अनशनकारियों के समर्थन में दरभंगा इंजीनियरिंग कॉलेज के छात्रों ने निकाला कैंडल मार्च।
आर्यभट्ट
ज्ञान विश्वविद्यालय के दमनकारी छात्र विरोधी नीतियों के वजह से बिहार के 3000 बीटेक छात्रों का भविष्य अधर में है। 14 फरवरी से छात्र अनशन पर है लेकिन अभी तक विश्वविद्यालय प्रशासन सुध लेने को तैयार नही है। और न ही अनशनकारियों के लिए मेडिकल टीम की व्यवस्था की गयी। अनशनकारियों के समर्थन में तथा अनशनकारियों के स्वास्थ्य की कामना के लिए दरभंगा इंजीनियरिंग कॉलेज के छात्रों ने कैंडल मार्च निकाला।
*क्या है मामला*
आर्यभट्ट ज्ञान विश्वविद्यालय के अंतर्गत सुपौल इंजीनियरिंग कॉलेज, सीतामढ़ी इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, पूर्णिया इंजीनियरिंग कॉलेज, के बहिष्कृत तथा गया इंजीनियरिंग कॉलेज, बुद्धा इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी गया के रद्द परीक्षा की तिथि घोषित करने, विश्वविद्यालय में पुनः मूल्यांकन नियम को लागू करने, परीक्षा केंद्र पर छात्राओं के लिए सुरक्षा मुहैया, आवगमन की सुगम व्यवस्था, सुरक्षित एवं सुगम परीक्षा केंद्र बनाये जाने की मांग को लेकर बापू जी के सत्य और अहिंसा के मार्ग पर तकनीकी छात्र संगठन के बैनर तले संगठन के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष मो. गुलफराज़ के नेतृत्व में गर्दनीबाग में अनिश्चितकालीन आमरण सत्याग्रह 2.0 का चौथा पांचवा दिन भी जारी रहा।
अनशनकारियों से वार्ता करें एकेयू प्रशासन
तकनीकी छात्र संगठन डीसीई कॉलेज अध्यक्ष सत्यम कुमार ने की छात्र पिछले 14 फरवरी से हमलोग सत्य और अहिंसा के मार्ग पर सत्याग्रह 2.0 पर है लेकिन विश्वविद्यालय प्रशासन अभी तक अनशनकारियों से वार्ता नही करने आयी है। जो बहुत ही दुःखद है छात्रों की मांग है कि विश्वविद्यालय के कुलपति और परीक्षा नियंत्रक अनशनकारियों से वार्ता करें।
अब तक 6 सत्याग्रही अस्पताल में भर्ती
सत्याग्रह पर बैठे अब तक 6 छात्रो की हालत अत्यंत खराब हो जाने के वजह से छात्र नवीन कुमार सुपौल इंजीनियरिंग कॉलेज, नवीन कुमार सीतामढ़ी इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, को रविवार को पटना मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया तथा सोमवार शाम छात्र श्रवण कुमार और गुरुचरण को पटना मेडिकल कॉलेज में तथा दो छात्र नीतीश, राहुल को गर्दनीबाग अस्पताल में भर्ती कर इलाज कराया गया लेकिन प्रशासन ने कोई सुध नही ली।
तकनीकी छात्र संगठन के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष मो. गुलफराज़ ने कहा कि वीसी और परीक्षा नियंत्रक ने क्रूरता का परिचय देने का काम किया है जो बहुत ही ज्यादा निंदनीय है उनको छात्रों के जान की कोई परवाह नहीं है। अपनी जिम्मेदारी तय करे अनशनकारियों से वार्ता कर परीक्षा की तिथि घोषित करें।
कैंडल मार्च में झा शिवम् ,सत्यम सिंह, केशव,दीपक,अनिल, आकाश, सोनू संगम,गोविंद, सहित दर्जनों छात्र उपस्थित थे।