महागठबंधन दल के नेताओं द्वारा आयोजित संवाददाता सम्मेलन के लिए जारी हैंडआउट
भाजपा-जदयू सरकार की विफलता के डेढ़ साल पर सम्पूर्ण क्रान्ति दिवस पर 5 जून को जारी होगा रिपोर्ट कार्ड
दरभंगा सहित पूरे मिथिलांचल से 5 जून को पटना में आयोजित महागठबंधन के कार्यकत्ता सम्मेलन में होगी हजारों की भागीदारी- महागठबंधन
लहेरियासराय बुलडोजर राज, महंगाई और बेरोजगारी के खिलाफ
लोकतंत्र व आमजन की खुशहाली के लिए”
“जन-जन की है एक आवाज, खत्म करो बुलडोजर राज”
“अमन-इंसाफ-भाईचारा, संपूर्ण क्रांति है लक्ष्य हमारा”
“दाम बांधो काम दो, वरना गद्दी छोड़ दो” आदि नारों के तहत सम्पूर्ण क्रांति दिवस 5 जून को पटना के बापू सभागार में महागठबंधन दलों का विशाल कार्यकर्त्ता सम्मेलन आयोजित होगा। इस सम्मेलन में दरभंगा सहित मिथिलांचल से भी हजारों की संख्या में शिरकत करेंगे। उपरोक्त जानकारी आज पंडासराय स्थित भाकपा(माले) कार्यालय में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में उपस्थित महागठबंधन दलों के नेताओं ने दिया। संवाददाता सम्मेलन को सम्बोधित करते हुए महागठबंधन नेताओं ने आगे कहा कि 2020 के विधानसभा चुनाव में महज 12 हजार वोटों के अंतर से जैसे-तैसे जीतने वाली भाजपा-जदयू सरकार के ‘सुशासन’, ‘न्याय के साथ विकास’ और ‘भ्रष्टाचार के प्रति जीरो टोलेरेन्स’ जैसे नरेटिव न केवल ध्वस्त हुए हैं, बल्कि उनकी ‘धर्मनिरपेक्षता’ आज पूरी तरह भाजपा के सांप्रदायिक-उन्मादी-बुलडोजर अभियान के सामने नत मस्तक हो चुकी है. इस सरकार के कोई डेढ़ दशक के शासन काल में बिहार, भारत के गरीब राज्यों में सबसे निचले पायदान पर खड़ा है. नीति आयोग की रिपोर्ट के मुताबिक प्रति व्यक्ति आय, शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि, रोजगार सहित मानव विकास सूचकांक में राज्य की स्थिति बदतर बनी हुई है. बेरोजगारी, गरीबी, शिक्षा व स्वास्थ्य, कानून व्यवस्था, बिजली, कुकिंग, स्कूलों में छात्रों की भागीदारी, महिला सुरक्षा आदि सभी मानदंडों पर नीतीश जी के शासन में बिहार रसातल में चला गया है. बहुआयामी गरीबी सूचकांक के अनुसार बिहार में 51.9 प्रतिशत जनसंख्या गरीब है. अफसरी लूट और संस्थागत भ्रष्टाचार नित्य नए रिकार्ड बना रहे हैं. सरकार संरक्षित घोटालों की लंबी फेहरिस्त है. ट्रांसफर-पोस्टिंग व कुलपतियों की बहाली का खेल भ्रष्टाचार का एक नया जरिया बना हुआ है. राजधानी पटना से लेकर सुदूर ग्रामीण इलाकों में महादलितों-गरीबों की झोपड़ियों को मटियामेट कर देने के लिए इनका बुलडोजर मुंह बाए खड़ा है. माॅब लिंचिंग, अपराध का लगातार बढ़ता ग्राफ, दलितों-महिलाओं पर हिंसा, दलित-गरीबों की जमीन से बेदखली, जहरीली शराब के जरिए जनसंहार, ड्रग्स जैसे मादक पदार्थों के जरिए युवा जीवन की तबाही, बेरोजगार युवकों की लगातार बढ़ती फौज, कमरतोड़ महंगाई, मजदूरों का पलायन, कृषि की तबाही, पर्यावरण का विनाश – आज के बिहार का सच बन गया हैं। महागठबंधन नेताओं ने कहा कि इस राज में मिथिलांचल के साथ भी उपेक्षा किया गया हैं। बाढ़ के समाधान के बदले इस पूरे इलाके को स्थायी जल-जमाव व डूब क्षेत्र में तब्दील किया जा रहा हैं। बन्द-कल कारखाने को चालू करने के बदले उन कारखानो की ज़मीन व संसाधन पर सरकार के लोग गिध्द दृष्टि गड़ाए हुये हैं। हत्या-अपराध की घटनाएं लगातार बदस्तूर जारी हैं।
महागठबंधन दल के नेताओं ने कहा कि भाजपा-जदयू के जनविरोधी, दमनकारी बुलडोजर राज के खिलाफ 74 आंदोलन जैसा बड़ा आंदोलन फिर से खड़ा करने के उद्देश्य से ही 5जून को पटना के बापूसभागार में कार्यकर्ता सम्मेलन आहूत हैं।
संवाददाता सम्मेलन में भाकपा(माले) के जिला सचिव बैद्यनाथ यादव, भाकपा के राजीव चौधरी, माकपा के जिला सचिव अविनाश कुमार ठाकुर, राजद जिलाध्यक्ष उमेश राय व माले के अभिषेक कुमार, नेयाज अहमद, सदीक भारती, भूषण मण्डल, रंजन सिंह, मो जमालुद्दीन, भाकपा के कार्यकारणी सदस्य विश्वनाथ मिश्रा, राजू मिश्रा, माकपा के दिलीप भगत, गोपाल ठाकुर उपस्थित थे।
अभिषेक कुमार