बांका :- बालू उठाव को लेकर नदी में धरना पर बेठे ग्रामीण । इस दौरान आक्रोशित लोगों ने क्षेत्रीय विधायक मनीष कुमार, रणगांव पंचायत के मुखिया पति अजीत प्रसाद ¨सह के विरूद्ध नारेबाजी करते हुए नदी में ही दोनों का पुतला जलाया।धरना पर बैठी महिलाएं सीपीआई की सावो देवी, छेदनी देवी, गीता देवी, सुदामा देवी, उर्मिला देवी, कौशल्या देवी, रूपा देवी, माला देवी, मुलिया देवी, नीलम देवी, लीलावती देवी आदि ने बताया कि जब गांव की महिला शौच के लिए नदी में आती है, तो ट्रक चालक गाड़ी का लाइट जला देता है। जबकि महिलाओं को देखकर फब्तियां भी कसा जाता है। ऐसे में महिलाओं का शौच जाना दुर्लभ हो गया है।ज्ञात हो कि गांव में बीपीएल परिवारों की संख्या अधिक होने के कारण अधिकांश घरों में शौचालय नहीं है। जिससे महिलाओं को घर से बाहर नदी में शौचालय जाना मजबूरी है।इधर, गांव के पुरूषों की मानें तो नदी के बालू उठाव से किसानों को ¨सचाई में काफी परेशानी हो रही है। डांड़ तक पानी नहीं पहुंचपाने से खेत ¨सचाई के अभाव में यू ही बेकार खाली पड़ा रह जाता है। जबकि वाटर लेबल भी काफी नीचे हो जाने से पेयजल समस्या बढ़ती जा रही है।
क्या कहते हैं लोग
रणगांव पंचायत के पूर्व मुखिया सुरेश कापरी, भोला ¨सह, बालमुकुंद मंडल, राम प्रसाद राय, निशाचन राय, जवाहर पंजियारा, प्रदीप कुमार ¨सह, देवेन्द्र ¨सह, उपसरपंच सुरेश कापरी, वकील वैद्य, हरि बगवै, नंदलाल मंडल आदि लोगों ने बताया कि विगत तीन वर्षों से खेतों की ¨सचाई बालू उठाव के कारण बाधित है। वहीं, पानी का लेबल दिनोंदिन घटता ही जा रहा है। नदी के बीचोंबीच बालू दस फीट उठाने से पड़रिया गांव के लोगों का रास्ता अवरूद्ध हो रहा है। ग्रामीणों ने बताया कि करीब एक माह पूर्व स्थानीय प्रशासन सहित जिला के अधिकारी एवं खनन विभाग को आवेदन देकर बालू उठाव पर रोक लगाने की मांग की गई थी। लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई है। कहा कि जबतक अवैध बालू उठाव बंद नहीं होगा धरना जारी रहेगा। बालू माफिया पर हवाई फाय¨रग भी की जाती है। इधर, धरना प्रदर्शन करने की सूचना पर धोरैया पुलिस पड़रिया गांव पहुंचकर प्रदर्शनकारियों को समझाने बुझाने का प्रयास काम किया। लेकिन आन्दोलनकारी अपनी मांग को लेकर अड़े रहे। जिससे पुलिस को वापस लौटना पड़ा।