अंतरा के एक इंजेक्शन से 3 महीने तक गर्भधारण की संभावना नहीं
• अस्थायी साधनों में अंतरा है काफ़ी प्रभावी
• जिले से लेकर प्रखण्ड स्तर तक उपलब्ध है सुविधा
• टोल फ्री नंबर 104 से लें परिवार नियोजन की जानकारी
मधुबनी खुशहाल जीवन के लिये परिवार का छोटा आकार जरूरी है। प्रसव या गर्भपात के बाद महिलाओं के लिये अनचाहा गर्भ से निजात पाने के लिये कई विकल्प आज हमारे पास मौजूद हैं। इच्छुक महिलाएं अपनी रुचि व पसंद के हिसाब से इनमें से किसी एक का चयन कर सकती हैं। यह बच्चों में अंतर रखने का सबसे आसान जरिया है। इसी कड़ी में स्वास्थ्य विभाग द्वारा उपलब्ध अंतरा इंजेक्शन काफी कारगर माना जाता है। अंतरा के एक डोज लेने के बाद 3 माह तक गर्भधारण की संभावना नहीं रहती है। यह इंजेक्शन जिले से लेकर प्रखण्ड स्तर तक सभी अस्पताल में उपलब्ध है। एसीएमओ डॉ आर. के सिंह ने बताया अंतरा महिलाओं के लिए एक सरल व सुरक्षित असरदार साधन है। अंतरा इंजेक्शन लेने से महिला के शरीर में हर माह अंडा नहीं बनता है। गर्भाशय की तैयारी के लिए गर्भाशय की अंदरुनी परत मोटी नहीं होती। गर्भाशय के मुख्य द्वार पर गाढ़ा स्राव जमा हो जाता है, जिससे शुक्राणु गर्भाशय में प्रवेश नहीं कर पाते। अगर सुई लगवाने में कोई भी गलती ना हो तो 100 में से एक से भी कम महिला ने गर्भाधान किया है यानी गर्भधारण रोकने में यह 99.7% प्रभावी होता है। तिमाही लगने वाले इंजेक्शन का पूरा नाम मेड्रोक्सी प्रोजेस्ट्रोन एसीटेट है।
एमपीए के साइड इफेक्ट :
इंजेक्शन लगवाने के बाद शुरू में कुछ छोटी-मोटी परेशानियां हो सकती हैं, जैसे मासिक चक्र में परिवर्तन शुरू, शुरू में कुछ माह तक महिला को दाग धब्बे लग सकते हैं और अनियमित ढंग से खून आ सकता है या फिर महिलाओं को हर माह माहवारी आनी बंद हो जाती है। इससे वजन में परिवर्तन होता है। सिर दर्द, चक्कर आना, मूड में परिवर्तन जैसे लक्षण हो सकते हैं। अंतरा का प्रयोग बंद करने के कुछ माह बाद महिलाओं को पहले की तरह माहवारी होने लगती और वह पुनः गर्भधारण कर सकती हैं।
अंतरा है काफ़ी असरदार:
केयर इंडिया के डीटीएल महेंद्र सिंह सोलंकी ने बताया अंतरा बहुत असरदार विधि है। एक इंजेक्शन से 3 महीने तक गर्भधारण की संभावना नहीं होती है। दूध पिलाती मां भी ले सकती है जिससे दूध की मात्रा और गुणवत्ता पर कोई असर नहीं पड़ता। ना ही शिशु पर कोई हानिकारक प्रभाव पड़ता है। महिला के लिए यह उपाय गोपनीय है । यदि महिला ठीक 3 महीने बाद इंजेक्शन लगवाने नहीं आती तो निर्धारित तिथि से 14 दिन पहले 28 दिन बाद तक भी इंजेक्शन लगा सकती है।
टोल फ्री नंबर से लें परिवार नियोजन की जानकारी:
गर्भनिरोधक सुई –अंतरा के विषय में जानकारी प्राप्त करने के लिए टोल फ्री नंबर( 1800-120-1236) के प्रचार-प्रसार की बात कही गयी है। साथ ही परिवार नियोजन पर परामर्श के लिए भारत सरकार के टोल फ्री नंबर( 1800116555) एवं बिहार सरकार द्वारा जारी टोल फ्री नंबर( 104) पर जानकारी ले सकते हैं।
ये ले सकते हैं इंजेक्शन:
केयर इंडिया के परिवार नियोजन समन्वयक सुरभि ने बताया प्रजनन काल की सभी उम्र की महिलाएं जिन्हें भी बच्चा नहीं है या एक या अधिक है एवं जिनका गर्भपात हुआ हो वह इसका इस्तेमाल कर सकती हैंड। जो धूम्रपान करती हो, जिन्हें खून की कमी हो, अनियमित मासिक धर्म, बच्चेदानी का ट्यूमर, थायराइड रोग या टी. बी हो, शिशु को स्तनपान कराती हो अगर वह 6 हफ्ते या 43 दिन हो गए हो तो ये सभी महिलाएं भी अंतरा इंजेक्शन लगवा सकती हैं।
लाभार्थी एवं प्रेरक दोनों को प्रोत्साहन राशि :
जिला समुदाय उतप्रेरक नवीन दास ने बताया बच्चों में अंतराल एवं अनचाहे गर्भ से बचाव के लिए नवीन गर्भ निरोधक- ‘अंतरा’ की शुरुआत की गयी है। ‘अंतरा’ एक गर्भ निरोधक इंजेक्शन है, जिसे एक या दो बच्चों के बाद गर्भ में अंतर रखने के लिए दिया जाता है। इस तरह साल में चार इंजेक्शन दिया जाता है। साथ ही सरकार द्वारा अंतरा इंजेक्शन लगवाने पर प्रति डोज या सुई लाभार्थी को 100 रुपये एवं उत्प्रेरक को भी 100 रुपये दिए जाने का प्रावधान है।