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मधुबनी जिले में आरटी पीसीआर एवं ट्रूनेट से जांच के लक्ष्य हुए निर्धारित।

जिले में आरटी पीसीआर एवं ट्रूनेट से जांच के लक्ष्य हुए निर्धारित

– स्वास्थ्य सचिव लोकेश कुमार सिंह ने सिविल सर्जन को लिखा पत्र में
– कोरोना जांच के लिए पूल टेस्टिंग का दिया निर्देश

मधुबनी/7 अगस्त

वैश्विक महामारी कोरोना संकटकाल के बीच मरीजों की बढ़ती रफ्तार को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग नित्य नए फैसले ले रही है ताकि कोरोना संक्रमण जांच में तेजी आए तथा कोरोना संक्रमण पर काबू पाया जा सके। इसी संदर्भ में स्वास्थ्य विभाग के सचिव लोकेश कुमार सिंह ने जिला पदाधिकारी एवं सिविल सर्जन को पत्र लिखकर जिले में आरटी पीसीआर से प्रतिदिन 400 जांच तथा ट्रूनेट मशीन से 225 जांच करने का निर्देश दिया है साथ ही जिले में पूल टेस्टिंग करने का भी निर्देश दिया है।

क्या है पूल टेस्टिंग:
पूल टेस्टिंग यानि एक से ज़्यादा सैंपल को एक साथ लेकर टेस्ट करना और कोरोना वायरस के संक्रमण का पता लगाना पूल टेस्टिंग कहलाता है पूल टेस्टिंग का इस्तेमाल कम संक्रमण वाले इलाक़ों में होता है. जहां संक्रमण के ज़्यादा मामले हैं वहां पर अलग-अलग जांच की जाती है पूल टेस्टिंग अधिकतम पांच लोगों की एक साथ जांच की जा सकती है.
कैसे किया जाता है पूल टेस्टिंग
पूल टेस्टिंग के लिए पहले लोगों के गले या नाक से स्वैब का सैंपल लिया जाता है. फिर उसकी टेस्टिंग के ज़रिए कोविड19 की मौजूदगी का पता लगाया जाता है.

जिले में 4 को कोविड सेन्टर उपलब्ध
सिविल सर्जन डॉक्टर सुनील कुमार झा ने बताया जिला के कोविड-19 प्रभावित मरीजो के देखभाल हेतु जिले मे 4 कोविड केयर सेन्टर क्रमश: रामपट्टी, झंझारपुर, बेनीपट्टी एवं जयनगर में कार्यरत है। कोविड केयर सेन्टर तथा होम आइसोलेंशन मरीजो से उनकी स्वास्थ्य संबंधी जानकारी प्राप्त करने हेतु जिला कोविड कण्ट्रोल रूम सह टेलीफोन परामर्श केन्द्र स्थापित किया गया है। जहाँ पर जिला प्रशासन के वरीय पदाधिकारी एवं जिला अस्पताल के चिकित्सा पदाधिकारी की प्रतिनियुक्ति की गई है। प्रत्येक पीएचसी सेन्टर को भी प्रतिदिन 150 रैपिंड एंटीजन टेस्ट करने के निर्देश दिए गए हैं।

कंटेंटमेंट ज़ोन क्षेत्र में भी टेस्ट करने के दिये गए निर्देश
जिलाधिकारी डॉ. निलेश रामचंद्र देवरे ने बताया किसी क्षेत्र मे कोविड प्रभावित मरीज पाए जाने पर उस कन्टेंनमेंट जोन क्षेत्र के अंतर्गत आनेवाले सभी लोगो का रैपिड एंटीजन टेस्ट कराने का प्रखण्ड विकास पदाधिकारी एवं पीएचसी प्रभारी को दिया गया। इसी प्रकार प्रत्येक प्रखण्ड के पंचायत वार रोस्टर बनाकर प्रतिदिन एक-एक पंचायत के 100 लोगो का रैपिड एंटीजन टेस्ट कराने का आदेश पीएचसी एवं प्रखण्ड विकास पदाधिकारी को भी दिया गया है। इस दौरान संबंधित पंचायत के मुखिया तथा जन प्रतिनिधि का भी सहयोग लिया जाएगा। लाॅक डाउन के दौरान बिना मास्क पहने इधर-उधर घूमने वाले लोगो को जुर्माना करने हेतु सभी अनुमण्डल पदाधिकारी, अनुमंडल पुलिस पदाधिकारियों एवं प्रखंड विकास पदाधिकारी,अंचल अधिकारी एवम् थाना प्रभारी को निदेश दिया गया है।

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