आज ही के दिन 1966 ताशकंद में लाल बहादुर शास्त्री जी को मृत पाया गया था।
कुछ घंटे के बाद KGB (ताशकंद पुलिस) ने रसोइए को जहर दिए जाने के शक में गिराफ्तार भी किया था, उसके बाद भारतीय सरकार के हस्तक्षेप के बाद छोड़ दिया गया..!!
मृत शरीर को भारत लाया गया, परिवार को मृत शरीर से दूर रखने का पूरा प्रयास किया गया परंतु फिर भी मृत शरीर का रंग (पूरा नीला) नहीं छुपा, शरीर पर कट के निशान नहीं छुपे जिनको छुपाने के लिए पीला लेप लगाया गया था..!!
परिवार के बार बार आग्रह के बावजूद शास्त्री जी के मृत शरीर का पोस्टमार्टम नहीं होने दिया गया जबकि उनकी पत्नी को चश्मे के केस में शाष्त्री जी की हैंडराइटिंग में लिखी पर्ची भी मिली जिसमें लिखा था – “मुझे धोखा दिया गया है”
“जय जवान जय किसान” का नारा देने वाले, एक दिन उपवास रखकर अन्न बचाने का मूलमंत्र देने वाले हमारे प्रिय प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री जी की पुण्यतिथि पर शत शत नमन…!!,