बेहतर देखभाल से नवजात रहता है स्वस्थ – डॉ मनोज
• प्रसव के बाद नवजात की सेहत का रखे खयाल
• जन्म के बाद नवजात को छाती लगा गर्म रख स्वास्थ्य पर रखे ध्यान
• तबियत बिगड़ने पर डॉक्टर से ले परामर्श
दरभंगा/ 20, जुलाई: घर में नन्हा मेहमान खुशियों के साथ जिम्मेदारियां भी लाता है। शुरुआत में इसकी खास देखभाल बेहद जरूरी है ताकि वह रोगों से दूर रहे और सेहतमंद बने। इन जिम्मेदारियों में मां की भूमिका बहुत अहम होती है.
कंगारू मदर केयर असरदार तरीका:
राज पीएचसी प्रभारी चिकित्सा प्रभारी डॉ मनोज कुमार ने बताया नवजात के जन्म के बाद का समय अति महत्वपूर्ण होता है। इस दौरान जन्म के बाद तुरंत बच्चे को स्तनपान कराना जरूरी है। खासकर इस समय मे नवजात को गर्म रखने की कोशिश करनी चाहिए। मां को हमेशा अपने नवजात को छाती से लगाकर रखनी चाहिए। इससे बच्चे गर्म रहते है। उन्होंने बताया माँ के अलावा अन्य सदस्य भी अपने बच्चे को कंगारू मदर केयर की सेवा दे सकते हैं. इससे नवजात को गर्म रखने में मदद मिलती है. अन्यथा थोड़ी सी भी लापरवाही बरतने पर नवजात की तबीयत बिगड़ सकती है। थोड़ी सी भी परेशानी होने पर तुरंत डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए।
6 माह तक केवल स्तनपान:
नवजात को करीब 6 माह तक केवल मां का दूध पिलाना जरूरी होता है। मां के दूध में नवजात के जरुरी सभी पोषक तत्त्व मौजूद होते हैं जो उनके स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होता है।
कपड़ों में न हो संक्रमण:
नवजात को नरम व हल्के कपड़े पहनाएं। शरीर का तापमान बनाए रखने के लिए हमेशा कपड़े पहनाकर रखें। कम वजन के बच्चे के हाथ, पैर, सिर को हमेशा ढंककर रखें। कपड़ों में साबुन रहने पर बच्चों को चकत्ते हो सकते हैं। बच्चे को डायपर पहनाने से पहले क्रीम या तेल लगाएं। संक्रमण से बचाने के लिए कुछ देर तक बच्चे को बिना डायपर के भी रहने दें।
कमरे का तापमान
नवजात बेहद नाजुक होते हैं। शिशु बाहरी तापमान के अनुरूप खुद को नहीं ढाल पाते हैं। इसलिए हमेशा ढंककर रखें। बच्चा जिस कमरे में हो उस कमरे का तापमान 26 डिग्री सेल्सियस के आसपास ही होना चाहिए।
नवजात का रखें ध्यान:
नवजात की देखभाल बहुत जरुरी होती है. माता-पिता सतर्क रहकर बच्चे की बेहतर देखभाल घर पर भी कर सकते हैं. यदि बच्चा अधिक रो रहा हो, बच्चा अधिक सुस्त हो गया हो. शरीर में सामान्य हरकत नहीं दिख रही हो, स्तनपान नहीं कर रहा हो, नवजात को साँस लेने में दिक्कत हो रही हो एवं डायरिया या निमोनिया जैसे रोग से ग्रसित हो तो तुरंत शिशु को नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र में ले जायें.
अनुपूरक आहार भी है जरुरी:
शिशु को गोद में लेने से पूर्व हाथ साबुन से धुले हों। गर्दन-सिर को हाथ से सपोर्ट दें। अभी कोरोना संक्रमण का खतरा है. इस लिहाज से घर में यदि किसी व्यक्ति को सर्दी, जुकाम या बुखार की समस्या हो तो उन्हें बच्चे के पास जाने से रोकें. बच्चे को स्वस्थ रखने के लिए बच्चे की बेहतर देखभाल बहुत जरुरी है. साथ ही 6 माह के बाद स्तनपान के साथ बच्चों की बेहतर मानसिक एवं शारीरिक विकास के लिए अनुपूरक आहार की जरूरत होती है. इसलिए 6 माह के बाद स्तनपान के साथ बच्चे को गीला, अर्ध ठोस एवं सुपाच्य भोजन थोड़ी-थोड़ी मात्रा में खिलाते रहें ताकि बच्चा स्वस्थ रहे।