ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय स्थित सभागार में  कुलपति प्रो. सुरेंद्र प्रताप सिंह की अध्यक्षता में प्रेसवार्ता का आयोजन हुआ।

ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय स्थित सभागार में  कुलपति प्रो. सुरेंद्र प्रताप सिंह की अध्यक्षता में प्रेसवार्ता का आयोजन हुआ। प्रेस को संबोधित करते हुए  कुलपति महोदय ने कहा कि विगत एक वर्ष से यानी पांच अगस्त 2021 से चार अगस्त 2022 तक ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय का स्वर्ण जयंती वर्ष समारोह मनाया जा रहा है। पांच अगस्त 2022 को स्वर्ण जयंती वर्ष समारोह का समापन होगा। समापन समारोह में माननीय शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी, दरभंगा सांसद डॉ. गोपाल जी ठाकुर, सदर विधायक संजय सरावगी, अपर मुख्य सचिव शिक्षा विभाग दीपक कुमार सिंह एवं गणमान्य व्यक्ति शामिल होंगे। समापन समारोह में माननीय शिक्षा मंत्री दो सत्रों को संबोधित करेंगे। उन्होंने कहा कि इस वर्ष स्नातकोत्तर विभाग व कॉलेज केवल पाठ्यक्रम तक सीमित नहीं रहे, इस दौरान विभागों व कॉलेजों में विभिन्न प्रकार की प्रतियोगिताओं एवं कार्यक्रमों का आयोजन हुआ। सभी प्रतियोगिताओं को लेकर एक पुस्तक का आकार देने के लिए पदाधिकारियों की टीम गठित की गई है।
कुलपति महोदय ने कहा कि किसी भी विश्वविद्यालय का मानक शोध होता है। विभागों व महाविद्यालयों में लगातार ऑनलाइन और ऑफलाइन मोड में सेमीनारों का आयोजन किया जा रहा है। किसी भी विश्वविद्यालय के लिए सबसे बड़ी चुनौति देश के टॉप अभ्यर्थियों को अपने विवि मं बुलाना होता है। इससे भी ज्यादा बेहतर छात्रों को रोकने की उचित तकरीब विश्वविद्यालय के पास होनी चाहिए। विश्वविद्यालय की पहल से सभी कॉलेजों की वेबसाइट बनाई गई है। इन वेबसाइट पर कॉलेजों के सभी तरह के डाटा अपलोड़ होंगे। साथ ही सेम डे पोर्टल पर प्रायोगिक विषयों का रिजल्ट अपलोड किया जायेगा। इससे पारदर्शिता बढ़ेगी। शिक्षकों व छात्रों का सही मूल्यांकन भी हो पायेगा।
कुलपति महोदय ने कहा कि अगर कोई अभ्यर्थी आरटीआई से अपनी कॉपी मांगता है तो उसे निजी मेल आईडी पर स्कैन कॉपी उपलब्ध करा दिया जायेगा। साथ ही जिन छात्रों का रिजल्ट पेंडिंग है, उन छात्रों का डाटा उपलब्ध कराने के लिए कॉलेजों के प्राचार्यों को पत्र लिखा गया है। दिसंबर तक सभी सत्र नियमित हो जायेगा।
कुलपति महोदय ने कहा कि विश्वविद्यालय के पास डाटा नहीं होने के कारण रिजल्ट देने में कुछ विलंब हुआ है। 75 लाख डाटा को वापस पाना एक बड़ी चुनौती थी, लेकिन सभी कर्मियों के सहयोग यह संभव हो पाया। विश्वविद्यालय ने सभी परीक्षाओं का परिणाम दे दिया है। बीए पार्ट वन का परिणाम जल्द ही प्रकाशित कर दिया जायेगा। उन्होंने कहा कि ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय में जल्द ही डीजी लॉकर की सुविधा उपलब्ध हो जायेगी। सरकार इसके लिए मानक तय कर रही है। छह माह के बाद किसी भी छात्र को प्रमाण-पत्र लेने में किसी भी प्रकार की समस्या नहीं होगी। छात्र दुनिया के किसी भी कोने से डीजी लॉकर के माध्यम से अपना प्रमाण-पत्र ले सकेंगे। छात्रों को विश्वविद्यालय मुख्यालय आने की जरूरत नहीं होगी।
कुलसचिव प्रो. मुश्ताक अहमद ने प्रेसवार्ता को संबोधित करते हुए विश्वविद्यालय स्वर्ण जयंती वर्ष समारोह के समापन समारोह को लेकर विस्तार से जानकारी दी। साथ ही विश्वविद्यालय के एक वर्ष की उपलब्धियों पर विस्तार से चर्चा करते हुए कहा कि मैं प्रेस के माध्यम से आमजन के सामने विश्विद्यालय की एक वर्ष की रिपोर्ट यानी 01.08.2021 से 31.07.2022 तक प्रस्तुत कर रहा हूं। प्रो. अहमद ने कहा कि एक वर्ष के भीतर विश्वविद्यालय में 337 अभ्यर्थियों को पीएच डी अवार्ड प्रदान किया गया हैं। इनमें सामाजिक संकाय के 108, मानविकी संकाय के 95, विज्ञान संकाय के 79, कॉमर्स संकाय के 21, एमबीए संकाय के 23 और एजुकेशन संकाय के 11 अभ्यर्थी शामिल हैं। डब्ल्यूआईटी की चर्चा करते हुए कुलसचिव ने कहा कि कुलपति महोदय की पहल अब रंग ला रहा है। इसका असर साफ डब्ल्यूआईटी पर भी अब दिख रहा है। आज मिथिला विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति डॉ. राजमणि सिन्हा ने भी कुलपति महोदय से मिलकर इस बात की बधाई दी है। उन्होंने कहा कि आपके विजन के कारण ही आज राष्ट्रीय स्तर की पोर्टल पर डब्ल्यूआईटी दिख रहा है। प्रथम बार बीसीईसीई के माध्यम से डब्ल्यूआईटी में नामांकन लिया गया। नामांकित छात्राओं की संख्या 52 से बढ़कर 70 हो गई है। खाली बचे सीटों पर नामांकन के लिए प्रयास जारी है। इस वर्ष डब्लयूआईटी की 32 छात्राओं का कैंपस प्लेसमेंट हुआ हैं। तीन छात्राओं का चयन उच्च शिक्षा विभाग में नौकरी के लिए हुआ हैं। एक छात्रा ने गेट पास की हैं। साथ ही एनटीए ने जेईई सीबीटी बेस्ड परीक्षा के लिए डब्ल्यूआईटी का चयन किया है।
कुलसचिव महोदय ने कहा कि पीआईओ कार्यालय में 538 आवेदन प्राप्त हुआ, जिसमें 456 मामलों का निष्पादन कर दिया गया। अपील मामलों के 114 में से 94, स्टेट इनफॉरमेशन कमीशन के 53 में से 44 मामलों का निष्पादन कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि पुस्तकालय को शोध परक बनाने के लिए विभागों के शिक्षकों के साथ चर्चा करने बाद नई किताबें बाहर से मंगाई जा रही है। ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय राज्य का पहला विश्वविद्यालय हैं, जहां पर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी पर आधारित 1300 पुस्तकें हैं। साथ ही केंद्रीय पुस्तकालय विभाग के संसाधन में लगातार बढ़ोत्तरी की जा रही है। एप बेस्ड सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है। ताकि, छात्रों को सुविधा हो सके।
कुलसचिव ने कहा कि राज्य स्तर पर मिथिला विश्वविद्यालय पहला विश्वविद्यालय है जो समय से पहले सीनेट की बैठक करवाने में सफलता प्राप्त की। इसकी सराहना राजभवन ने भी किया। सीनेट की बैठक में नौ कॉलेजों को मान्यता देकर वेबसाइट पर अपलोड करने वाला राज्य का पहला विश्ववद्यालय मिथिला विश्वविद्यालय बना। उन्होंने जानकारी देते हुए कहा कि सरकार ने अब नियम बना दी है कि किसी भी कॉलेजों को मान्यता वर्ष में एकबार ही दी जायेगी। प्रो. अहमद ने कहा कि लगातार तीसरी बार सीईटी-बीएड की प्रवेश परीक्षा का सफल आयोजन करने से ल. ना. मिथिला विश्वविद्यालय का राज्य स्तर पर मान बढ़ा है। बीपीएससी परीक्षा के प्रश्न पत्र लीक होने के बाद परीक्षा का सफल आयोजन एक बड़ी चुनौती थी।
कुलसचिव ने कहा कि विश्वविद्यालय के इतिहास में पहली बार हुआ कि शिक्षक और कर्मचारियों के अवकाश प्राप्त करने के दिन ही विदाई समारोह में पेंशन का पेपर दे दिया गया। एक वर्ष के भीतर 200 पेंशन के आवदेनों का निष्पादन किया गया। इसके लिए पेंशन पदाधिकारी और उनके कार्यालय के कर्मी बधाई के पात्र हैं। उन्होंने कहा कि नेक ग्रेडिंग के लिए आईक्यूएसी विभाग बेहतर कार्य कर रहा है। वेबसाइट पर सभी डाटा अपोलड कर दिया गया है। विश्वविद्यालय को बेहतर ग्रेड मिले इसके लिए निरंतर प्रयास जारी है। राज्य का पहला विश्वविद्यालय ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय है जो एनआईआरएफ के लिए दो वर्षों से लगातार प्रयास कर रहा है। इसकी प्रशंसा एनआईआरएफ ने भी की है। दूरस्थ शिक्षा निदेशालय की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि यह राष्ट्रीय निर्णय है। फिर भी दूरस्थ शिक्षा निदेशालय में नामांकन हो, इसके लिए विश्वविद्यालय ने अपने स्तर पर भी प्रयास किया। हमलोग माननीय उच्च न्यालाय तक भी गये। मानक पर नहीं आने के कारण अभी दूरस्थ शिक्षा निदेशालय में नामांकन बंद है। उन्होंने खेल विभाग की जानकारी देते हुए कहा कि दो छात्र विश्वविद्यालय के प्रतिनिधियों के रूप में चीन जा रहे हैं। वहां वे अंतरराष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिता में भाग लेंगे। इसी प्रकार कुलसचिव ने अन्य विभागों की उपलब्धियों पर भी विस्तार से चर्चा की।
कुलसचिव ने इस बात पर जोर देते हुए कहा कि राज्य का पहला विश्वविद्यालय ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय है, जिसके किसी भी कॉलेज का कोई भी विभाग अब शिक्षक विहिन नहीं है। मैं छात्रों से अपील करता हूं कि वे नियमित वर्ग में उपस्थित हों। साथ ही उनके अभिभावकों से और छात्र संघ के प्रतिनिधियों से कहना चाहता हूं कि वे छात्रों को वर्ग में नियमित भेंजे। अगर, कोई छात्रों की ओर से किसी भी शिक्षकों के खिलाफ वर्ग नहीं लेने की शिकायत आयेगी तो उस शिक्षक के खिलाफ कार्रवाई की अनुशंसा की जायेगी। प्रेसवार्ता में कुलानुशाक प्रो. अजयनाथ झा, डीएसडब्ल्यू डॉ. विजय कुमार यादव, सीईटी-बीएड के राज्य नोडल पदाधिकारी प्रो. अशोक कुमार मेहता, डीआर वन डॉ. कामेश्वर पासवान, डीआर टू डॉ. दिव्या रानी हंसदा, परीक्षा नियंत्रक डा आनंद मोहन मिश्रा, पेंशन पदाधिकारी डॉ. सुरेश पासवान, प्रेस एवं मीडिया पदाधिकारी डॉ. आर एन चौरसिया, आइक्यूएसी निदेशक डा जिया हैदर, एनएसएस कोऑर्डिनेटर डा विनोद बैठा व डा आनंद प्रकाश गुप्ता, केंद्रीय पुस्तकालय के निदेशक डॉ. दमन कुमार झा व अन्य मौजूद थे।

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