आदर्श वास्तु विहार समाज, दरभंगा तथा भारती-मंडल शाखा, दरभंगा के द्वारा संगोष्ठी एवं वृक्षारोपण आयोजित स्वास्थ शिक्षा-व्यवस्था से ही कुशल,संस्कारित व समाजसेवी युवा-पीढ़ी का निर्माण संभव-डा श्यामचंद्र संपादकीय (दरभंगा news 24 live)

आदर्श वास्तु विहार समाज, दरभंगा तथा भारती-मंडल शाखा, दरभंगा के द्वारा संगोष्ठी एवं वृक्षारोपण आयोजित

स्वास्थ शिक्षा-व्यवस्था से ही कुशल,संस्कारित व समाजसेवी युवा-पीढ़ी का निर्माण संभव-डा श्यामचंद्र

शिक्षा का समाज और संस्कृति से घनिष्ठ व अन्योयाश्रय संबंध- डा विधानचंद्र

“शिक्षा,समाज और संस्कृति” विषय पर वास्तु विहार,दरभंगा में संगोष्ठी आयोजित

शिक्षा मानवीय विकास तथा खुशहाली का सर्वोत्तम मार्ग है। स्वास्थ्य शिक्षा-व्यवस्था से ही कुशल,संस्कारित तथा राष्ट्रभक्त युवा पीढ़ी का निर्माण संभव है। शिक्षा के मार्फत हम बच्चों में रचनात्मकता एवं कलात्मकता का विकास कर सकते हैं। यह सिर्फ कैरियर की सीढ़ी ही नहीं, बल्कि जिंदगी को समृद्ध करने एवं आदर्श मानव बनाने का जरिया भी है। उक्त बातें आदर्श वास्तु बिहार समाज, दरभंगा तथा भारत विकास परिषद् की भारती-मंडन शाखा, दरभंगा के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित संगोष्ठी सह वृक्षारोपण कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में मारवाड़ी महाविद्यालय, दरभंगा के प्रधानाचार्य डॉ श्यामचंद गुप्ता ने कहा। इस अवसर पर अरविंद कुमार कर्ण, अरुण कुमार चौधरी, डा शशि भूषण यादव, डा आर एन चौरसिया, आशुतोष कुमार, वेद प्रकाश, गोविंद झा, प्रकाश ऋषि राज तथा काव्य राज आदि उपस्थित थे।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए एम एल एस एम कॉलेज के अंग्रेजी के प्राध्यापक डा विधानचंद्र चौधरी ने कहा कि शिक्षा और संस्कृति में घनिष्ठ और अन्योन्याश्रित संबंध होता है। शिक्षा हमें आत्मविश्वासी तथा स्वावलंबी बनाता है, जिसका समग्र उद्देश्य मानव को समर्थन
बनाना है। शिक्षा से राष्ट्र का उत्तरोत्तर विकास तथा समाज में सुख-समृद्धि आती है।
मुख्य वक्ता के रूप में बीएसएनल, दरभंगा के एसडीओ वेद प्रकाश ने कहा कि अच्छी शिक्षा से ही हमारे सपनों को साकार किया जा सकता है। उचित शिक्षा से कार्यकुशलता बढ़ती है तथा व्यक्ति का सर्वांगीण होता है। मूल्य युक्त शिक्षा ही संस्कृति का रक्षण तथा संवर्धन कर सकती है।
कार्यक्रम का संचालन करते हुए सी एम कॉलेज,दरभंगा के संस्कृत विभागाध्यक्ष डा आर एन चौरसिया ने कहा कि शिक्षा युवाओं में सामाजिक सरोकार का बोध उत्पन्न करती है। व्यावहारिक एवं सांस्कृतिक शिक्षा से भाईचारा बढ़ता है। यदि व्यक्ति शिक्षित, संस्कारित एवं संवेदनशील हो तो समाज की सभी समस्याओं का निदान संभव है। अरविंद कुमार कर्ण ने कहा कि समाजसेवा से व्यक्तित्व का सर्वांगीण विकास होता है। शिक्षा पाकर व्यक्ति संस्कारित होता है तथा सामाजिक रूप से मजबूत भी होता है। संतुलित विकास के लिए पूरे राष्ट्र में समान शिक्षा-व्यवस्था में सबों की समान भागीदारी होनी चाहिए। शिक्षा के विकास से ही एक मजबूत राष्ट्र का निर्माण तथा भारतीय संस्कृति की रक्षा संभव है। आर के कॉलेज, मधुबनी के प्राध्यापक डा शशि भूषण ने कहा कि शिक्षा के बदौलत हम पूरे देश को एक विकसित और मॉडर्न राष्ट्र बनाने का सपना साकार कर सकते हैं। शिक्षा हमें सभ्य और जागरूक बनाती है। शिक्षित व्यक्ति ही समाज के आधारस्तंभ तथा नेतृत्वकर्ता होते हैं।
गोविंद झा के संचालन में आयोजित कार्यक्रम में धन्यवाद ज्ञापन आशुतोष कुमार ने किया।

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