10 करोड़ लोगों को कोरोना से बचाव के लिये टीकाकृत करना एक बड़ी उपलब्धि
-जिला में अब तक 38 लाख से अधिक लोगों को दिया गया कोरोना रोधी टीका
-टीकाकरण में पुरुषों से आगे हैं महिलायें
-दूसरा डोज की संख्या बढ़ाने को लेकर अधिकारियों को दिया निर्देश- डीआइओ
दरभंगा जिला में संचालित कोरोना टीकाकरण के तहत 38 लाख 32 हजार 488 लोगों को पहली व दूसरी डोज दी जा चुकी है। इसके तहत 22 लाख दो हजार 839 लोगों को पहली डोज दी गयी है। वहीं अब तक 16 लाख 29 हजार 649 लोगों को दूसरी डोज दी गयी है। इसमें 17 लाख 83 हजार 801 पुरुष व 20 लाख 47 हजार 880 महिलाओं को कोरोना से बचाव का टीका दिया गया है। वैक्सीनेशन अभियान के तहत 18 से 44 वर्ष उम्र के 23 लाख 32 हजार 47 लोगों को डोज दी गयी है। वहीं 45 से 60 साल के आठ लाख 28 हजार 132 लोगों को टीकाकृत किया गया है। जबकि 60 साल से अधिक छह लाख 72 हजार 309 बुजुर्गों को संक्रमण से बचाव के लिये डोज दी गयी है। स्वास्थ्य विभाग के अनुसार अब तक 31 लाख 48 हजार 635 लाभार्थियों को कोविशील्ड व छह लाख 83 हजार 304 लोगों को कोवैक्सीन की डोज दी गयी है।
पुरुषों की अपेक्षा महिलाओं ने अधिक ली वैक्सीन की डोज-
स्वास्थ्य विभाग के अनुसार कोरोना टीकाकरण में पुरुषों की अपेक्षा महिलाओं ने अधिक डोज ली है। बताया गया कि कामकाज के सिलसिले में पुरुष घर पर नहीं मिलते वहीं टीका केन्द्रों पर भी महिलाओं की अपेक्षा कम पुरुषों की भागीदारी है। इसका नतीजा है कि महिलायें टीकाकरण में आगे हैं। दूसरी ओर यह बताया गया कि कई घरों में पुरुष सदस्य बाहर रहकर कमाई करते हैं। लिहाजा उनकी संख्या अधिक है। इसकी संख्या बढ़ाने को लेकर विभाग की ओर से प्रयास जारी है। विदित हो कि अब घर- घर जाकर मोबाइल टीम लोगों को कोरोना से बचाव का टीका दे रही है। प्रखंड स्तर पर टीम बनायी गयी है। अस्पतालों के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी, ब्लॉक हेल्थ मैनेजर की देखरेख में टीकाकरण कार्य संचालित किया जा रहा है।
10 करोड़ पहुंचने वाला है टीकाकरण का आंकड़ा –
डीआईओ डॉ एके मिश्रा ने कहा कि बिहार में कोरोना टीकाकरण का आंकड़ा 10 करोड़ पहुंचने वाला है। यह बहुत बड़ी उपलब्धि होगी। एक साल से भी कम समय में इस मुकाम तक पहुंचना गर्व की बात है। इसमें सभी लोगों की भागिदारी की प्रशंसा होनी चाहिये। इससे एक सुखद अनुभूति हो रही है। इसमें सभी व्यक्ति का योगदान अतुलनीय है। इसके अलावा स्वास्थ्यकर्मी, कर्मचारी ने भी अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया है। जनप्रतिनिधि से लेकर चिकित्सकों ने लोगों को जागरूक करने का काम किया है। इसका सकारात्मक परिणाम सामने आया है।