कुपोषण को मात देगा पोषण का मंत्र
• राष्ट्रीय पोषण माह में आईसीडीएस की नई पहल
• वेबिनार के माध्यम से कुपोषण के खिलाफ जंग
• चार दिवसीय ई प्रशिक्षण में पोषण पर होगा मंथन
पटना, 02 सितंबर
राष्ट्रीय पोषण माह में समेकित बाल विकास सेवाएं (आईसीडीएस) ने कुपोषण को मात देने के लिए बड़ी पहल की है। कुपोषण के खिलाफ एक बड़ी मुहिम चलाने के लिए वेबिनार के माध्यम से बड़ी रणनीति बनाई जा रही है। चार दिवसीय वेबिनार का शुभारंभ बुधवार को किया गया जो शनिवार तक चलेगा। वेबिनार में पोषण माह को लेकर कई अहम योजनाओं पर मंथन किया गया।
पोषण वाटिका एवं कृषि पोषण को बढ़ावा देने की जरूरत:
वेबिनार का शुभारंभ करते हुए आईसीडीएस के निदेशक अलोक कुमार ने कहा कि पोषण माह को सफल बनाने के लिए सबों को मिलकर प्रयास करना होगा. इसके लिए पोषण वाटिका एवं कृषि पोषण जैसे नवीन पहल पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है. साथ ही कुपोषण को खत्म करने के लिए ग्रोथ मॉनिटरिंग जैसे टूल के बेहतर प्रयोग करने पर ध्यान देने की जरूरत है. उन्होंने जोर देते हुए कहा कि कोरोना संक्रमण काल में आंगनबाड़ी सेविकाओं एवं सहायिकों की सुरक्षा सर्वोपरि है. साथ ही इनकी सुरक्षा का ध्यान रखना हमारी जिमेम्दारी भी है.
जागरुकता का हथियार करेगा कुपोषण पर वार:
नोडल पदाधिकारी पोषण अभियान श्वेता सहाय ने बुधवार को वेबिनार का शुभारंभ किया। इस दौरान आईसीडीएस की पूरी टीम वेबिनार के माध्यम से जुड़ी रही। उद्घाटन सेशन में श्वेता सहाय ने कहा कि पोषण माह हमारे लिए एक मुहिम है और इस मुहिम को जन-जन तक पहुंचना है। इसके लिए हमारे साथ काम करने वाली हर कड़ी को मजबूती के साथ डटे रहना होगा।
तकनीकी सेशन में हर मुद्दे पर चर्चा:
तकनीकी सेशन के बारे में बताते हुए नोडल पदाधिकारी पोषण अभियान श्वेता सहाय ने कहा कि कुपोषण को मात देने के लिए हम कोरोना काल मे भी मजबूती से काम कर रहे हैं। हम वेबिनार के माध्यम से अपनी पूरी टीम के साथ हैं और कुपोषण को मात देने के लिए महत्वपूर्ण योजना बनाकर उसपर काम कर रहे हैं। उन्होंने हेल्दी लाइफ स्टाइल से लेकर पोषण के हर पहलुओं पर बात कर टीम के सदस्यों को संकल्प के साथ कुपोषण को मात देने के लिए आगे बढ़ने को कहा. इस दौरान प्रसार शिक्षा के निदेशक ने भी पोषण और स्वास्थ्य को लेकर हर बिंदु पर चर्चा की।
पोषण माह के गतिविधियों का प्रजेंटेशन :
नोडल पदाधिकारी श्वेता सहाय ने वेबिनार में पोषण माह के दौरान होने वाली गतिविधियों का प्रजेंटेशन किया। इसमे हर बिंदु पर चर्चा की गई जिससे कुपोषण को मात देकर पोषण के प्रति लोगों को जागरूक किया जाए। उन्होंने कहा कि पोषण माह में पोषण का आंकलन और समुदाय आधारित गतिविधियां पर विशेष धयान देना है। शिशु के विकास की मॉनिटरिंग की जाएगी, यह इस अभियान की प्रमुख कड़ी होगी. इसके अलावा किचेन गार्डेन को बढ़ावा देने पर विशेष जोर होगा जिससे घर मे ही पोषण तत्व की प्राप्ति हो सके। कृषि में ऐसे चीजों के उपयोग को लेकर भी प्रयास किया जाएगा जो पूरी तरह से पोषण वाले हों।
पोषण में कमी होने पर भेजें पुनर्वास केंद:
वेबिनार के दौरान सेविकाओं के साथ अन्य लोगों ने भी एक्सपर्ट से सवाल किया। सवालों के जवाब में पोषण का मंत्र देते हुए सभी समस्या का समाधान करने का प्रयास किया गया। इसी क्रम में एक महत्वपूर्ण सवाल लखीसराय के बड़हिया की सेविका पूनम कुमारी ने किया. उन्होंने बताया कि वह क्षेत्र के एक अति कुपोषित बच्चे को पुनर्वास केन्द्र ले गई थीं। बच्चा स्वस्थ होकर घर आ गया लेकिन कुछ दिन बाद ही वह फिर पुनः कुपोषित हो गया। सेविका ने पूछा कि क्या बच्चा दोबारा पुनर्वास केंद्र जा सकता है। वेबिनार में सेविका के इस प्रश्न का जवाब देते हुए यूनिसेफ के न्यूट्रीशियन एक्सपर्ट रवि नारायण परही ने कहा कि अति कुपोषित बच्चे जिनमे जटिलता के लक्षण हों वह दोबारा पुनर्वास केंद्र रेफर किये जा सकते हैं। बाकी कुपोषित बच्चों के लिए समुदाय द्वारा स्वास्थ्य एवं पोषण के मानकों का अनुपालन कर कुपोषण से मुक्ति पाई जा सकती है। उन्होंने कहा कि हमें पोषण तत्व से भरपूर खाद्य सामग्रियों को अपने आहार में शामिल करने की जरूरत है। गृह भ्रमण के दौरान सेविकाएं स्तनपान, अनुपूरक आहार का सेवन करने को लेकर जागरूक करने का अभियान चलाएं जिससे पोषण माह में कुपोषण को मात दिया जा सके।
कोरोना काल मे भी चिन्हित किए जाएंगे बच्चे:
यूनिसेफ की डॉ. शिवानी ने कहा कि पोषण माह में कोरोना का भी खतरा है, लेकिन इस मुहिम में इसका कोई असर नही पड़ेगा। हम पूरी सावधानी से इस मुहिम को सफल बना सकते हैं। उन्होंने कहा कि अति कुपोषित और मध्यम कुपोषित बच्चों को कोरोना काल मे चिन्हित किया जाएगा।
वेबिनार के दूसरे दिन इन विषयों पर होगी चर्चा:
गुरुवार को वेबिनार के दूसरे दिन सुरक्षित स्तनपान पर जोर दिया जाएगा। इसमे महिलाओं और बच्चों के आहार और हाइजीन पर चर्चा होगी। इसके अलावा पोषण तत्व की गार्डेनिग पर भी चर्चा होगी। वेबिनार के दूसरे दिन के लिए पोषण के माध्यम से कुपोषण को मात देने के लिए कई बिंदु तैयार किए गए हैं।
वेबिनार का संचालन पोषण विशेषज्ञ डॉ. मनोज कुमार ने किया. इस दौरान केयर के देवजी पाटिल, यूनिसेफ के डॉ. पर्मिला, डॉ. कौल, मोना सिन्हा एवं सुधांकर सहित कृषि विज्ञान केंद्र किशनगंज के डॉ. हेमंत भी चर्चा में शामिल हुए.