मखाना अनुसंधान केंद्र में दरभंगा की छात्राओ का दस-दिवसीय प्रशिक्षण प्रारंभ
मखाना
अनुसंधान केंद्र, दरभंगा में जिला के चार अलग अलग महाविद्यालयों तथा उच्चविद्यालयों की क्षात्राओं का मखाना के उत्पादन एवं प्रसंस्करण पर दस-दिवसीय प्रशिक्षण आरम्भ हुआ। 13 से 23 मार्च तक चलने वाले इस व्यवसायिक प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारंभ संस्थान के अध्यक्ष डॉ. आई एस सिंह, वैज्ञानिक डॉ. मनोज कुमार एवं डॉ. बी आर जाना ने सयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर किया। मखाना की खेती एवं इसके प्रसंस्कृत उत्पादों के व्यवसायिक महत्व पर जोर देते हुए प्रशिक्षण उपनिदेशक डॉ. मनोज कुमार ने कहा कि अन्य सामान्य कृषि उत्पादों की तुलना में मखाना कई गुणा अधिक लाभप्रद फसल है। वैश्विक स्तर पर इसकी बढ़ती मांग एवं सीमित क्षेत्रों में इसके उत्पादन के कारण मखाना की खेती आने वाले समय में और ज़्यादा लाभप्रद साबित होगी। उन्होंने कहा कि उक्त प्रशिक्षण का उद्देश्य मिथिलांचल की छात्राओं में आत्मनिर्भरता का विकास एवं उद्यमिता को प्रोत्साहन देना है।
प्रशिक्षण निदेशक डॉ. आई. एस. सिंह ने कार्यक्रम के प्रायोजक संस्था “गोईंग टू स्कूल” के प्रयासों की सराहना करते हुए बताया कि मखाना के साथ साथ मछली उत्पादन से कृषकों की आमदनी और ज़्यादा बढ़ाई जा सकती है। छात्राओं से वार्ता के क्रम में उन्होंने मखाना के प्रसंस्कृत उत्पादों की विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने मखाना उत्पादन एवं प्रसंस्करण की दिशा में संस्थान द्वारा विकसित तकनीकों की जानकारी भी प्रशिक्षुओं को दी। डॉ. बी आर जाना ने मखाना सह मछली उत्पादन की बारीकियों से प्रशिक्षुओं को अवगत कराया। उक्त कार्यक्रम में दरभंगा की लगभग पचास छात्राओं के साथ प्रायोजक संस्था जी. टी. एस. का प्रतिनिधित्व निधि कुमारी, आलोक कुमार, गोविंद कुमार सिंह एवं सौम्या सिन्हा ने किया। ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय की छात्राओं ने भी इस कार्यक्रम में हिस्सा लिया। डॉ. आई. एस. सिंह के गीत एवं डॉ. मनोज कुमार द्वारा ग़ज़लों की प्रस्तुति के बाद धन्यवाद ज्ञापन के साथ कार्यक्रम का समापन हुआ।