दरभंगा लहरिया सराय वरीय पुलिस अधीक्षक कार्यालय दरभंगा जिला के सिंघवारा थाना अंतर्गत फिरौती हेतु अपहरण की घटित घटना ने अपहर्ताओं की कुशल बरामदगी एवं कांड में संलिप्त अपराधियों की गिरफ्तारी घटित
घटना के बाद आरंभ में पुलिस के द्वारा फिरौती हेतु अपहरण सहित कई दिशाओं में अनुसंधान किया गया जिसमें एक संभावना व्यक्त की गई कि अब हरदा काफी अधिक धार्मिक प्रवृत्ति है एवं धार्मिक संस्था से जुड़े हैं तीर्थ स्थलों पर पूर्व से जाते रहे हैं इस प्रकार परिवारों और परिचितों के द्वारा यह संभावना व्यक्त की गई कि अपर्ता चुपचाप कहीं धार्मिक स्थल पर तीर्थ करने चले गए हैं उस स्थलों पर भी काफी खोजबीन कराई गई सीसीटीवी फुटेज खंगाले गए रेलवे स्टेशन बस स्टैंड आदि जगह खोजने का प्रयास किया गया इन्हीं गतिविधियों की भी छानबीन की गई परंतु कोई सुराग नहीं मिला घटना के 1 महीना बीत जाने के बाद नेपाल देश के एक मोबाइल नंबर से कॉल आया था यह नंबर बंद कर लिया गया पुनः कुछ दिनों के बाद एक भारतीय नंबर से कॉल कर बताया गया कि अपहर्ताओं उनके पास है इसके बाद अभियुक्तों के द्वारा नए-नए सिम बदलकर अपर्ता के परिवार को कॉल कर विश्वास दिलाया गया कि अपहर्ताओं उनके कब्जे में है तथा फिरौती की भारी राशि मांगी गई है अपराधियों की गिरफ्तारी करते हुए ऑफरता रमन कुमार ठाकुर को सकुशल बरामदगी करने में कामयाब पाई गई इस गिरोह के मुख्य सरगना अजय सिंह तथा कांड में संलिप्त अपराधी की गिरफ्तारी की गई इस कांड में मुख्य लाइनर की भूमिका रवि रंजन कुमार के द्वारा निभाई गई रवि रंजन कुमार ऑफरता रमन कुमार ठाकुर के गहरे दोस्त थे तथा अमृता के घर पर लगातार आना जाना रहता था इन दोनों की पिता पूर्व से गारे दोस्त रह चुके हैं रवि रंजन कुमार ने अमरेंद्र कुमार सिंह के माध्यम से अजय सिंह से संपर्क में आया तथा अजय सिंह को लालच दिया कि इस परिवार से 5 करोड रुपए की राशि भरता के द्वारा प्राप्त किया जा सकता है तथा इस घटना करने के लिए लगभग 1 साल से यह योजना बनाई जा रही थी मुजफ्फरपुर स्थित यारपुर में अमरेंद्र कुमार सिंह के आवास पर सभी लोगों की बैठक हुई तथा पूर्व निर्धारित योजना के अनुसार लालबाबू की कार की व्यवस्था की गई अजय सिंह सिक्योरिटी एजेंसी के मालिक के द्वारा एक पिस्टल और आठ कारतूस की व्यवस्था की गई सरगना अजय सिंह सुरक्षा एजेंसी के मालिक हामिद उर्फ अमित तथा लालबाबू चार लोग कार पर बैठकर अतरबेल बिठौली चौक पर अपर्ता के आने का इंतजार करने लगे अपर्ता रमण कुमार ठाकुर के आने पर अजय सिंह तथा सुमन कुमार उर्फ लालबाबू द्वारा उसको पकड़कर गाड़ी में बैठा लिया गया तथा सुरक्षा एजेंसी वाला अजय सिंगर पड़ता के मोटरसाइकिल को लेकर मुजफ्फरपुर की ओर बढ़ गया शेष अभियुक्तों ऑफरता को कार में बैठाकर गोरीगामा गांव थाना मीनापुर मुजफ्फरपुर पहुंचे जहां पर पूर्व निर्धारित योजना के अनुसार दिलीप सिंह के यहां सीखने की योजना थी परंतु ऐन मौके पर भरता को छिपाने में असमर्थ जताई गई ऐसे में अमृता को एक रात खेत में गुजर करना पड़ा शाम को वहां पर हामिद रोहित और मास्टर भी पहुंच गए हामिद उर्फ अमित के द्वारा नवल सहनी तथा अन्य ग्रामीणों को बुलाया सुबह में वह लोग चार पहिया वाहन से पहुंचे तथा पढ़ता को लेकर अपने गांव ले जाकर खेत में 1 सप्ताह तक छिपा कर रखा गया उसके बाद ऑफरता को जीरोमाइल स्थित लाकर रखा गया तथा ₹50000 देने का लालच देकर काम कर रख लिया गया मकान मालिक अजय सिंह सुरक्षा एजेंसी के मालिक बाहर से मकान पर ताला लगा देता था तथा रात को घर पर पहुंचने पर ताला खुलता था इसी बीच में अभियुक्तों ने ऑफरता से एक पत्र लिखवा कर पीड़ित परिवार को भेजो आया उसने उन्होंने रुपए की मांग की गई और मांगों को मान लेने की आग्रह किया गया अपर्ता के आवाज को रिकॉर्ड कर अभियुक्तों द्वारा पीड़ित परिवारों को भेजकर अपर्ता को जान से मारने की धमकी देते रहें तथा फिरौती हेतु मांग की गई पुलिस के द्वारा इन गतिविधियों पर नजर रखी गई थी और सही समय पर इस कांड में संलिप्त सभी अपराधियों की गिरफ्तारी और ऑफरता को सकुशल बरामद कर लिया गया इस टीम में शामिल पुलिस पदाधिकारी एवं कर्मियों को पुरस्कृत करने हेतु वरीय पदाधिकारी को अलग से प्रस्ताव तैयार कर भेजा जाएगा