शिक्षकों एवं कर्मियों के हित के मामलों को नजरअंदाज किए जाने पर डॉ बैजू ने जताई नाराजगी

शिक्षकों एवं कर्मियों के हित के मामलों को नजरअंदाज किए जाने पर डॉ बैजू ने जताई नाराजगी

दरभंगा news 24live

कहा, वेतनांतर मद की बकाया राशि का अविलंब भुगतान करने के साथ ही ‘वर्क फ्रॉम होम’ की अधिसूचना निर्गत करे लनामिवि

विश्वविद्यालय एवं इसके अंगीभूत महाविद्यालयों के कार्यरत एवं सेवानिवृत्त शिक्षकों व शिक्षकेत्तर कर्मचारियों के सातवें वेतनमान में अंतर वेतन की बकाया राशि सरकार द्वारा महीनों पहले निर्गत किए जाने के बावजूद इसके भुगतान में विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा बरती जा रही लापरवाही के कारण हो रही अनावश्यक देरी पर विद्यापति सेवा संस्थान के महासचिव एवं ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय के सिंडिकेट सदस्य डॉ बैद्यनाथ चौधरी बैजू ने गहरी नाराजगी जताई है। मंगलवार को जारी अपने बयान में उन्होंने विश्वविद्यालय की कार्य संस्कृति पर सवालिया निशान लगाते हुए कहा कि शिक्षकों एवं शिक्षकेत्तर कर्मियों के हित के मामलों को बार-बार नजरअंदाज किए जाने के कारण शिक्षकों एवं कर्मचारियों में भारी असंतोष का भाव पनप रहा है, जो भविष्य के लिए कथमपि सुखद नहीं है।
उन्होंने कहा कि मई महीने के अंतिम सप्ताह में 11 महीने की और उससे काफी पहले 42 महीने के वेतन अंतर मद की बकाया राशि के भुगतान के लिए राज्य सरकार द्वारा राशि निर्गत की जा चुकी है। जिसके लिए विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा आनन-फानन में सभी महाविद्यालयों एवं स्नातकोत्तर विभागों से वर्णित अवधि का डिमांड भी मंगा लिया गया। लेकिन जब इसके भुगतान की बात आई तो उसने एक बार फिर से टालमटोल का रवैया अपनाना शुरू कर दिया है, जिस कारण कोरोना महामारी के समय में आर्थिक तंगहाली के शिकार विश्वविद्यालय एवं महाविद्यालय के शिक्षकों एवं शिक्षकेत्तर कर्मचारियों में एक बार फिर से आंदोलन की सुगबुगाहट तेज हो गई है। उन्होंने कहा कि शिक्षकों एवं कर्मचारियों को अपने हक के लिए हमेशा आंदोलन की राह अपनाने के लिए उन्हें मजबूर करने की विश्वविद्यालय प्रशासन की नीति समझ से परे है।
अपने बयान में उन्होंने राज्य सरकार द्वारा शिक्षकों एवं कर्मियों के लिए निर्गत कुल 53 महीने के वेतन-अंतर मद की बकाया राशि का अविलंब भुगतान करने हेतु कुलपति, राज्य सरकार एवं कुलाधिपति से त्वरित हस्तक्षेप की मांग की है। ताकि, विश्वविद्यालय को आंदोलन की आग में झोंकने से समय रहते बचाया जा सके। साथ ही, उन्होंने कुलपति से कोरोना महामारी के बढ़ते प्रकोप पर गंभीरता पूर्वक विचार करते हुए प्रदेश के अन्य विश्वविद्यालयों की भांति ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय के कर्मियों के लिए भी ‘वर्क फ्रॉम होम’ की अधिसूचना अविलंब निर्गत करने की अपील की है।

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