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शारदा सिन्हा को विद्यापति सेवा संस्थान ने दी भावभीनी श्रद्धांजलि 

शारदा सिन्हा को विद्यापति सेवा संस्थान ने दी भावभीनी श्रद्धांजलि

पद्मश्री एवं पद्मभूषण सम्मान से सम्मानित मिथिला की धिया मिथिला विभूति, मिथिला रत्न शारदा सिन्हा के निधन पर विद्यापति सेवा संस्थान ने बुधवार को श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया। संस्थान के प्रधान कार्यालय परिसर में आयोजित श्रद्धांजलि सभा में लोगों ने उनके चित्र पर माल्यार्पण कर दिवंगत पुण्यात्मा को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की। मैथिली अकादमी के पूर्व अध्यक्ष पं कमलाकांत झा की अध्यक्षता में आयोजित श्रद्धांजलि सभा में महासचिव डा बैद्यनाथ चौधरी बैजू ने संस्थान के साथ शारदा सिन्हा के आत्मीय संबंधों को रेखांकित करते हुए कहा कि शारदा जी के निधन से मिथिला, बिहार और देश ने एक अनमोल संगीत रत्न खो दिया है। ‘बिहार कोकिला’ के नाम से प्रसिद्ध मिथिला की बेटी ने जीवन पर्यन्त मैथिली और भोजपुरी में अपने गीतों के माध्यम से लोक-संगीत को जीवंत बनाए रखा। उनके गाये छठ, विवाह, सामा, सोहर, समदाउन के साथ विद्यापति गीतों की गूंज हमेशा हमारे दिलों में बनी रहेगी। उनकी स्मृतियाँ हमारे साथ हमेशा रहेंगी​​। उन्होंने स्वर कोकिला शारदा सिन्हा के कृतित्व के लिए उन्हें भारत रत्न सम्मान दिए जाने की भारत सरकार से मांग करते हुए विहित प्रक्रिया के तहत शहर के किसी चौक का नामकरण उनके नाम पर किए जाने एवं संस्थान के तत्वावधान में वहाँ उनकी भव्य प्रतिमा स्थापित करने की घोषणा की। साथ ही उन्होंने कहा कि शारदा सिन्हा की पुण्य स्मृति में 52वें मिथिला विभूति पर्व समारोह का मुख्य द्वार उनके नाम पर तैयार किया जाएगा।

डा टुनटुन झा अचल ने कहा कि छठ पूजा के दौरान उनका महाप्रयाण अत्यंत दुखद है। वे अपने स्वरों के जरिए सदैव लोगों के हृदय में जीवित रहेंगी। मीडिया संयोजक प्रवीण कुमार झा ने कहा कि छठ गीतों के जरिए वैश्विक पहचान बनाने वाली मिथिला की बेटी स्वर कोकिला की तस्वीर देश के हर छठ घाट पर लगाकर उन्हें श्रद्धांजलि दी जानी चाहिए। यह सिर्फ इस साल नहीं बल्कि हर साल की जानी चाहिए।

स्वर्णिम किरण प्रेरणा ने कहा कि भारतीय संस्कृति की मर्मस्पर्शी गायिका शारदा सिन्हा का योगदान हमारी लोक संस्कृति के लिए अमूल्य है, उनकी आवाज़ छठ घाट सहित हर शुभ अवसर पर जीवंत रहेगी। अध्यक्षीय संबोधन में मैथिली अकादमी के पूर्व अध्यक्ष पं कमलाकांत झा ने कहा कि विद्यापति सेवा संस्थान के तत्वावधान में वर्ष 1972 में सीएम साइंस कॉलेज के कामेश्वर भवन में आयोजित विद्यापति स्मृति पर्व समारोह में शारदा सिन्हा ने पहली प्रस्तुति दी थी और तब से लेकर जीवन पर्यन्त संस्थान के साथ उनके आत्मीय संबंध बने रहे।विद्यापति गीतों की मनोहर प्रस्तुति दीके लिए साल 1984 में उन्हें मिथिला विभूति एवं मिथिला रत्न सम्मान से सम्मानित किया गया। उन्होंने दिवंगत पुण्यात्मा के चिर शांति की कामना करते हुए संगीत क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान के लिए लता मंगेशकर की तरह भारत रत्न सम्मान प्रदान किए जाने की मांग को यथोचित बताया।

उधर, संस्थान के प्रतिनिधि के रूप में आशीष चौधरी, पुरुषोत्तम वत्स एवं मणिभूषण राजू ने बुधवार को पटना स्थित शारदा सिन्हा के आवास पर पहुंचकर उनके पार्थिव शरीर पर माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि अर्पित की। श्रद्धांजलि सभा में प्रो विजय कांत झा, विनोद कुमार झा, चंद्रशेखर झा बूढ़ा भाई, प्रो रमेश झा, दुर्गानंद झा मिथिलेश मिश्रा, प्रेमजी, शिव शंकर झा आदि की उल्लेखनीय उपस्थित रही।

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