बाल श्रम और बाल विवाह पर लगाए रोक
बचपन बचाओ आंदोलन द्वारा बाल श्रम, बाल विवाह ,बाल तस्करी मुक्त गाँव बनाने को लेकर पांच दिवसीय जन- जागरूकता अभियान शुरू
बाल शोषण मुक्त गांव बनने की राह पर चांदपुरा और दुबे टोला गाँव
सीतामढ़ी बचपन बचाओ आंदोलन के द्वारा बाल तस्करी, बाल श्रम ,बाल विवाह मुक्त गाँव बनाने के लिए पांच दिवसीय जन- जागरूकता अभियान के पहले दिन परिहार प्रखंड के चांदपुरा एवं दुबे टोला गाँव में अभियान चलाकर लोगों को जागरूक किया गया। दोनों गाँव में जन- जागरूकता रैली एवं ग्रामीणों के साथ बैठक कर गाँव को बाल शोषण मुक्त गाँव बनाने का सभी ने संकल्प लिया । बचपन बचाओ आंदोलन के मुकुंद कुमार चौधरी ने कहा कि गांवों से बच्चों को महानगरों में होटलों , ढाबो ,गैरेज के साथ-साथ घरेलू नौकर के रूप में काम करने के लिए ले जाए जाते है इससे उनका बचपन तो छीन ही रहा है उनका जीवन भी पूरी तरह से अंधेरा में चला जाता है इसको रोकने के लिए हम सभी लोगों को मिलकर कार्य करने की जरूरत है। गाँव में अगर किसी भी बच्चे के साथ किसी भी प्रकार का शोषण होता है तो उसकी सूचना तुरंत पुलिस या बचपन बचाओ आंदोलन को दे। ग्रामीणों ने आश्वस्त करते हुए कहा कि बचपन बचाओ आंदोलन ने जो हमारे गांव को बाल शोषण मुक्त गांव बनाने के लिए परिकल्पना की है निश्चित रूप से वह साकार होगा और गाँव में बच्चों के साथ किसी भी शोषण न हो इसके लिए हमलोग हमेशा सजग रहेंगे। अभियान में मध्य विद्यालय के प्रधानाध्यापक बृज बिहारी प्रसाद, शिक्षक मो. अबुल कलाम ,चंद्र भूषण कुमार , चंदन मांझी, छात्र – छात्रा , ग्रामीण आंगनवाड़ी सेविका आदि शामिल हुए।