शिवरात्रि महोत्सव में हुआ गाम दर्पण का लोकार्पण
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साहित्य जहां समाज का दर्पण होता है वहीं, मातृभाषा किसी भी व्यक्ति के संस्कारों की संवाहक होती है
और इसके माध्यम से किसी भी देश अथवा समाज की संस्कृति को मूर्त रूप मिलता है। उक्त बातें मैथिली के प्रबुद्ध साहित्यकार एवं श्रीमद् भागवत कथा वाचक डॉ जयप्रकाश चौधरी जनक ने मनीगाछी प्रखंड के टटुआर पंचायत अंतर्गत विशौल गांव में अवस्थित अति प्राचीन श्री श्री 108 बाबा सिद्धेश्वर नाथ महादेव मंदिर परिसर में आयोजित शिवरात्रि महोत्सव के दौरान गांव के युवाओं द्वारा प्रकाशित ‘गाम दर्पण’ नामक स्मारिका के सातवें अंक का विमोचन करते हुए कही। उन्होंने कहा कि ग्रामीण स्तर पर इस तरह के आयोजन खास मायने रखते हैं। यह सभी समुदाय के लोगो को एक सूत्र में बांधने का कार्य तो करता ही है, क्षेत्र में पढ़ने-लिखने की संस्कृति को भी आगे बढ़ाता है। उन्होंने अपनी काव्य-पंक्तियों के माध्यम से कहा- “अप्पन जननी जन्मभूमि केर, कोना करी सत्कार/ आइ ग्राम दर्पण सँ सिखलौ धनि बिशौल, टटुआर।”
बुजुर्ग ग्रामीण योगेन्द्र झा की अध्यक्षता में आयोजित लोकार्पण समारोह में प्रखंड भाजपा अध्यक्ष विनोद मिश्र ने कहा कि ग्रामीण युवाओं द्वारा इस स्मारिका का प्रकाशन कर गांव की विरासत को सहेजने के साथ ही ग्रामीण प्रतिभा को एक प्लेटफार्म प्रदान किया जा रहा है, जो काबिले तारीफ है। कार्यक्रम में कृष्ण कन्हैया ने स्वागत गीत एवं केदारनाथ कुमर ने विद्यापति की कालजयी रचना जय जय भैरवि प्रस्तुत की।
मैथिली के युवा कवि बालमुकुन्द के संचालन में आयोजित कार्यक्रम में अतिथियों का स्वागत मंदिर प्रबंधन समिति के अध्यक्ष एवं पूर्व मुखिया प्रो जीव कांत मिश्र ने किया। अपने सम्बोधन में उन्होंने इस बात पर खुशी जाहिर की कि ॠषिकेश झा के संयोजन एवं मुकुन्द मयंक के संपादन में इस स्मारिका के प्रकाशन के माध्यम से बिशौल गांव मनीगाछी प्रखंड के उन गावों की सूची में दूसरे पायदान पर जबरदस्त पहुंच बना ली है जहां लगातार सातवें अंक तक स्मारिका प्रकाशन की निरंतरता बनी हुई है।
मौके पर टटुआर उच्च विद्यालय के छात्र- छात्रों के बीच गाम दर्पण पुरस्कार का वितरण एवं सुभाष झा द्वारा अनुदित मैथिली दुर्गा सप्तशती का विमोचन भी किया गया। कार्यक्रम के अंत में स्मारिका के संपादक मुकुंद मयंक ने धन्यवाद ज्ञापित किया। इस अवसर पर विद्यानंद झा, मोहन कुमर, प्रो. अमरकांत झा, प्रवीण कुमार झा, प्रणव नाथ झा, नारायण राय, विनोद कुमर, लाल यादव, मदन प्रसाद, हर्ष मिश्रा, मोनू मिश्रा, नवीन कुमर, प्रदीप कुमर सहित सैकड़ो ग्रामीण उपस्थित थे।
उधर, श्रीमद् भागवत कथा के पांचवें दिन व्यासपीठ पर विराजमान डॉ जयप्रकाश चौधरी जनक ने श्री कृष्ण की बाल लीलाओं का रोमांचक अंदाज में विस्तार से वर्णन किया। रोमांचक अंदाज में भगवान की लीलाओं के वर्णन ने श्रद्धालुओं को मंत्रमुग्ध कर दिया।