सेविका का कार्य सराहनीय: सिविल सर्जन

आंगनबाड़ी सेविका की रणनीति बनी कारगर–गांव में सभी लोगों का हुआ टीकाकरण

-सेविका का कार्य सराहनीय: सिविल सर्जन

मधुबनी स्वास्थ्य विभाग के हर अभियान को सफल बनाने में ग्रामीण स्तर पर आशा व आंगनबाड़ी कार्यकर्ता की अहम भूमिका होती है।कोरोना को मात देने को स्वास्थ्य विभाग द्वारा टीकाकरण के लक्ष्य को पूरा करने के लिए सघन अभियान चलाया जा रहा है। ग्रामीण क्षेत्रों में घर-घर जाकर वृद्धजनों और 18 साल से अधिक उम्र के सभी लोगों का टीकाकरण किया जा रहा है। लोगों को प्रेरित कर टीकाकरण के प्रति जागरूक कर सत्र स्थल पर लाने की जिम्मेवारी इन्हीं के ऊपर होती है। इन्हीं में कुछ के ऐसे कार्य होते हैं जो प्रेरणादाई होती है। हम बात कर रहे हैं बिस्फी प्रखंड के खैरी बांका गांव की। मुश्किल लक्ष्य को अपनी मेहनत, कर्तव्य निष्ठा और और तकनीक का सहारा लेकर गांव के सभी लोगों का टीकाकरण करवाया। यह गांव टीकाकरण को लेकर काफी पिछड़ रहा था लेकिन केंद्र संख्या 102 की आंगनबाड़ी सेविका सरवरी खातून व की आशा फैसिलिटेटर रहेला एवं अन्य स्वास्थ्य कर्मियों के प्रयास से आज सभी लोगों का टीकाकरण करवाने में सफल हुई। सबसे दिलचस्प बात तो यह थी कि आंगनबाड़ी सेविका के पास गांव के सभी लोगों का डेटा उपलब्ध था कि किसने टीकाकरण करवाया और किसने टीकाकरण नहीं करवाया है। कितने लोगों ने प्रथम डोज ली , कितने लोगों ने दूसरी डोज ली और कितने लोग दूसरी डोज से वंचित हैं। साथ ही हर घर के लोगों का मोबाइल नंबर और आधार नंबर के रिकॉर्ड उसके पास थे। सेविका की यह रणनीति उसके लिए सहायक बनी। कि किस घर के लोगों ने टीकाकरण नहीं करवाया है और क्यों नहीं करवाया है। यह जानकारी उसे यह समझने में सहायक हुई कि चुनौती किस घर में कहां है और इसे समझते हुए उसने हर एक घर के हर एक व्यक्ति के अनुसार रणनीति बनाई कि उसे किस तरह से समझाना है। यह रणनीति कारगर साबित हुई और गांव के सभी लोगों का टीकाकरण किया गया। इसको लेकर आज जिले के सिविल सर्जन डॉ सुनील कुमार झा, केयर इंडिया के डीटीएल महेंद्र सिंह सोलंकी तथा लैब टेक्नीशियन ईसमाहतुल्ला उर्फ गुलाब अन्य स्वास्थ्य कर्मियों ने गांव का दौरा किया और शेष बचे हुए 26 लोगों का टीकाकरण सिविल सर्जन के सामने किया गया। आंगनबाड़ी सेविका के उत्कृष्ट कार्य के लिए सिविल सर्जन ने सराहना की।

आंगनबाड़ी सेविका की रणनीति बनी कारगर:
आंगनबाड़ी सेविका ने बताया काफी मुश्किल था सफर लेकिन मैंने हार नहीं मानी। शुरुआती दिनों में लोगों को समझाने में कठिनाई हुई। लेकिन धीरे-धीरे लोग जुड़ते चले गए और लोगों का टीकाकरण होता गया। इस गांव में विशेष समुदाय के लोग थे। टीकाकरण के प्रति कई तरह की भ्रांतियां उनके मन में थी जिसे स्वास्थ्य विभाग के द्वारा लगातार दूर किया गया। आंगनबाड़ी सेविका ने बताया कि हमने एक रणनीति बनाई अपने गांव की और 18 वर्ष से ऊपर के जितने भी लोग थे सभी लोगों का एक आंकड़ा तैयार किया है। ताकि हमें यह जानकारी प्राप्त हो सके कि कितने लोगों का हमारे गांव में वैक्सीनेशन हो चुका है और कितने लोग शेष बचे हुए हैं। यह रणनीति कारगर रही और हमारी मेहनत बेकार नहीं गई। लोगों की समस्याओं को समझी और लोगों को समझा-बुझाकर टीकाकरण के लिए राजी किया। कई बार हमें ऐसा लगा कि मेरे समझाने से भी लोग मान जाते हैं और कई बार हमें ऐसा लगा कि यह मेरे बस का नहीं है तो मैंने स्वास्थ्य कर्मियों तथा केयर इंडिया के टीम से संपर्क कर लोगों को जागरूक किया। कई बार गांव के जनप्रतिनिधियों का भी सहयोग लिया गया। ताकि लोग टीकाकरण के लिए राजी हों। और हम लोग आज इस मुकाम पर पहुंचे हैं कि गांव के सभी लोगों का टीकाकरण हो गया। कई लोग जो गंभीर बीमारियों से ग्रसित थे टीका नहीं लेना चाहते थे स्वास्थ्य विभाग के सिविल सर्जन के समक्ष सभी लोगों का टीकाकरण किया गया।

सेविका का कार्य सराहनीय सिविल सर्जन:
सिविल सर्जन डॉ सुनील कुमार झा ने बताया आंगनबाड़ी सेविका का कार्य काफी सराहनीय रहा । इन्होंने जिस तरह से काम किया है मैं चाहूंगा कि हर क्षेत्र की आशा और आंगनबाड़ी सेविका अपने क्षेत्रों में इसी तरह से कार्य करें तो जल्दी ही हम लोग जिले के सभी लोगों को टीकाकृत कर पाएंगे। असंभव कुछ भी नहीं है। अगर अच्छी रणनीति, दृढ़ विश्वास और बेहतर कार्य योजना बनाकर निष्ठा के साथ काम किया जाएगा तो जिले के सभी लोगों को टीकाकृत किया जा सकेगा।

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