छात्र संघ ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय द्वारा विभिन्न शैक्षणिक समस्याओं को लेकर आज विश्वविद्यालय मुख्यालय पर एकदिवसीय धरना दिया गया।
इस
अवसर पर छात्र संघ अध्यक्ष आलोक कुमार ने कहा कि शांतिपूर्ण तरीके से अबतक जितने मांगपत्र सौंपी गई थी इसपर विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा कोई करवाई नही की गयी थी, जिस कारण आज मजबूरन यह धरना देना पड़ा , इस धरने में पूरे विश्वविद्यालय क्षेत्रान्तर्गत चारो जिले से सैकड़ो छात्रों ने अपनी सहभागिता छात्र हित मे दर्ज किया।
वहीँ इस अवसर पर छात्र संघ उपाध्यक्ष ध्रुव कुमार ने कहा कि विश्वविद्यालय में आयोजित आज के धरने के मुख्य विषय छात्र हित व महाविद्यालय हित की समस्याओं को लेकर यह धरना आज विश्वविद्यालय में आम छात्रों व छात्र संघ के सभी जिले के पदाधिकारियों के साथ यह धरना आयोजित किया गया, विश्वविद्यालय आगे कोई ठोस करवाई नही करेगी तो छात्र संघ 10 दिनों के उपरांत उग्र आंदोलन करेगी।
वहीँ इस अवसर पर छात्र संघ संयुक्त सचिव अमर्त्य कुमार ने कहा कि हजारों छात्रों के पंजीयन सहित महाविद्यालय व छात्र हित के सम्याओं को लेकर हमारा धरना आयोजित किया गया था।
वहीं छात्र संघ कोषाध्यक्ष नीतीश कुमार सिंह ने कहा कि छात्र संघ को साजिश के तहत पंगु बनाने व छात्र हिट के आवाज के दवाने के खिलाफ यह धरना आयोजित किया गया, पीजी के सभी विभागों सहित सहित सभी महाविद्यालय के समस्याओं को अविलंव बहाल करने को लेकर छात्र संघ यह धरना आयोजित किया ।
वहीं इस अवसर पर विश्वविद्यालय के सिंडिकेट सदस्य बैजनाथ चौधरी ने कहा कि महज सीनेट सिंडिकेट के बैठक खानापूर्ति के उद्देश्य से विश्वविद्यालय प्रशासन करती है, महाविद्यालय में पठन पाठन को इरादतन समाप्त करने की साजिश रची जा रही है, छात्र हित के हर लड़ाई में हम छात्र संघ के साथ है।
वही सिंडिकेट सदस्य हरिनारायण सिंह ने कहा कि छात्र संघ का यह धरना छात्र हित में उचित है , साथ ही छात्र हित मे छात्र संघ की आवाज अविलंव बहाल किया जाए।
वही सिंडिकेट सदस्य सुजीत पासवान ने कहा कि महाविद्यालय स्तर से लेकर विश्विद्यालय स्तर तक शिक्षा में दलाली प्रथा व्याप्त हो गयी है, एक गिरोह के माध्यम से पास प्रमोटेड , फेल का गोरखधंधा अनवरत चलाया जा रहा है , सीनेट सिंडिकेट को पंगु बनाकर रखा गया है।
धरना के उपरांत 6 सदस्यीय प्रतिनिधमंडल वार्ता के लिए कुलपति के पास गए जिसमे छात्र संघ अध्यक्ष आलोक कुमार, संयुक्त सचिव अमर्त्य कुमार, कोषाध्यक्ष नीतीश कुमार सिंह , सिंडिकेट सदस्य सुजीत पासवान, ब्रजेश सिंह , पूर्व महासचिव आदित्य कुमार, सुमित सिंह सम्मलित थे।
छात्र संघ की निम्नलिखित मांगो को लेकर छात्र संघ ने धरना दिया जो इस प्रकार है:-
(1) मिथिला विश्वविद्यालय के दो काउंसिल मेंबर एवं एस. बी. एस. कॉलेज के उपाध्यक्ष सहित स्नातक प्रथम खंड में हजारों नामाकित छात्रों का पंजीयन करावे !
(2) विगत 5 वर्ष से रूसा एवं UGC परियोजना तथा दूरस्थ शिक्षा विभाग की भ्रष्टाचार की जॉच कराई जाए , साथ ही भ्रष्टाचार के सूत्रधार कौशल कुमार को पद से हटाया जाए , एवं समस्तीपुर की वर्तमान प्राचार्या मीना प्रसाद को अविलंव हटाया जाए।
(3) विश्वविद्यालय के धारा 28 के अनुसार छात्र के कल्याण तथा शैक्षिक, उन्नयन, एवं महाविद्यालय में वर्ग एवं प्रयोगिक वर्गों का संचालन, प्रयोगिक उपकरण एवं केमिकल की आपूर्ति , पुस्तकालय में पुस्तकों की आपूर्ति के लिए अविलंब समिति बनाई जाए जिसमें छात्र संघ प्रतिनिधि का भागीदारी सुनिश्चित किया जाए।
(4) विश्वविद्यालय के परिनियम के अनुसार प्रत्येक स्नातकोत्तर विभाग एवं महाविद्यालय में 12.5% छात्रों का पूरा छूट या 25% छात्रों को आधा छूट प्रदान किया जाए उसके लिए भी समिति का निर्माण किया जाए जिसमें छात्र संघ का प्रतिनिधि का भागीदारी सुनिश्चित किया जाए।
(5) प्रत्येक महाविद्यालय में निर्धन छात्र कोष के नाम पर छात्रों का शुल्क वसूली की जाती है, पर कई वर्षों से एक भी गरीब मेघावी छात्रों को इसका लाभ नहीं प्रदान किया गया , हमारी मांग है कि एक निर्धन छात्र कल्याण समिति बनाई जाए जिसमें छात्र संघ के प्रतिनिधि की भागीदारी सुनिश्चित किया जाए।
6.आश्चर्य का विषय है कि, ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय के वार्षिक बजट 20-21 मे कार्यालय एवं आकस्मिक मद में 51 करोड़ 82 लाख 30 हजार 272 रुपया जो की मासिक 4 करोड़ 31 लाख 85 हजार 856 मासिक पड़ता है. वहीं दूसरी ओर महाविद्यालय और विश्वविद्यालय छात्र संघ को रचनात्मक कार्यक्रम संचालन के लिए छात्रसंघ कोष की राशि खर्च करने में कानूनी पेचीदगी. एवं टाल मटोल प्रक्रिया झेलना पड़ता है अतः महाविद्यालय एवं विश्वविद्यालय के छात्र संघ को अपनी गतिविधियों को सफलतापूर्वक चलाने के लिए स्वतंत्रता प्रदान किया जाए, ताकि महाविद्यालय में छात्र की उपस्थिति का प्रतिशत बढ़ सके।
7. विश्वविद्यालय के 23 विभाग सहित सभी महाविद्यालयों में स्वच्छ पेयजल, शौचालय, सिलेबस आधारित आधुनिक पुस्तको की खरीदारी सुनिश्चित किया जाए।
8. विश्वविद्यालय की इकलौती विधि महाविद्यालय की अबतक उपेक्षा किसी से छुपी हुई नही है, विश्वविद्यालय अविलंव सी. एम. विधि महाविद्यालय में एल. एल.एम की पढ़ाई के साथ महाविद्यालय में 2 एफ पंजीयन सुनिश्चित करवाया जाए ताकि छात्रों को बेहतर उच्च शिक्षा विधि महाविद्यालय मे मिल सके।
9. बेगूसराय में विश्वविद्यालय उपकेंद्र तथा मधुबनी व समस्तीपुर में समस्या संग्रह केंद्र खोला जाए ताकि छात्रों को छोटी छोटी समस्याओं के लिए बेवजह
विश्वविद्यालय केंद्र नही आना पड़े और अपने जिले में ही उनका काम हो सके और उनका कीमती समय व पैसा बच सके।
10. वी.एस. जे कॉलेज राजनगर, बी.आर. बी कॉलेज समस्तीपुर ,एस. बी.एस. एस. कॉलेज, बेगूसराय ए. पी.एस. एम कॉलेज बरौनी, आर. सी.एस. कॉलेज मझौल, एम.एल.एस.एम महाविद्यालय दरभंगा में स्नातकोत्तर की पढ़ाई अविलंव सुनिश्चित किया जाए।
11. यूजी से पीजी तक बिहार सरकार के घोषणा अनुसार जनजातीय छात्रों को निःशुल्क पढ़ाई की व्यवस्था करवाई जाए।
12. प्रोस्पेक्टस के अनुसार मदवार जो छात्रों से पैसा वसूला जाता है उसी मद में व्यय किया जाए।
13. प्रश्नपत्र एवं अन्य छपाई पर 40 प्रतिशत कमीशन के गोरखधंधा को बंद किया जाए।
14. विश्वविद्यालय छात्र संघ कार्यालय का नाम स्वामी विवेकानंद जी के नाम पर हो साथ ही छात्र संघ के नए भवन का निर्माण हो एवं इस कार्यालय में दूर से पहुँचे हुए छात्रों को डोरमेटरी सुविधा के तहत ठहरने का प्रबंध हो
15. पूर्व में पारित हुए 22 सीसीटीवी कैमरा को अविलंव चिन्हित स्थानों पर लगाया जाए एवं छात्रों की सुरक्षा निश्चित किया जाए, साथ ही विश्वविद्यालय सभी महाविद्यालय के प्राचार्य को निर्देश करें कि महाविद्यालय के संसाधनों के सुरक्षा हेतु सुरक्षा गार्ड की व्यवस्था करे।
विश्वविद्यालय इन सभी मांगो पर अविलंव ठोस करवाई करते हुए 10 दिनों के अंदर करवाई करें अन्यथा छात्र संघ अब धरना के जगह विशाल प्रदर्शन करेगी, जिसकी सम्पूर्ण जिम्मेदारी विश्वविद्यालय प्रशाशन की होगी।
इस धरना को संबोधित करते हुए छात्र संघ पदाधिकारियों के साथ सीनेट सदस्य चंदन कुमार ने संबोधित किया साथ ही विश्वविद्यालय के छुब्ध रवैये को लेकर अपने सीनेट पद से इस्तीफा की घोषणा किये।
इस धरने को कुन्दन सिंह, वंदना कुमारी, रूपा कुमारी ,जुली कुमारी, अभिषेक कुमार मोनू, अभिषेक कुशवाहा, राकेश कुमार, अशोक कुशवाहा, विष्णु विज्ञान झा, अनुपम कुमार, माधव झा, कौशल कुमार सहित दर्जनों वक्ताओं ने धरने को संबोधित किया।
साथ ही इस धरने में 600 से अधिक छात्र छात्रा सम्मलित हुए।