Breaking News

पटना/ : राज्य के 6 जिलों में गत वर्ष एईएस(एक्यूट इन्सेफेलाइटिस सिण्ड्रोम)

एईस के खिलाफ़ जंग में निमहान्स राज्य सरकार को देगी तकनीकी सहयोग
• स्वास्थ्य विभाग एवं निमहान्स के मध्य हुआ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर
• राज्य से लेकर जिला स्तर पर एईएस की जाँच के लिए खुलेंगे अतिरिक्त लैब
• डीएमसीएच एवं पीएमसीएच होंगे लेवल-2 की प्रयोगशाला
• एईएस मरीजों के उपचार को मुज्जफरपुर के मेडिकल कॉलेज में 100 बेड का होगा पीकू वार्ड
पटना/ : राज्य के 6 जिलों में गत वर्ष एईएस(एक्यूट इन्सेफेलाइटिस सिण्ड्रोम)

दरभंगा News24 लाइव संवाददाता अजीत कुमार सिंह

के काफ़ी ममाले सामने आये थे. जिसमें मुजफ्फरपुर जिला सर्वाधिक प्रभावित हुआ था. इसे ध्यान में रखते हुए बिहार सरकार पूर्व से ही सतर्क हो चुका है. अब एईएस के खिलाफ़ जंग में राज्य सरकार को भारत सरकार की इकाई निमहान्स का तकनीकी सहयोग प्राप्त होगा. इसको लेकर शनिवार को स्वास्थ्य विभाग, बिहार सरकार एवं डिपार्टमेंट ऑफ़ न्यूरोवाइरोलोजी निमहान्स( नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ़ मेंटल हेल्थ एंड न्यूरो साइंसेज), बंगलौर के मध्य समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर हुआ. यह एक गैर वित्तीय करार है जो 15 फ़रवरी से 30 सितम्बर तक प्रभावी रहेगा. इस दौरान निमहान्स केयर इण्डिया के सहयोग से बृहद स्तर पर एईएस प्रभावित जिलों का दौरा कर एईएस संभावित कारणों की पड़ताल कर इसकी रिपोर्ट सरकार को सौंपेगी. साथ ही एईएस पर प्रभावी नियंत्रण के लिए स्वास्थ्य कर्मियों को प्रशिक्षण देने के साथ एईएस सैंपल की जाँच के लिए राज्य से लेकर जिले स्तर तक की प्रयोगशालाओं के सुदृढ़ीकरण में तकनीकी सहयोग प्रदान करेगी.
लेवल 1 एवं लेवल 2 की प्रयोगशालायें होंगी स्थापित :
स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव संजय कुमार ने बताया इस करार के तहत निमहान्स राज्य के जिला अस्पतालों में एईएस मरीजों की जांच के लिए लेवल-1 प्रयोगशालाओं के नेटवर्क के सुदृढ़ीकरण में सहयोग प्रदान करेगी. साथ ही दरभंगा मेडिकल कॉलेज तथा पटना मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में राज्य स्तरीय लेवल-2 प्रयोगशाला की स्थापना में भी सहयोग करेगी. एईएस मरीजों को बेहतर चिकित्सकीय सुविधा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से मुज्जफरपुर के मेडिकल कॉलेज में 100 बेड का पीकू वार्ड भी बनेगा. साथ ही एईएस मरीजों के लिए अतिरिक्त वार्ड का भी निर्माण किया जायेगा.
उन्होंने बताया राज्य स्तरीय नोडल प्रयोगशाला की स्थापना का निर्णय निमहान्स द्वारा गैप अस्सेमेंट के उपरांत की जाएगी. निमहान्स एवं केयर इण्डिया द्वारा चिन्हित जिला अस्पतालों का गैप विश्लेषण किया जाएगा, जिससे एईएस से निपटने में आसानी होगी. साथ ही निमहान्स एवं केयर इण्डिया एईएस के बेहतर निगरानी को लेकर जिला अस्पतालों के प्रयोगशालाओं को सुझाव भी देंगे. इनके द्वारा चिन्हित अस्पतालों के लिए प्रशिक्षण कार्यशाला/उन्मुखीकरण का भी आयोजन किया जाएगा. इसके लिए चिन्हित अस्पतालों के विभिन्न कर्मियों का क्षमतावर्धन किया जाएगा. उन्होंने बताया राज्य सरकार 2 फार्मसिस्ट की प्रत्येक चिन्हित साईट पर नियुक्ति भी करेगी, जो मरीजों की पूरी जानकारी फॉर्मेट में दर्ज करेगी. साथ ही एईएस संभावित मरीजों के सैंपल एकत्रित कर जिला लेबोरेटरी से स्टेट नोडल लेबोरेटरी में तय समय सीमा में पहुंचाएंगे.
तकनीकी क्षमता विकास पर होगा जोर :
निमहान्स के डिपार्टमेंट ऑफ़ न्यूरोवाइरोलोजी के वरीय प्रोफेसर डॉ. वी रवि ने बताया केयर इण्डिया के सहयोग से निमहान्स एईएस प्रबंधन में सरकार को तकनीकी सहयोग करेगी. जिसमें राज्य के 6 चिन्हित जिले( मुजफ्फरपुर, सीतामढ़ी, समस्तीपुर, पूर्वी चंपारण, वैशाली एवं गया) में विशेष रूप से कार्य करेगी. मार्च के महीने तक स्वास्थ्य कर्मियों को एईएस प्रबंधन पर प्रशिक्षण भी प्रदान करेगी. उन्होंने बताया निमहान्स पूर्व में उत्तरप्रदेश, आसाम एवं पश्चिम बंगाल में एईएस/ जेई पर सरकार को तकनीकी सहयोग प्रदान कर चुकी है. एईएस सैंपल की जाँच को लेकर निमहान्स के बैंगलोर इकाई में बनाये गए लैब को विश्व स्वास्थ्य संगठन ने पूरे साउथ ईस्ट एशिया में एक रीजनल लैब के रूप में मान्यता दी है. उन्होंने कहा निमहान्स राज्य स्तर के साथ जिले स्तर पर निर्मित प्रयोगशालाओं की गुणवत्ता सुनिश्चित करने का कार्य भी करेगी.
इस दौरान राज्य स्वास्थ्य समिति के कार्यपालक निदेशक मनोज कुमार, सहायक कार्यपालक निदेशक करुणा कुमारी एवं केयर इण्डिया के चीफ ऑफ़ पार्टी हेमन्त शाह उपस्थित थे.

Check Also

• हमारा शौचालय : हमारा सम्मान अभियान का जिला स्तर पर किया गया शुभारंभ  • डी.डी.सी. ने दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम का किया विधिवत् उद्घाटन 

🔊 Listen to this हमारा शौचालय : हमारा सम्मान अभियान का जिला स्तर पर किया …