमार सौरभ, अतिका बद्र, शिवम झा, खुल्द महफूज, संध्या, नंदिनी, वरुण, अंकुश, अंश, राहुल आदि छात्रों ने अपनी अहम भूमिका निभाई।