समस्या संग समाधान से गूंज रहा “महिला संवाद”
घूंघट से बाहर निकल समाज की अगुवाई कर रहीं महिलाएं
दरभंगा जिले में सोमवार को आयोजित हुए ‘महिला संवाद’ कार्यक्रम में महिलाओं की भागीदारी और आत्मविश्वास ने एक नया सामाजिक परिदृश्य प्रस्तुत किया। कभी घर की चारदीवारियों और घूंघट के पीछे सिमटी रहने वाली महिलाएं अब खुलकर समाज की समस्याएं उठा रही हैं और समाधान भी सुझा रही हैं।
बिहार सरकार की पहल पर 18 अप्रैल से शुरू हुए इस कार्यक्रम के तहत जिले के सभी प्रखंडों में कुल 36 ग्राम संगठनों में दो पालियों में ‘महिला संवाद’ का आयोजन किया गया, जिसमें हजारों की संख्या में महिलाओं ने भाग लिया।
कार्यक्रम की खास बात यह रही कि जीविका से जुड़ी महिलाओं ने उन महिलाओं को भी आमंत्रित किया, जो अब तक समूह से नहीं जुड़ी थीं। इससे गांव-टोले की उन महिलाओं को भी मंच मिला, जो आमतौर पर अपनी समस्याएं और सुझाव साझा करने से हिचकती थीं।
ग्राम संगठनों की उठी आवाजें
गौड़ा बौराम के बसंत ग्राम संगठन की महिलाओं ने बाढ़ की समस्या को प्रमुख मुद्दा बताते हुए इसके स्थायी समाधान और पक्की सड़कों की मांग की। बहेरी के पीहू ग्राम संगठन की महिलाओं ने जीविकोपार्जन के लिए अधिक ऋण राशि और ब्याज दरों में कटौती की मांग रखी। वहीं हायाघाट के रेशा ग्राम संगठन की महिलाओं ने पशुपालन कार्यों में सहायता बढ़ाने की आवश्यकता जताई।
कार्यक्रम में सरकार की विभिन्न महिला सशक्तिकरण योजनाओं की जानकारी भी दी गई। महिला संवाद रथ के माध्यम से वीडियो प्रजेंटेशन हुआ, जिसमें महिलाओं को योजनाओं की जानकारी दी गई। इसके अतिरिक्त योजनाओं से संबंधित लीफलेट्स का वितरण भी किया गया।
इस संवाद कार्यक्रम में जीविका से जुड़ी कई महिलाओं ने अपने संघर्ष और सफलता की कहानियां साझा कीं। इन कहानियों ने अन्य महिलाओं को भी प्रेरित किया कि वे अपने पैरों पर खड़ी होकर आत्मनिर्भर बनें।
कार्यक्रम के अंत में बताया गया कि महिलाओं द्वारा साझा की गई सभी समस्याओं और सुझावों को संकलित कर संबंधित विभागों को भेजा जाएगा, ताकि नीतियों और योजनाओं में इन वास्तविक जरूरतों को प्राथमिकता मिल सके। दरभंगा में यह कार्यक्रम महिलाओं की सोच और समाज में उनके बदलते स्थान का प्रमाण बनकर सामने आया है। ‘महिला संवाद’ न केवल उन्हें जागरूक बना रहा है, बल्कि उन्हें नेतृत्व की दिशा में भी आगे बढ़ा रहा है।