उमाकांत के निधन पर विद्यापति सेवा संस्थान ने जताया शोक
मैथिली के मूर्धन्य साहित्यकार उमाकांत के निधन पर विद्यापति सेवा संस्थान ने बृहस्पतिवार को शोक जताया। संस्थान के महासचिव डॉ बैद्यनाथ चौधरी बैजू ने अपने शोक संदेश में संस्थान के संस्थापक सदस्य रहे उमाकांत के निधन को मिथिला-मैथिली के लिए अपूर्णीय क्षति बताते हुए दिवंगत पुण्यात्मा को मिलनसार स्वभाव का साहित्यकार और मिथिला-मैथिली के विकास का समर्पित हितैषी बताया। उन्होंने कहा कि अपने कृतित्व एवं व्यक्तित्व के लिए वे आम मिथिलावासी के दिल में हमेशा जीवंत बने रहेंगे।
मैथिली अकादमी के पूर्व अध्यक्ष पं कमलाकांत झा ने कहा कि उनके निधन से मिथिला-मैथिली के विकास के लिए सतत चिंतनशील रहने वाला हितचिंतक हमसे सदा के लिए जुदा हो गया। संस्थान के सचिव प्रो जीवकांत मिश्र ने मिथिला- मैथिली आंदोलन में उनकी भूमिका को महत्वपूर्ण बताया। वरिष्ठ साहित्यकार मणिकांत झा ने उन्हें सादगीपूर्ण जीवन जीने वाला मिथिला-मैथिली के विकास का समर्पित साहित्यकार बताया।
मीडिया संयोजक प्रवीण कुमार झा ने कहा कि विद्यापति सेवा संस्थान की मुख पत्रिका अर्पण के संपादक के रूप में वैचारिक क्रांति लाने वाले मैथिली सेनानी के रूप में वे सदैव याद किए जाएंगे। महात्मा गाँधी शिक्षण संस्थान के चेयरमैन हीरा कुमार झा ने उनके निधन को अपूर्णीय क्षति बताते हुए उन्हें योग्य शिक्षक और संवेदनशील साहित्यकार बताया। संवेदना व्यक्त करने वाले अन्य लोगों में डॉ महेंद्र नारायण राम, हरिश्चंद्र हरित, डॉ गणेश कांत झा, विनोद कुमार झा, प्रो विजयकांत झा, प्रो चंद्रशेखर झा बूढा भाई, डॉ उदय कांत मिश्र, डॉ महानंद ठाकुर, विद्यापति टाइम्स के विनोद कुमार, दुर्गानंद झा, आशीष चौधरी, पुरूषोत्तम वत्स आदि शामिल हैं।