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मधुबनी कोरोना वायरस संक्रमण के दौरान गर्भवती महिलाओं की विशेष देखभाल आवश्यक।

कोरोना संक्रमण के बीच सदर अस्पताल में 395 बच्चों ने लिया जन्म

– कोरोना वायरस संक्रमण के दौरान गर्भवती महिलाओं की विशेष देखभाल आवश्यक

-आपात

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स्थिति में अवश्य लें चिकित्सकीय परामर्श कोरोना वायरस संक्रमण के दौरान लोगोँ को स्वास्थ्य पर विशेष निगरानी जरूरी है। बच्चे, बुजुर्ग एवं महिलाएं सभी को इस परिस्थिति में विशेष सावधानी बरतनी चाहिए। वही गर्भवती महिलाओं के देखभाल के प्रति घर के सदस्यों को विशेष जागरूकता की आवश्यकता है। विशेषकर सुरक्षित मातृत्व के लिए गर्भावस्था के दौरान प्रसवपूर्व जांच के साथ संस्थागत प्रसव जरूरी है। कोरोना वायरस संक्रमण के बढ़ते मामलों को देखते हुये गर्भवती महिलाओं के लिए भी सुरक्षा के नजरिए से घर में हीं रहना ज्यादा उचित है। जिला अस्पतालों और स्वास्थ्य कर्मी भी अभी मुख्य रूप से कोरोना संक्रमित या संदिग्ध मरीजों के इलाज के लिए तत्पर हैं । इस समय में जिन घरों में गर्भवती महिलायेँ हैं, वहाँ अभिभावक उनके प्रसव को लेकर बिलकुल हीं नहीं घबराएँ । बल्कि उनका विशेष ख्याल रखें और प्रसव के लिए आवश्यक तैयारियां हमेशा उपलब्ध रखें । विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा बताया गया है कोरोनावायरस संक्रमण से गर्भवती एवं धात्री महिलाओं को घबराने की नहीं , किन्तु विशेष ख्याल रखने कि जरूरत है ।
सदर अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड और प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों में उपलब्ध है प्रसव कि सुविधा

सिविल सर्जन डॉ. सुनील कुमार झा ने बताया कोरोना के संदिग्ध मरीजों के कारण किसी भी आपातकालीन सेवा में कोई भी रुकावट नहीं आई है । हालांकि कोविड 19 के बढ़ते संक्रमण के कारण अधिकांश स्वास्थ्य कर्मी कोरोना के संदिग्ध या संक्रमित मरीजों को सेवा उपलब्ध कराने में जुटे हुये हैं . लेकिन सदर अस्पताल के एमेर्जेंसी वार्ड और सभी प्रखण्ड प्राथमिक चिकित्सा केन्द्रों पर भी बिना किसी रुकावट के गर्भवती महिलाओं का प्रसव कराया जा रहा है ।विभाग द्वारा इसमें किसी भी प्रकार कि लापरवाही नहीं वरतने के सख्त निर्देश दिये गए हैं।उन्होने यह भी जानकारी दी कि सभी आशा कार्यकर्ताओं को ये निर्देश दिये गए हैं कि अपने क्षेत्र के गर्भवती महिलाओं का विशेष ख्याल रखें तथा गृहभ्रमण के समय उनको और उनके अभिभावकों को प्रसव से पहले कि तैयारियों और सावधानियों से अवगत कराये ताकि प्रसव के समय किसी भी आपातकालीन परिस्थिति से निपटा जा सके।
झा ने बताया लॉक डाउन होने के बावजूद सभी सरकारी अस्पतालों में एंबुलेंस की निरंतर सेवा दी जा रही है किसी भी गर्भवती महिला के प्रसव के लिए सदर अस्पताल आने के लिए 102 नंबर पर संपर्क किया जा सकता है।

लॉक डाउन अवधि में अब तक 395 बच्चों का हुआ जन्म

विदित हो कि 23 मार्च से 3 मई तक सरकार द्वारा लॉक डाउन लगाया गया है। इस अवधि में 24 मार्च से 30 अप्रैल तक 395 महिलाओं का संस्थागत प्रसव हुआ है। जिसमें 24 मार्च को 10, 25 मार्च को 14,26 मार्च को 11, 27 मार्च को 7,28 मार्च को 11,29 मार्च को 7,30 मार्च को 4, 31 मार्च को 10,1 अप्रैल को 12,2अप्रैल को 7, 3 अप्रैल को 9,4 अप्रैल को 9,5 अप्रैल को 12, 6अप्रैल को 12, 7 अप्रैल को 16 अप्रैल, को 8 अप्रैल को 8,9 अप्रैल को 9,10 अप्रैल को 6, 11 को 12,12 अप्रैल को 14, 13 अप्रैल को 11, 14 अप्रैल को 18,15 अप्रैल को 14, 16 अप्रैल को 9, 17 अप्रैल को 5, 18 अप्रैल को 7, 19 अप्रैल को 9, 20 अप्रैल के 11,21 अप्रैल को 13, 22 अप्रैल को 12, 23 अप्रैल को 13, 24 अप्रैल को 22, 25 अप्रैल को 13, 26 अप्रैल को 12, 27 अप्रैल को 14, 28 अप्रैल को 7, 29 अप्रैल को 4 कुल 395 बच्चों का जन्म हुआ। जिसमें 27 अप्रैल को एक सिजेरियन से प्रसव हुआ। सिविल सर्जन के अथक प्रयास से सामान्य सिजेरियन प्रसव सदर अस्पताल में ही होंगे इसके लिए अब उन्हें रेफर नहीं किया जाएगा।

संस्थागत प्रसव क्यों है जरूर

केयर इंडिया की डीटीएल महेंद्र सिंह बताते हैं 10 फीसदी केस में प्रसव के दौरान स्थिति बिगड़ने की संभावना रहती है जिससे महिला चिकित्सक और एएनएम संभालती है।
बच्चे के जन्म के 24 घंटे के अंदर बच्चे को बीसीजी, हेपेटाइटिस बी व पोलियो का ड्राप बहुत आवश्यक है, जो अस्पताल में ही मिलता है।

कैसे करें प्रसव की तैयारी

सुरक्षित मातृत्व के लिए संस्थागत प्रसव सबसे ज्यादा सुरक्षित उपाय है। लेकिन कोरोना संक्रमण के कारण हर जगह लॉकडाउन की स्थिति बन गयी है । घर से बाहर निकलना असुरक्षित हो गया है। ऐसे में जिस घर में गर्भवती महिला हों वहाँ विशेष सावधानी और तैयारी कि आवश्यकता होती है । इसके लिए क्षेत्र की आशा से भी तुरंत संपर्क किया जा सकता है।

ऽ प्रसव के समय दवा या किसी जरूरी चीज के लिए आवश्यक पैसों की व्यवस्था रखनी चाहिए।

ऽ सभी आवश्य नंबर जैसे निशुल्क एम्बुलेंस,आशा कार्यकर्ता , सदर अस्पताल ,प्राथमिक चिकित्सा केंद्र का नंबर कि जानकारी होनी चाहिए ।तथा जरूरत पड़ने पर 1-2 स्थानीय गाड़ी चालक का नंबर भी उपलव्ध होनी चाहिए

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