मानसून के मौसम में गर्भवती महिलाओं व पल रहे बच्चे का करें विशेष देखभाल
-रोज़ाना पौष्टिक भोजन से रोगप्रतिरोधक क्षमता में होगी वृद्धि
-समुचित देख रेख से जच्चा- बच्चा रहेंगे स्वस्थ
-तबियत बिगड़ने पर प्रखंड अस्पताल में करें सम्पर्क- सिविल सर्जन
मौसम विभाग के अनुसार मानसून ने जून माह में दस्तक दे दिया है। मानसून की खबर सुनकर गर्मी से परेशान लोगों के चेहरे खिल उठे हैं। लेकिन मानसून में होने वाली बारिश का सही तरह से आप लुफ्त उठा पाएं, इसके लिए जरूरी है कि कुछ बातों का ध्यान रखें। खासतौर पर जो महिलाएं गर्भवती हैं, क्योकि उन्हें अपने साथ-साथ आने वाले बच्चे की सेहत का भी ख्याल रखना पड़ता है। वही कोरोना के मद्देनजर विशेष देखभाल ज़रूरी है। सरकारी दिशानिर्देश का पालन करना आवश्यक है, ताकि संक्रमण से दूर रहा जा सके। किसी भी समय ज़रूरत पड़ने पर निकट के प्रखंड अस्पताल में सम्पर्क करें। अस्पताल में 24 घण्टे महिलाओं के विशेष चिकित्सा की व्यवस्था का प्रबंध किया गया है। इसे लेकर सिविल सर्जन डॉ सुनील कुमार झा ने चिकित्सा पदाधिकारी को दिशा निर्देश दिए हैं।
लापरवाही से बिगड़ सकती तबियत
बारिश के दिनों में प्रेग्नेंट महिलाओं को अपने स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान देने की जरूरत होती है क्योंकि इस मौसम मे कई तरह की बीमारियां सबसे ज्यादा फैलती है जो मां और बच्चे दोनों के लिए खतरनाक साबित हो सकती हैं। इस मौसम में गर्भवती महिला को जरूरी विटामिन, खनिज, कैल्शियम, प्रोटीन और कैलोरी से भरपूर खाद्य पदार्थों का सेवन करना चाहिए क्योंकि खानपान में की गई लापरवाही आपकी तबियत खराब कर सकती है।
नमी से कीटाणुओं को मिलता बल:
इस मौसम में वातावरण में नमी की वजह से कीटाणु एवं मच्छर ज्यादा सक्रिय हो जाते हैं, जिसकी वजह से डेंगू, मलेरिया, जुकाम, फ्लू, बुखार, त्वचा संक्रमण, फंगस, खाने पीने की चीजों से होने वाले संक्रमण का खतरा कई गुना बढ़ जाता है। हैजा, डिहाइड्रेशन और लेप्टोसिरोसिस जैसी गंभीर बीमारियां होने की आशंका बढ़ जाती है। साथ ही पेट में संक्रमण व डिहाइड्रेशन जैसी समस्याएं भी हो जाती हैं। जिसके चलते गर्भवती महिलाओं को विशेष ध्यान रखने की जरूरत होती है।
बाहर के खाने से परहेज:
बाहर के खाने में बैक्टीरिया होने की संभावना अधिक होती है इसलिए इसे खाने से बचना चाहिए। दिन में 8-10 गिलास पानी पिएं। इसे उबालें और ठंडा कर पिएं। मानसून में पत्तेदार सब्जियां से परहेज करें। इन सब्जियों में सेल्यूलोस होता है जो ठीक से पचता नहीं है। तला हुआ खाना न खाएं क्योंकि इसे पचने में समय लगता है। फोलिक एसिड की पर्याप्त मात्रा लेना बहुत जरूरी है क्योंकि ये बच्चे के जन्म से जुड़ी कई परेशानियों से बचाने का काम करता है।
घर को रखें साफ सुथरा:
मानसून में कीटाणु जल्दी फैलते हैं.इसलिए आपको अपने घर को साफ रखना चाहिए। फर्श और बाथरूम साफ करने के लिए एक अच्छी गुणवत्ता वाले कीटाणुनाशक का प्रयोग करें।
ये खानपान देगा पोषण:
वहीं गाइनाकाॅलेजिस्ट प्रवृत्ति मिश्रा का कहना है गर्भावस्था में फल खाना बहुत जरूरी है, लेकिन कोई भी फल खाने से पहले उसे अच्छी तरह जरूर धो लें वर्ना संक्रमण का खतरा हो सकता है। बरसात के मौसम में गर्भावस्था के दौरान नट्स, पालक, गाजर, आलू, मक्का, मटर, संतरे, अंगूर, तरबूज और जामुन, ब्रेड, अनाज, मांस, अंडा आदि का सेवन काफी फायदेमंद होता है।
इन बातों का भी रहे खयाल:
1. तरल पदार्थों का सेवन करना चाहिए इसके साथ-साथ विशेषज्ञ द्वारा बताए आवश्यक सप्लीमेंट भी लें।
2.प्रेग्नेंट महिला व आने वाले बच्चे की अच्छी सेहत के लिए उबला हुआ या सही प्रकार से फिल्टर किया हुआ पानी ही पिएं।
3.जंक फूड और पैकेजिंग वाले खाने से दूर रहें।
4. खाना बनाने से पहले सब्जियों को साफ पानी से धोकर ही इस्तेमाल करें।
5. गर्भावस्था में महिलाएं विटामिन-सी का सेवन अधिक मात्रा में करें, ये बच्चे और मां की सेहत के लिए जरूरी होता है।
6. घर में साफ सफाई से बना ताजा खाना ही खाएं।