बेलवागंज आंगनवाड़ी केन्द्र संख्या छह पर अन्नप्राशन कार्यक्रम का आयोजन
स्थानीय छह माह के दो बच्चों को खिलायी खीर
बच्चों में कुपोषण दूर करने के लिये समुचित आहार देने को ले लिया जागरूक
दरभंगा.
बेलवागंज मुहल्ला निवासी सूधा देवी का पुत्र अंगद का छह माह का हो गया. वहीं ममता देवी का पुत्र समर चार फरवरी को छह माह का हो गया था. बुधवार को समेकित बाल विकास परियोजना के तहत अन्नप्राशन दिवस पर आंगनवाड़ी केन्द्र संख्या छह में आज दोनों बच्चों को उपरी आहार के तौर पर खीर खिलाया गया. पहली बार खीर खिलाकर दोनों बच्चों की मां खुश हुई. वहीं उनके साथ आयी अन्य महिलाओं ने भी खुशी के पल का आनंद लिया. इस अवसर पर सीडीपीओ सुरभि व आंगनवाड़ी सेविका गायत्री देवी ने आगंतुक महिलाओं उनके बच्चों के सही पोषण व विकास के लिये समुचित आहार के विषय मे विस्तार से जानकारी दी. इसके पूर्व सेविका गायत्री ने घरों मे जाकर मां व उनके अभिभावकों को बच्चों के संतुलित आहार को लेकर जागरूक किया. बता दें कि हर माह में 19 तारीख को अन्नप्राशन दिवस पर आंनवाड़ी केन्द्रों पर छह माह से अधिक उम्र के बच्चों को मां के दूध के अलावा उपरी आहार दिया जाता है.
बच्चों के समुचित विकास के लिये पोषक आहार जरूरी
बेलवागंज स्थित आंगनवाड़ी केन्द्र में सीडीपीओ सुरभि ने महिलाओं को बताया कि पूरक आहार: छह माह तक शिशु का वजन लगभग दो गुना बढ़ जाता है. एवं एक वर्ष पूरा होने तक वजन लगभग तीन गुना एवं लम्बाई जन्म से लगभग डेढ़ गुना बढ़ जाती है. जीवन के दो वर्षों में तंत्रिका प्रणाली एवं मस्तिष्क विकास के साथ सभी अंगों में संरचनात्मक एवं कार्यात्मक दृष्टिकोण से बहुत तेजी से विकास होता है. इसके लिए अतिरिक्त पोषक आहार की जरूरत होती है. इसलिए छह माह के बाद शिशुओं के लिए स्तनपान के साथ अनुपूरक आहार देना चाहिए. बताया कि बच्चों को पूरक आहार छह माह से आठ माह के बच्चों के लिए नरम दाल, दलिया, दाल -चावल, दाल में रोटी मसलकर अर्ध ठोस (चम्मच से गिराने पर सरके, बहे नही), खूब मसले साग एवं फल प्रतिदिन दो बार दो से तीन भरे हुए चम्मच से देना चाहिए. ऐसे ही नौ माह से 11 माह तक के बच्चों को प्रतिदिन तीन से चार बार एवं 12 माह से दो वर्ष की अवधि में घर पर पका पूरा खाना एवं धुले एवं कटे फल को प्रतिदिन भोजन एवं नास्ते में देना चाहिए.