अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर श्रृष्टि फाउंडेशन ने दिया संदेश:
‘सेहत के दो मीत : योग और संगीत’
संगीत की स्वर लहरियों के साथ योगासन करने से जीवन में आनंद और स्वास्थ्य का लक्ष्य सहज ही प्राप्त किया जा सकता है। अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय परिसर में ‘आइए संगीत के साथ योग करें’ कार्यक्रम का आयोजन कर सृष्टि फाउंडेशन ने यह संदेश दिया। कार्यक्रम की शुरूआत में सबसे पहले लद्दाख के गलवान घाटी में शहीद हुए देश के वीर जवानों की पुण्य स्मृति में दो मिनट का मौन रखकर दिवंगत पुण्यात्मा की शांति के लिए ईश्वर से प्रार्थना की गई। तदुपरांत कवि कोकिल विद्यापति की कालजयी रचना ‘जय जय भैरवि…’ पर ओडिशी नृत्य शैली में प्रियांशी मिश्रा द्वारा प्रस्तुत नयनाभिराम नृत्य के साथ कार्यक्रम की विधिवत शुरूआत हुई। कार्यक्रम में राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त योग गुरु पवन सिंह ने योग के गुर सिखाए जबकि स्वर्णम, ऋचा, कोमल एवं सुबोध द्वारा ‘जयति योगविद्या’ पर प्रस्तुत समूह नृत्य लोगों के विशेष आकर्षण के केंद्र में रहे।
कार्यक्रम में कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलानुशासक डॉ श्रीपति त्रिपाठी, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के विचार प्रचारक राजाराम, शिक्षाविद् शिव किशोर राय, मिथिलाक्षर साक्षरता अभियान के वरीय संरक्षक-सह- सीएम साइंस कॉलेज के आईक्यूएसी सहायक प्रवीण कुमार झा ने दीप प्रज्ज्वलित कर उद्घाटन किया । समय की नजाकत को देखते हुए सभी आगंतुक अतिथियों ने सोशल डिस्टेंसिंग एवं सैनिटाइजेशन का विशेष रूप से ध्यान रखा। जबकि फाउंडेशन की ओर से प्रवीण कुमार झा ने उपस्थित जनों के बीच मिथिला पेंटिंग की कलाकारी युक्त मास्क का वितरण कर सबका दिल जीत लिया। मौके पर अवधेश झा, अमरनाथ शर्मा, मनोहर पाठक, डाॅ सुमित मंडन, अजीत झा, हरिओम शंकर, अरुण मंडल,उज्ज्वल कुमार, डाॅ एम मनोहर , सुधांशु शेखर, ज्योति प्रकाश, राकेश कुमार, मंगल सिंह, ऋषिकेश कुमार आदि उपस्थित थे।