एम्स एवं एयरपोर्ट के लिए विद्यापति सेवा संस्थान ने जताया आभार
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पीएम, सीएम एवं नीति आयोग से की मिथिला में कृषि आधारित काॅरिडोर स्थापना की मांग
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मिथिला के केंद्र दरभंगा में एयरपोर्ट के बाद बिहार के दूसरे एम्स की स्थापना को केंद्र सरकार की ओर से मंजूरी मिलने को विद्यापति सेवा संस्थान के महासचिव डॉ बैद्यनाथ चौधरी बैजू ने मिथिला के लिए ऐतिहासिक सौगात बताया है। उन्होंने इसके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का विशेष आभार जताया है।
उन्होंने कहा कि दरभंगा में एम्स की स्थापना को केंद्रीय मंत्रिमंडल से मंजूरी मिलने से संपूर्ण मिथिला में खुशी की लहर दौड़ गई है। दरभंगा में कवि कोकिल विद्यापति के नाम से शुरू किए जा रहे एयरपोर्ट के निर्माण का कार्य जल्द पूरा होने की खबर पर खुशी जाहिर करते हुए उन्होंने कहा कि मिथिला के केंद्र दरभंगा में एयरपोर्ट के बाद एम्स के निर्माण से केवल दरभंगा ही नहीं, बल्कि पूरे मिथिला के चहुमुखी विकास का सपना साकार हो सकेगा। साथ ही, युवाओं को रोजगार के नये अवसर मिल सकेंगे।
डाॅ बैजू ने बताया कि मिथिला के कृषकों के सर्वांगीण विकास के लिए प्रधानमंत्री की घोषणाओं के अनुरूप इस क्षेत्र के कृषकों एवं मत्स्य पालकों के हितों से संदर्भित 5 सूत्री मांगों से संबंधित प्रतिवेदन बुधवार को विद्यापति सेवा संस्थान की ओर से प्रधानमंत्री, नीति आयोग एवं बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को भेजा गया।
मांग पत्र में मिथिला क्षेत्र अंतर्गत ईस्ट वेस्ट कॉरिडोर के लगभग 500 किलोमीटर क्षेत्र में एग्रीकल्चर काॅरिडोर बेस्ड विकास के तहत नेशनल एग्रीकाॅरिडोर की स्थापना करते हुए विभिन्न एग्रीकल्सटर के प्रोत्साहन के लिए एग्रोबेस्ड आईटी एवं बायोटेक्निकल एजुकेशनल हब बनाने का अनुरोध किया गया है। मांगों से संदर्भित प्रतिवेदन में इस क्षेत्र में निहित सात विकासशील जिलों, दो स्मार्ट सिटी, एक निर्माणाधीन एयरपोर्ट एवं अनेक रेलवे स्टेशनों सहित सात निश्चय कार्यक्रम के तहत आधारभूत संरचना की उपलब्धता की ओर सभी का विशेष रूप से ध्यान आकर्षित किया गया है।
प्रतिवेदन में शामिल अन्य मांगों में मिथिला के भौगोलिक एवं सांस्कृतिक प्रतीक मखान की जीआई टैगिंग मिथिला मखान के नाम पर करने, मिथिला मखान के उत्पादन एवं निर्यात के लिए भारत सरकार के कृषि मंत्रालय के अधीनस्थ नेशनल हॉर्टिकल्चर बोर्ड एवं वाणिज्य मंत्रालय के अधीनस्थ एग्रीकल्चर एंड प्रोसेस्ड फूड एक्सपोर्ट डेवलपमेंट अथॉरिटी में सूचीबद्ध करते हुए इसे प्राथमिकता देने, मिथिला एवं मैथिली के उत्थान सहित इसके सांस्कृतिक धरोहर के संरक्षण के लिए डीडी मैथिली की स्थापना करने तथा दरभंगा में माननीय उच्च न्यायालय के स्पेशल बेंच की स्थापना करने आदि की मांग की गई है।