छात्र सेना प्रेस विज्ञप्ति कर विश्वविद्यालय को अवगत कराना चाहता है कि ऑनलाइन परीक्षा को लागू नही किया जाए:-
सीएम साइंस कॉलेज छात्रसंघ अध्यक्ष एवं छात्र सेना मेंबर अरुण कुमार ने कहा कि ऑनलाइन परीक्षा आयोजित कर मिथिला यूनिवर्सिटी के लगभग 60% छात्र-छात्राओं के भविष्य के साथ खेलने का प्रयास कर रहे
हैं । और हमारे अधिकांश बहने जो वर्तमान में मिथिला यूनिवर्सिटी के छात्रा हैं उन्हें ऑनलाइन परीक्षा की जानकारी यह परीक्षा किस तरह दी जाती है उन्हें शायद ही पता होगा क्योंकि बात अगर दरभंगा जिला करें तो दरभंगा जिला में कुल 1314 गांव है जिन में निवास करने वाले तमाम छात्रा छात्र मिथिला यूनिवर्सिटी पर निर्भर है उन्हें इस तरह के परीक्षा का कभी अनुभव नहीं है की इस तरह की परीक्षा कैसे दी जाती है और हमारे अधिकांश छात्र छात्राएं मोबाइल और इंटरनेट से वंचित है एकाएक इस तरह के एग्जाम लांच होने से कई छात्र-छात्राएं इस एग्जाम को देने में असमंजस होंगे की एग्जाम की पैटर्न कैसा होगा एग्जाम किस आधार पर होगा क्योंकि यदि ऑनलाइन एग्जाम आयोजन होता है तो प्रश्न भी ऑब्जेक्टिव होगा जिससे पढ़ाई और सिलेबस को समझ पाना सभी छात्र छात्राओं के लिए कठिनाई का सामना करना पड़ेगा
छात्र सेना संस्थापक सदस्य अनुराग सिंह गौतम ने कहा कि विश्वविद्यालय को लॉकबॉर्न तक किसी भी निर्णायक फैसला लेने के लिए रुकना चाहिए उसके बाद के स्थिति को देखकर कोई कदम उठाना चाहिए क्योंकि अचानक इस तरह के फैसला से छात्र छात्राओं के साथ तमाम यूनिवर्सिटी के सिस्टम को परेशानी का सामना करना होगा यदि उन्हें थर्ड पार्ट के रिजल्ट प्रकाशित करना है तो सभी ऑनर्स पेपर के एक या दो पेपर का परीक्षा बाकी है जिस पेपर का परीक्षा हो चुका है उस पेपर के प्राप्तांक के अनुसार बाकी छुटे पेपर में एवरेज मार्किंग करना चाहिए और बच्चे शेष पेपर जीके जीएस में एक अनुमानित मार्क देकर सभी छात्र छात्राओं का रिजल्ट प्रकाशित कर सकते हैं इससे छात्र-छात्राओं के मेरिट के अनुरूप उनको उनका रिजल्ट प्राप्त हो जाएगा