कृतज्ञ मिथिला वासी की ओर से आचार्य सुमन की प्रतिमा पर किया गया माल्यार्पण
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आचार्य सुरेंद्र झा सुमन की 18 वीं पुण्यतिथि वृहस्पतिवार को मनाई गई। विद्यापति सेवा संस्थान के तत्वावधान में आयोजित
कार्यक्रम में विद्यापति सेवा संस्थान के महासचिव डाॅ बैद्यनाथ चौधरी बैजू ने आचार्य सुरेंद्र झा सुमन को ऐतिहासिक महापुरुष बताते हुए एक आम मैथिल, साहित्यकार, संपादक, विधायक और सांसद के रूप में उनके कृतित्व एवं व्यक्तित्व की विस्तार से चर्चा की। पं कमला कांत झा ने कहा कि सही मायने में सुमन जी एक अमर साहित्यकार एवं कुशल राजनीतिज्ञ थे। प्रो जीव कांत मिश्र ने कहा कि वह मूलतः महाकवि थे, जिनके मुख से सदैव प्यार व दुलार प्रस्फुटित होता था। डॉ रामसुदिष्ट चौधरी ने अपने संबोधन में आचार्य सुमन को सौंदर्योपासक व महान राष्ट्र भक्त करार दिया। प्रवीण कुमार झा ने विद्यापति सेवा संस्थान का आजीवन सदस्य रहे आचार्य सुरेंद्र झा सुमन रचित शिव पंचाक्षर स्तुति की चर्चा करते हुए कहा कि देवों के देव महादेव की महिमा का वर्णन करती सुमन जी की यह रचना भारतीय साहित्य की अनुपम, अद्वितीय और अद्भुत कृति है। प्रो चंद्रशेखर झा बूढ़ा भाई ने आचार्य सुमन को सजग राष्ट्र का सजग प्रहरी बताते हुए कहा कि आचार्य सुमन अमर हैं और अमर रहेंगे।
इससे पहले हराही पोखर स्थित आचार्य सुरेंद्र झा सुमन की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर समस्त मिथिलावासी की ओर से श्रद्धा सुमन अर्पित किया गया। इस अवसर पर कृष्ण कुमार झा, फूल कुमार झा, डॉ गणेश कांत झा, डॉ उदय कांत मिश्र, आशीष चौधरी, मणि भूषण राजू, चन्दन सिंह, रामाज्ञा झा, पुरूषोत्तम वत्स आदि की उल्लेखनीय उपस्थिति रही।