जिला में फरवरी से चलाया जाएगा फाइलेरिया मुक्त अभियान
– सर्वजन
दवा का होगा वितरण
– जिले के सभी पीएचसी से चिकित्सा पदाधिकारी बीसीएम केटीएस एवं सभी फाइलेरिया कर्मी को दिया गया प्रशिक्षण
मधुबनी/ फाइलेरिया मुक्त अभियान की शुरुआत से पूर्व जिला अस्पताल के सभागार में जिला जिला स्तरीय टीओटी का प्रशिक्षण हुआ, प्रशिक्षण डब्ल्यूएचओ के रीजनल कोऑर्डिनेटर डॉ. दिलीप कुमार एवं जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण सलाहकार नीरज कुमार सिंह ने दिया जिसमें सभी पीएचसी से चिकित्सा पदाधिकारी, सभी बीसीएम, केटीएस तथा सभी फाइलेरिया कर्मी को प्रशिक्षण दिया गया। प्रशिक्षण के उपरांत यह कर्मी पीएससी पर जाकर सभी आशा एवं सुपरवाइजर को प्रशिक्षण देंगे, जिनके द्वारा दवा का वितरण किया जाना है।
जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण सलाहकार नीरज कुमार सिंह ने बताया फाइलेरिया मादा क्यूलेक्स मच्छर के काटने से फैलता है जब मादा क्यूलेक्स मच्छर खून चूसने हेतु किसी फैलेरिया मरीज के शरीर पर बैठती है तो मरीज के शरीर से उच्चरेरिया बैंकऑफटाई नामक परजीवी अपने शरीर में ग्रहण कर लेती है और पुनः जब किसी स्वस्थ मनुष्य को रक्त चूसने हेतु काटती है तो उसके शरीर में फैलेरिया परजीवी स्थानांतरित कर देती है जिसके कारण फाइलेरिया रोग का प्रसार होता है। फाइलेरिया मरीज को यदि सर समय इलाज नहीं कराया जाता है तो उसको हाथी पांव नामक बीमारी उत्पन्न हो जाता है यदि सभी लोग लगातार पांच बार एमडीए के तहत हुए दवा वितरण डीसी एवं एल्बेंडाजोल का सेवन करें तो यह बीमारी नहीं होगी। उन्होंने कहा इस अभियान में एमडीए के तहत 2 वर्ष से कम बच्चे गर्भवती महिला अत्याधिक बीमार एवं अत्यधिक वृद्ध को छोड़कर सभी को दवा का सेवन कराया जाएगा।
यह है फाइलेरिया
फाइलेरिया को हाथीपावं रोग के नाम से भी जाना जाता है. यह एक दर्दनाक रोग है जिसके कारण शरीर के अंगों में सूजन आ जाती है. यह क्यूलेक्स नामक मादा मच्छर के काटने से फैलता है. आमतौर पर बचपन में होने वाला यह संक्रमण लसिका (लिम्फैटिक) प्रणाली को नुकसान पहुँचाता है. फाइलेरिया से जुडी विकलांगता जैसे लिंफोइडिमा( पैरों में सूजन) एवं हाइड्रोसील (अंडकोश की थैली में सूजन) के कारण पीड़ित लोगों की आजीविका व काम करने की क्षमता प्रभावित होती है.