दरभंगा पत्रांक / 3634/19 क्षेत्रीय निदेषक, क्षेत्रीय निदेषालय राष्ट्रीय सेवा योजना,पटना निर्दषानुसार कुँवर सिंह महाविद्यालय परिसर में राष्ट्रीय सेवा योजना कुँवर सिंह महाविद्यालय इकाई द्वारा संविधान दिवस के अवसर पर आयोजित PREAMBLE OF THE INDIAN CONSTITUTION का आयोजन किया गया जिसकी अध्यक्षता प्रधानाचार्य डॉ0 मो0 रहमतुल्लाह ने की।
मुख्य अतिथि राष्ट्रीय उच्चत्तर शिक्षा अभियान के पूर्व उपाध्यक्ष एवं भारतीय संविधान और राजनीति शास्त्र प्रखर वक्ता डॉ कामेश्वर झा ने भारतीय संविधान की पुस्तक पर सभी, शिक्षकों कर्मचारियों और राष्ट्रीय सवयं सेवकों के साथ पूष्प् अर्पित किए। सभा को सम्वोधित करते हुए डॉ0 झा ने कहा भारत के संविधान का सर्वोच्य विधान है जो संविधान सभा द्वारा 26 नवम्वर 1949 को पारति हुआ और 26 जनवरी 1950 से प्रभावी हुआ। 26 नवम्वर,भारत के संविधान दिवस के रूप में घोषित किया गया है। जबकि 26 जनवरी का दिन भारत के गणतव्य दिवस के रूप में मनाया जाता है। भारत का जबकि संविधान विश्व के के किसी भी गणतांत्रिक दे श का सवसे लंबा लिखित संविधान है। भारत का संविधान के निर्माण में विहार की भुमिका सर्वोच्च है। भारत के संविधान के निमार्ण में डॉ0 राजेन्द्र प्रसाद, सच्यिदानन्द सिन्हा और नन्दालाल भुमिका को कभी भुलाया नहीं जा सकता है। प्रधानाचार्य डॉ मो0 रहमतुल्लाह ने कहा राष्ट्रीय सेवा योजना द्वारा आयोजित कार्यक्रम PREAMBLE OF THE INDIAN CONSTITUTION की सराहना करते हुए कहा दे श के सभी नागरिकों को अपने अधिकार और कर्त्तव्य की जानकारी होनी चाहिए। इस तरह की परिचर्या से सभी छात्र-छात्राओं को काफी लाभ पहुँचेगा। भारतीय संविधान के निर्माता डॉ0 भीम राव अंबेडकर के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा भीम राव ने सभी धर्म, सभी जाति के साथ गंगा-यमुनी संस्कृति का ख्याल रखा। आज यहीं कारण है कि पूरे दुनिया में भारतीय संविधान को सर्वोच्य माना गया है।
राष्ट्रीय सेवा योजना के समन्वयक डॉ0 अशोक कुमार सिंह ने कहा भारतीय संविधान के निर्माण में रोचक तथ्यों की जानकारी देते हुए कहा भारतीय संविधान सभा की प्रथम वैठक 9 दिसम्वर 1946 और स्थायी अध्यक्ष डॉ0 राजेन्द्र प्रसाद थे। संविधान सभा के अस्थायी अध्यक्ष डॉ0 सच्यिदानन्द सिन्हा, एवं प्रारूप समिति के अध्यक्ष डॉ0 भीम राव अंम्वेदकर थे। संविधान सभा के ऑपचारिक रूप से प्रतिपादन वी0 एन0 रा0 कैविनेट मिषन योजना 1946 के अनुसार किया। इस देश में संविधान के गठन की मांग सर्वप्रथम १८९५ में वाल गंगाधर तिलक ने की। संविधान सभा के देसी रियासतों के 70 प्रतिनिधि भाग लिए जवकि हैदरावाद के रियासत भाग नहीं लिए। संविधान सभा के संवैधानिक सलाहकार वी0 एन0 राव0 प्रारूप समिति के समक्ष प्रस्तावना का प्रस्ताव जवाहर लाल नेहरू ने किया। संविधान सभा में भारत के संविधान को 26 नवम्वर 1946 को स्वीकृत किया गया। इसे बनाने में 2 वर्ष 11 माह 18 दिन लगा। इसमें 444 अनुच्छेद, 22 अध्याय, 12 अनुसूचियाँ सम्मलित है। इस अवसर पर डॉ0 खालिद सज्जाद, डॉ0 राकेष रंजन सिन्हा, डॉ0 स्वाति कुमारी, डॉ0 अनुराधा कुमारी, डॉ0 बिन्दू चौहान, डॉ0 मधू श्री, डॉ0 अमित कुमार सिन्हा ने प्रियंबुल ऑफ दि इंडियन कन्स्टीयुषन पर महत्वपूर्ण जानकारियाँ दी।
इस सभा में पूर्व प्रधानाचार्य डॉ0 अनिल कुमार सिंह, डॉ0 मंजू सिंह, डॉ0 अभिषेक राय, डॉ0 अभिन्न श्रीवास्तव, प्रिंस कुमार, राहुल कुमार, शुभम कुमार, अमृता कुमारी, सुमन कुमार के साथ सभी स्वयं सेवकों ने भाग लिया।
ध्न्यवाद भाषण देते हुए होम साइन्स के विभागाध्यक्ष डॉव प्राची मारवाहा ने संविधान सभा के अवसर पर आए हुए अतिथियों के प्रति आभार प्रकट करते हुए कहा दर्जनों भाषा, सैकड़ों विधि, हजारों विधान है। जो जोड़कर सवकों साथ रखे, वो भारतीय संविधान है। राष्ट्रगान के साथ सभा का समापन किया गया।
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