शिक्षकों की बहाली नहीं, “बूथ मैनेजर” की बहाली कर रही नीतीश सरकार : आप
पटना, आम आदमी पार्टी(आप) बिहार इकाई ने राज्य की नीतीश-मोदी सरकार पर बड़ा आरोप लगाते हुए कहा है कि कैबिनेट ने इस वर्ष चुनाव से 6 माह पूर्व उच्च माध्यमिक स्कूलों के लिए जो 33,916 शिक्षकों की बहाली का फैसला लिया है,
वह दरअसल बूथ मैनेजर (पेड वर्कर) की बहाली का फैसला है।
यह आरोप आम आदमी पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता चंद्र भूषण ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर आरोप लगाया कि नीतीश कुमार चुनाव में जीत हासिल करने के उद्देश्य से वर्ष 2009, 2015 के बाद अब 2020 में चुनाव से ठीक पहले शिक्षक बहाली की प्रक्रिया शुरू कर रही है। इसके जरिए वह चुनाव जीतने के लिए युवाओं को लॉलीपॉप थमाना चाहती है अथवा वोट बैंक बनाना चाहती है। उन्होंने आरोप लगाया की नीतीश कुमार ने पूर्व की नियुक्तियां तो की नहीं, अब नया चुनावी शिगूफा छोड़ दिया है।
श्री चंद्र भूषण ने कहा कि करीब चार लाख प्राथमिक और माध्यमिक टीचर पिछले 17 फरवरी से विभिन्न मांगों को लेकर आंदोलनरत हैं, जिसमें अब तक 55 शिक्षकों की निलंबन की आशंका और पैसे की तंगी से मौत हो चुकी है।
आप प्रवक्ता ने आरोप लगाया कि नीतीश सरकार ने राज्य में ठेके पर शिक्षकों और कर्मियों के नियोजन का ऐसा जाल फैलाया है जो उन्हें चुनाव के वक्त कैडर के रूप में या पेड वर्कर के रूप में मदद करते हैं। 4 लाख नियोजित शिक्षकों के अलावा टोला सेवक, आशा कार्यकर्ता, जीविका दीदी, न्याय मित्र, न्याय सचिव आदि ऐसे ढाई लाख पदधारी हैं जिसके जरिए कुछ पैसे का लोभ देकर नियोजन के नाम पर अपनी पार्टी का उन्हें पेड वर्कर बना लिया गया है। बिहार में कुल 243 विधानसभा है और अगर औसतन प्रति विधानसभा 300 बूथ हैं तो करीब 72600 बूथ के लिए आधे बूथ के लिए 33,916 शिक्षकों की बहाली की प्रक्रिया शुरू हो रही है जिससे चुनाव के वक्त इन्हें फायदा मिल जाता है,जबकि इन सभी को बिहार सरकार की सेवा शर्तों के अनुरूप परमानेंट बहाली होनी चाहिए ताकि बेरोजगार युवाओं का नियोजन के नाम पर शोषण न हो सके।