परिवार की परवाह न कर कोसों दूर निभा रही अपना कर्तव्य, 12 मई को अंतर्राष्ट्रीय नर्स दिवस
• स्वास्थ्य के लिए विश्व का नेतृत्व करने की एक आवाज इस वर्ष की थीम
• -1974 से प्रतिवर्ष मनाया जाता है अंतरराष्ट्रीय नर्स डे
मधुबनी

इस वैश्विक महामारी कोरोना काल में स्वास्थ्य कर्मी लोगों की सेवा में दिन-रात लगे हुए हैं. ऐसे में सभी एएनएम डॉक्टर टेक्नीशियन सभी कोरोना मरीज की सैंपलिंग स्क्रीनिंग व इलाज़ में लगे हुए हैं. जिला अस्पताल के एसएनसीयू में तैनात ए ग्रेड नर्स ममता कामिनी अपने परिवार से सैकड़ों किलोमीटर दूर एसएनसीयू में अपनी कर्तव्य निष्ठा के साथ कार्य कर रही है। वही दूसरी जीएनएम रीना कुमारी भी मरीज़ की सेवा को ही अपना धर्म मानती है. लिहाज़ा अस्पताल के डॉक्टर व कर्मी उनके सेवा के कायल है. जबकि मरीज़ भी उनके मानवीय अच्छे आचरण की चर्चा करते है.
दो महीने से नही मिली अपने बच्चों से:
नर्स ममता कामिनी जिला अस्पताल में एसएनसीयू में वर्ष 2016 से पदस्थापित हैं. वह मूलत नालंदा जिले की रहने वाली हैं. उनके पति बच्चों के संग जमशेदपुर में रहते हैं. उन्होंने बातचीत के क्रम में बताया कि लॉक डाउन से पहले महीने दो महीने पर बच्चे से मिल आती थी परंतु 23 मार्च से लॉकडॉन के बाद परिवार से दूर रहकर कार्य कर रही हैं. अपने परिवार की जब कभी याद आती है, तो वीडियो कॉल के माध्यम से अपने बच्चों को देख लेती हूं। बातचीत के क्रम में वह बताती हैं कि उनके दो बच्चे हैं. एक 12 साल का तथा दूसरा बच्चा 10 साल का है. वह बताती हैं कि बच्चे भी उनके कार्य से खुश होते हैं. उनके बच्चे भी उनके कार्य पर गर्व करते हैं. इस कार्य में उनके पति का भी पूरा सहयोग मिलता है।उनके परिवार के लोगों का भी कहना है कि उन्हें अपनी बेटी पर गर्व है जो इस कोरोना काल में भी दिन-रात मरीजों की सेवा कर रही है।
घर से सैकड़ों किलोमीटर दूर अस्पताल में मरीज़ों के बीच गुज़ारती वक्त
वही एसएनसीयू में पदस्थापित एक और ए ग्रेड एएनएम रीना कुमारी जो वर्ष 2016 से ही स्वास्थ्य विभाग में अपनी सेवा दे रहीं हैं, वह भी अपने परिवार से सैकड़ों किलोमीटर दूर बिहारशरीफ नालंदा की रहने वाली हैं. इनके पति और बच्चे भी नालंदा में ही रहते हैं. इन्होंने भी बताया वह घर परिवार से दूर रहके कार्य कर रही है. उन्होंने बताया उन्हें खुशी होती है कि उन्हें ऐसे विपरीत स्थिति में लोगों की सेवा करने का मौका मिल रहा है. उनकी एसएनसीयू के अलावा ऑपरेशन थिएटर में भी ड्यूटी होती है. कभी-कभी सामान्य से भी ज्यादा 10 से 12 घंटा भी कार्य करना पड़ता है. वह कहती हैं, उन्होंने अपने बच्चों को सांत्वना दी है कि कोरोना का संक्रमण जल्दी ही देश से दूर होगा एवं वह जल्द ही घर वापस आएगी.
नाइटेंगल के जन्म दिवस पर मनाते नर्स डे:
दुनिया भर में हर साल 12 मई को फ्लोरेंस नाइटेंगल के जन्म दिवस को 1974 से प्रतिवर्ष अंतरराष्ट्रीय नर्स दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस वर्ष विश्व नर्सिंग डे की थीम “नर्स: स्वास्थ्य के लिए विश्व का नेतृत्व करने की एक आवाज, रखी गई है, विश्व भर में इस दिवस को प्रत्येक साल मनाया जाता है. स्वास्थ्य क्षेत्र में नर्स की भूमिका काफी अहम होती है, नर्स किसी की बेटी तो किसी की दोस्त बनकर सेवा कर करती है, डॉक्टर के बाद किसी मरीज की जान बचाने में महत्वपूर्ण भूमिका नर्स की होती है,नवजात शिशु की मां की तरह देखभाल तथा मां से पहले सीने से लगाने वाली नर्स ही होती है मरीजों के रिश्तेदार को हौसला/सहानुभूति देना एक नर्स ही करती है,24 घंटे उचित देखभाल एक नर्स ही करती हैं।
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