टीबी उन्मूलन को लेकर मासिक समीक्षा बैठक का हुआ आयोजन
– एसटीएस, एलटीएलएस का हुई मासिक समीक्षा बैठक
– सदर अस्पताल के सभागार में हुई बैठक में एसटीएस को दिए निर्देश
– जनवरी से मार्च तक 1103 मरीजों चिन्हित
मधुबनी जिले को यक्ष्मा मुक्त बनाने के लिए सदर अस्पताल के सभागार में सोमवार को एनटीईपी (नेशनल ट्यूबक्यूलोसिस एलिमेशन कार्यक्रम) के अंतर्गत सीडीओ डॉ. आर.के. सिंह की अध्यक्षता में बैठक का आयोजन किया गया। इसमें लैब टेक्निशियन, एसटीएस, एसटीएलएस सम्मिलित हुए। अध्यक्षता संचारी रोग एवं यक्ष्मा नियंत्रण रोग पदाधिकारी डॉ. आर. के सिंह ने की। बैठक में जीत एनजीओ को निर्देश दिया गया की उनके द्वारा प्राइवेट टी.बी.मरीज का नोटिफिकेशन किया जा रहा है युक्त मरीज का नोटिफिकेशन करते हुए बैंक खाता बिबरणी, डॉक्टर का प्रिस्क्रिव और आधार डिटेल सम्बंधित स्वास्थ्य केंद्र के एसटीएस/एसटीएलएस को उपलब्ध करें। सभी एसटीएस/एसटीएलएस को निर्देश दिया गया की दबा खा रहे मरीज का घर उपलब्ध कराये गए दोपहिया वाहन से विजिट करें मरीज का घर का विजिट कम हो रहा है जीत एनजीओ द्वारा नोटिफिकेशन किया जा रहा है जिसका डाक्यूमेंट्स समय से ऑफिस को उपलब्ध नहीं कराये जाने के कारण डीबीटी पोषण राशि का भुगतान में बिलम्ब हो रहा है। सभी सम्बंधित कर्मी को निर्देश दिए गए की किसी भी तरह के बैठक में ससमय उपस्थित होंगे । एन जी ओ को निर्देश दिया गया की उनके द्वारा नोटिफिकेशन किए गए मरीज का घर विजिट नहीं किया जाता है उसमे सुधार करें।
टीबी मरीजों की पहचान होते ही गृह भ्रमण करें:
सीडीओ डॉ आर. के. सिंह ने कहा कि यक्ष्मा रोग एक जटिल रोग है। इसे जल्द से जल्द पहचान कर इलाज शुरु किया जाना चाहिए, ताकि दूसरों व्यक्तियों में यह संक्रमित बीमारी न पहुंचे। वहीं बैठक के दौरान सभी एसटीएस को यह भी निर्देश दिया कि यक्ष्मा रोग की पहचान होते ही एसटीएस उसके घर का भ्रमण जरूर करें। गृह भ्रमण के दौरान छह वर्ष तक की उम्र के बच्चों को जेएनएच की गोली देना सुनिश्चित करें। वहीं अगर गृह भ्रमण के दौरान उनके घर के किसी व्यक्ति में भी टीबी के लक्षण पाए जाते हैं तो शीघ्र ही उनके बलगम जांच की व्यवस्था सुनिश्चित की जाय।
एमडीआर-टीबी हो सकता है गंभीर, रहें सतर्क:
एमडीआर-टीबी होने पर सामान्य टीबी की कई दवाएं एक साथ प्रतिरोधी हो जाती हैं। टीबी की दवाओं का सही से कोर्स नहीं करने एवं बिना चिकित्सक की सलाह पर टीबी की दवाएं खाने से ही सामान्यता एमडीआर-टीबी होने की संभावना बढ़ जाती है।
जनवरी से मार्च तक 1103 मरीजों चिन्हित:
जिले में जनवरी 2021 से 3 अप्रैल 2021 तक 1,103 टीबी के मरीजों को चिन्हित किया गया। जिसमें 427 मरीज सरकारी संस्थान तथा 676 मरीज प्राइवेट क्लिनिक से चिन्हित किया गया। वहीं वर्ष 2020 में 1443 मरीज सरकारी संस्थान तथा 932 मरीज प्राइवेट क्लीनिक से चिन्हित किए गए। वहीं वर्ष 2019 में सरकारी संस्थानों से 2305 मरीज तथा प्राइवेट क्लीनिक से 42 मरीज चिन्हित किया गया है।सभी मरीजों को आवश्यक जांच के बाद दवा उपलब्ध कराया जा रहा है।
निक्षय पोषण योजना के तहत मिलते हैं 500 रुपये:
टीबी के मरीजों को उचित खुराक उपलब्ध कराने के लिए केंद्र सरकार की तरफ से निक्षय पोषण योजना चलायी गयी है। जिसमें टीबी के मरीजों को उचित पोषण के लिए 500 रुपये प्रत्येक महीने दिए जाते हैं। यह राशि उनके खाते में सीधे पहुंचती है। सरकार की मंशा है कि टीबी के मरीजों में 2025 तक 90 प्रतिशत की कमी लायी जा सके।
समीक्षा बैठक में अनिल कुमार, जीत प्रोजेक्ट के फील्ड ऑफिसर तन्मय सिन्हा, डीपीसी पंकज कुमार, सतनारायण शर्मा, लैब टेक्निशियन, एसटीएस, एसटीएलएस मौजूद रहे।