दिल में छेद से ग्रसित बच्चे को सफल ऑपरेशन के लिए भेजा गया सत्य साईं हॉस्पिटल
•आरबीएसके की पहल से चिह्नित किया गया था बच्चा
•सिविल सर्जन ने हरी झंडी दिखाकर एंबुलेंस को किया रवाना
•पूरी प्रक्रिया में परिवार को नहीं होगा कोई खर्च, सरकार करेगी वहन
समस्तीपुर, बच्चे का जन्म पूरे परिवार के लिए खुशियों के नए आगमन की तरह होता है, पर जन्म से ही अगर बच्चा किसी जानलेवा रोग से ग्रसित हो तो परिवार के लिए यह सबसे मुश्किल घड़ी हो जाती है। जिले के पटोरी प्रखंड के बहादुरपुर गांव के आजाद कुमार, उम्र 4 वर्ष, तथा सरायरंजन प्रखंड के भगवतपुर गांव के मोहम्मद अयान, 4 वर्ष ,मोहनपुर प्रखंड के बगरा गांव के अमन राजा, 3 वर्ष, दलसिंह सराय प्रखंड के गादो बाजितपुर गांव के पीयूष कुमार, उम्र 4 वर्ष, मोहनपुर प्रखंड के डुमरी गांव के सर्जन कुमार, उम्र 5 वर्ष सरायरंजन प्रखंड के भगवतपुर गांव के अविनाश कुमार, उम्र 14 वर्ष, इन सभी बच्चे के जन्म से ही दिल में छेद था जो समय के साथ बढ़ता ही जा रहा था। सही समय पर इसका ऑपरेशन नहीं करवाने की स्थिति में यह जानलेवा भी साबित हो सकता था। मामले की जानकारी मिलने पर जिला में कार्यरत राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम (आरबीएसके) के जिला स्वास्थ्य समिति द्वारा इसे पटना के राज्य स्वास्थ्य समिति में भेजा गया जहां से स्टेट टीम के द्वारा सफल ऑपरेशन के लिए सत्य साईं अस्पताल अहमदाबाद भेजा गया। सफल ऑपरेशन के बाद सभी बच्चे सामान्य रूप से जीवन जी सकेंगे।
जन्म से ही बच्चे के दिल में था छेद :
इन बच्चों के पिता ने बताया कि बच्चे का समस्तीपुर से इलाज करवाया, जहां मालूम हुआ बच्चे के दिल में छेद है। उसके बाद बेहतर इलाज के लिए निजी नर्सिंग हॉस्पिटल में इलाज करवाया। इसका खर्च बहुत ज्यादा आता है। जहां कई बच्चे के पिता दैनिक मजदूरी कर अपना तथा परिवार का भरण पोषण करते हैं। उनके लिए इतना खर्च करना कतई संभव नहीं है। तब आरबीएसके की टीम ने हम से संपर्क किया और आज हमारे बच्चे को दिल के ऑपरेशन के लिए सत्य साईं अस्पताल अहमदाबाद रेफर किया गया । बच्चा के ऑपरेशन में होने वाले खर्च राज्य सरकार वहन कर रही है। विदित हो कि मंगलवार सुबह को आरबीएसके की टीम द्वारा 102 एंबुलेंस से बच्चे को राज्य स्वास्थ्य समिति पटना भेजा गया। जहां परिजन तथा बच्चे मंगलवार को वरीय पदाधिकारियों से मुलाकात कर फ्लाइट से अहमदाबाद रवाना होंगे। जहां बच्चे का सफल ऑपरेशन किया जाएगा।
आरबीएसके द्वारा की गयी मदद :
आरबीएसके के जिला समन्वयक डॉ. विजय कुमार ने कहा कि जिले से 6 बच्चे का सत्य साईं हॉस्पिटल में ऑपरेशन होना है। उन्होंने बताया राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम (आरबीएसके) के तहत ऐसे बच्चों की सर्जरी बड़े सरकारी-प्राइवेट अस्पतालों में निःशुल्क होती है। बच्चे का नाम आंगनबाड़ी केंद्र में या सरकारी स्कूल में दर्ज होना जरूरी है। उन्होंने बताया कि बच्चा जब गर्भ में रहता है,अल्ट्रासाउंड रिपोर्ट से शिशु के दिल में छेद का पता चल जाता है। आरबीएसके के तहत जन्मजात बीमारियों से पीड़ित बच्चों की सर्जरी निःशुल्क कराई जाती है। साथ ही दिल में छेद, कटे होठ और चिपके तालू भी शामिल हैं। दिल के छेद की सर्जरी महंगी है, एक से तीन लाख रुपये तक का खर्च आता है। आरबीएसके के टीएम 0 से 18 साल तक के बच्चों में 45 तरह के बीमारियों उपचार तथा ऑपरेशन करवाती है।
नहीं होगा परिवार को कोई भी खर्च :
आरबीएसके जिला समान्यवक डॉ. विजय कुमार ने बताया कि पीड़ित बच्चों की पूरी जांच और ऑपरेशन प्रक्रिया को आरबीएसके टीम द्वारा ही करवाया जाएगा। इस पूरी ऑपरेशन प्रक्रिया में परिजनों को किसी तरह का कोई भी खर्च नहीं करना होगा। ऑपरेशन के बाद भी बच्चे की फीडबैक के लिए आरबीएसके के टीम के द्वारा उनके घर जाकर नियमित जानकारी ली जाएगी। आरबीएसके टीम बच्चों के बेहतर स्वास्थ्य के लिए हमेशा नियमित रूप से कार्यरत है।
बच्चों में दिल के छेद के रोग के लक्षण :
•बच्चे का रंग नीला पड़ जाता है।
•नाखून और होंठ भी नीले पड़ जाते हैं।
•सांस लेने में दिक्कत होती है।
•शिशु को दूध पीने में दिक्कत आती है।
•पसीना आना, वजन कम और थकान।
बच्चों के दिल में छेद का कारण :
•ज्यादातर केस जन्मजात होते हैं।
•गर्भवती महिला को रुबैला-खसरा होना।
•कुछ मेडिसीन का दुष्प्रभाव।
•गर्भवती महिला द्वारा शराब का सेवन।
•गर्भावस्था के दौरान धूम्रपान, कोकीन सेवन।