राष्ट्रीय कुष्ठ उन्मूलन कार्यक्रम को लेकर सदर अस्पताल के सभागार में तीन दिवसीय प्रशिक्षण शुरू
-जिले के सभी पीएचसी के मेडिकल ऑफिसर, पेरामेडिकल स्टाफ को दिया गया प्रशिक्षण
-एम.डी.टी. सभी स्वास्थ्य केंद्रों पर मिलता है मुफ्त
मधुबनी/ सदर अस्पताल के सभागार में राष्ट्रीय कुष्ठ उन्मूलन कार्यक्रम के तहत
जिले के सभी पीएससी के मेडिकल ऑफिसर एवं पेरामेडिकल स्टाफ का आज तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम की शुरुआत की गई। यह प्रशिक्षण दिनांक 17, 18 एवं19 फरवरी तक दिया जाएगा।
प्रशिक्षण के दौरान राज्य प्रशिक्षक समन्वयक एन. के. सिंह ने बताया यह बीमारी छुआछूत की नहीं है। इसका सही रूप से इलाज एवं परामर्श लेकर इस पर काबू पाया जा सकता है। प्रशिक्षण कार्यक्रम के माध्यम से प्रशिक्षकों द्वारा रोग की पहचान एवं निदान के बारे में बताया गया। इस दौरान कुष्ठ निवारण कार्यक्रम को लेकर मरीजों को मिलने वाली सुविधा और प्रोत्साहन राशि को लेकर भी विस्तार से जानकारी दी गई। साथ ही रोग की समय से पहचान कर उपचार शुरू कराने को भी कहा गया।
ए.सी.एम.ओ. डॉक्टर सुनील कुमार ने बताया कुष्ठ कोई असाध्य रोग नहीं है यह एमडीटी दवा से पूरी तरह ठीक हो जाता है इस दवा का लगातार छह माह से 12 माह तक सेवन करना चाहिए। उन्होंने बताया रोग की शुरुआत में ही इलाज कर लेने से अपंगता नहीं होती है साथ ही बताया मल्टी ड्रग थेरेपी (एमडीटी) अत्यंत सुरक्षित तथा असरकारक है। यह सभी स्वास्थ्य केंद्रों पर मुफ्त उपलब्ध है। अब तक एक करोड़ से ज्यादा लोगों को एमडीटी दवा से ठीक किया गया है।
कुष्ठ रोग के लक्षण:
चमड़ी पर एक या अनेक ऐसे दाग धब्बे जिनमें सूनापन है
पीले,लाल या तंबई रंग के हो सकते हैं
समतल या उभरे हुए हो सकते हैं
उनमें खुजली नहीं होती है
इनमें ठंडा या गर्म स्पर्श या दर्द का अभाव रहता है यह शरीर में कहीं भी हो सकता है
एमडीटी सभी स्वास्थ्य केंद्रों पर मुफ्त मिलता है
अगर किसी व्यक्ति को कुष्ठ के लक्षण दिखाई देता है तो तुरंत नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर चिकित्सक से कुष्ठ के बारे में जांच कराएं यदि कुष्ठरोग पाया जाता है तो एमडीटी का सेवन करने की सलाह दी जाती है या प्रतिमाह निशुल्क प्राप्त किया जा सकता है
क्या है बचाव:
अपनी त्वचा की नियमित साफ सफाई करें
त्वचा के दाग धब्बों को न छिपाएं
इस मौके पर जिले की सभी पीएससी के मेडिकल ऑफिसर एवं पारा मेडिकल स्टाफ उपस्थित थे।