कोविड ने किया निराश आयुष्मान ने दिया सहारा
•आर्थिक तंगी के कारण नहीं हो पा रहा था ऑपरेशन, आयुष्मान योजना से मिला जीवनदान
•शहर के एक निजी अस्पताल में हुआ ऑपरेशन सरकार ने वहन किया खर्च
मधुबनी,
कोरोना महामारी ने जहां कई लोगों की जीवन छीन ली वहीं दूसरी ओर कई लोगों के रोजगार छीन कर बेरोजगार बना दिया है। ऐसा ही एक परिवार मीरा देवी का है, जो मधुबनी जिले के राजनगर प्रखंड के राघोपुर बलाट गांव का रहने वाला है। यह परिवार कोरोना के प्रथम लहर के दौरान लॉकडाउन में घर पहुंचा। परिवार के पति मुंबई में ऑटो ड्राइवर का काम करते थे। लेकिन लॉकडाउन के बाद उन्हें घर वापस आना पड़ा। घर आकर लॉकडाउन व कोरोना होने की वजह से उन्हें कोई रोजगार भी नहीं मिला। उस वक्त पूरा देश कोरोना के दंश से जूझ रहा था। परिवार के पास जो कुछ बचा पैसा था वह खर्च हो चुका था। वे आर्थिक संकट से जूझ रहे थे। राशन खरीदने के लिए पैसे नहीं बचे थे। ऐसी ही समस्याओं के साथ अपनी आजीविका चला रहे थे, लेकिन एक परेशानी का सामना कर ही रहे थे कि दूसरी परेशानी ने दस्तक दे दी। मीरा देवी को पेट में तेज दर्द हुआ। डॉक्टरों से दिखाया तो पता चला है कि पेट के गोलब्लॉडर में पत्थर है । अब तो परिवार के ऊपर और ज्यादा परेशानी बढ़ गई। निजी चिकित्सकों ने ऑपरेशन का खर्च 25 से 30 हजार रुपये बताया । जो परिवार के लिए काफी बड़ी रकम थी। गांव की आशा के माध्यम से उन्हें आयुष्मान कार्ड के बारे में जानकारी मिली।. सीएसपी ( कॉमन सर्विस सेंटर ) जाकर अपने नाम की खोज करवाई तो पता चला कि आयुष्मान योजना के तहत उनका भी नाम दर्ज है। उन्होंने शहर के एक निजी अस्पताल में ऑपरेशन कराया । जिसमें सारे खर्च आयुष्मान योजना के तहत किए गए। अब महिला पूर्णतः ठीक हैं। उन्होंने आयुष्मान योजना का आभार जताते हुए बताया अगर आयुष्मान कार्ड न होता तो काफी समस्या का सामना करना पड़ता।
गरीब परिवारों के लिए आयुष्मान भारत-प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना वरदान :
आयुष्मान योजना के जिला इकाई के डीपीसी कुमार प्रियरंजन ने बताया गरीब परिवारों के लिए आयुष्मान भारत-प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना उनके जीवन को बचाने में बेहद कारगर साबित हुई है। इस योजना के तहत मुफ्त इलाज की सुविधा से पंक्ति में खड़े अंतिम व्यक्ति तक को इस खौफ से मुक्ति मिली है कि इलाज के लिए पैसे कहां से आएंगे। प्रियरंजन ने कहा कि गरीबी से अभिशप्त लोगों के लिए इलाज कराना पहले जितना ही कठिन था उतना ही अब कार्ड मिल जाने से इलाज करा कर स्वस्थ्य रहने का वरदान मिलने लगा है। बताया सरकार , कार्डधारी परिवारों के मरीजों का आयुष्मान योजना के सूचीबद्ध प्राइवेट अस्पतालों में इलाज का पूरा खर्च वहन करती है।
पात्र लाभार्थियों को प्रतिवर्ष 5 लाख का मुफ्त इलाज :
सिविल सर्जन डॉ सुनील कुमार झा ने बताया आयुष्मान भारत योजना के तहत पात्र लाभार्थियों को इस योजना के तहत 5 लाख रुपए तक प्रति वर्ष मुफ्त इलाज के लिए सरकार द्वारा सूचीबद्ध अस्पतालों में सुविधा उपलब्ध कराई जाती है। गांव स्तर पर संपर्क स्थापित कर लोगों को योजना के प्रति जागरूक करने की कोशिश जारी है। गरीबों के लिए यह योजना संजीवनी साबित हो रही है।.यह केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी योजना है।