डाक विभाग दरभंगा प्रमंडल द्वारा विशेष आवरण का हुआ विमोचन ।
बिहार के भौगोलिक संकेत “सिक्की” ग्रास कला उत्पाद एवं सिक्की प्रतीक चिन्हन का विशेष आवरण का विमोचन-डाक अधीक्षक ।
भारत सरकार के महत्वाकांक्षी कौशल विकास एवं वोकल फॉर लोकल के क्षेत्र में बिहार के भौगोलिक संकेत प्राप्त उत्पादो में से “सिक्की” पर दो विशेष आवरण सिक्की घास से निर्मित कला कृति एवं बिहार के सिक्की घास उत्पाद पर विशेष आवरण का विमोचन आज सम्पन्न हुआ
सिक्की घास शिल्प सबसे लोकप्रिय हस्तशिल्प में से एक है जो बिहार में पाई जाने वाली एक विशेष प्रकार की घास से बनाई जाती है जिसे सिक्की कहा जाता है । ये उत्पाद प्राकृतिक, दस्तकारी, स्टाइलिश, आकर्षक, सुंदर और किफ़ायती है । यह पूरे भारत में निर्मित बहुत ही उच्च गुणवत्ता का काफी व्यापार, पर्यावरण के अनुकूल और वास्तविक हस्तशिल्प उत्पादों का पर्याय है ।
उक्त के आलोक मे आज दिनांक 24.08.2021 को डाक प्रशिक्षण केंद्र, दरभंगा के सभागार में सिक्की ग्रास कला उत्पाद एवं सिक्की प्रतीक चिन्हन का विशेष आवरण का विमोचन हुआ । विदित हो की जहां हम स्मारक डाक टिकट या विशेष डाक टिकट जारी नहीं कर सकते वहाँ हम विशेष आवरण जारी कर उस तत्थ या उत्पाद को राष्ट्रीय पटल पर लाते है ।
मुख्य अतिथि श्री शंकर प्रसाद, निदेशक डाक सेवाए , उत्तरी प्रक्षेत्र, बिहार ने कहा कि सिक्की घास सबसे लोकप्रिय हस्तशिल्प में से एक है जो बिहार में पाई जाने वाली एक विशेष प्रकार कि घास से बनाई जाती है जिसे सिक्की कहा जाता है । ये उत्पाद प्राकृतिक, दस्तकारी, स्टाइलिश, आकर्षक, सुंदर और किफ़ायती है । यह पूरे भारत में निर्मित बहुत ही उच्च गुणवत्ता का काफी व्यापार, पर्यावरण के अनुकूल और वास्तविक हस्तशिल्प उत्पादों का पर्याय है ।
डाक अधीक्षक श्री उमेश चन्द्र प्रसाद ने बताया कि हमलोंगों ने सिक्की ग्रास कला उत्पाद एवं सिक्की प्रतीक चिन्हन का विमोचन कर इसे राष्ट्रीय पटल पर लाने का काम किया है । अब जनमानस में इस उत्पाद को लेकर और ज्यादा चेतना बढ़ेगी जिससे यह कुटीर उध्योग जो गाँव- गाँव में फैला है उसमें विकास संभव हो पाएगा । साथ ही माननीय प्रधानमंत्री का वोकल फॉर लोकल के क्षेत्र में एक मिल का पत्थर साबित होगा ।
इस मौके पर सहायक निदेशक, प्रशासन, पीटीसी श्री जय प्रकाश, सहायक डाक अधीक्षक, मुख्यालय श्री बी. एन. त्रिवेदी, सहायक डाक अधीक्षक, पूर्वी अनुमंडल श्री मनोज कुमार, डाक निरीक्षक श्री सौरव सुमन, राजीव कुमार झा, राजू कुमार झा एवं बिनोद कुमार, गंगा नारायण मल्लिक, सुनील ठाकुर, अरुण कुमार झा, रंजीत कुमार, सोनी कुमारी, आशुतोष कुमार, संगीत कुमार, किशोर कुमार चौधरी किरण, विद्यानंद सरस्वती, बिंलेंदु प्रसाद दास, सुनील कुमार, जितेंद्र उपाध्याय, प्रेम कुंज दयाल, एवं अन्य शामिल थे।