परिवार चलाने के लिए काम आवश्यक है, तो जिंदगी बचाने के लिए मास्क ज़रूरी
• कोरोना संक्रमण के दौर में भी बिना रुके चलता रहा रेखा का कपड़ा धोने का काम
• रोजाना मास्क पहनकर ही घर- घर से करती है कपड़ा इकट्ठा करने का कार्य
• छोटा सा व्यवसाय करने वाली रेखा दूसरों को भी कर रही प्रेरित
दरभंगा, 8 अक्टूबर. कोरोना संक्रमण से लोगों की कई स्तर पर चुनौतियाँ बढ़ी है. ख़ुद को संक्रमण से बचाने के साथ अपने कार्य को जारी रखना भी इन्हीं चुनौतियाँ का महत्वपूर्ण हिस्सा भी रहा है. ऐसे में लोगों ने हिम्मत नहीं हारी हैं एवं सतर्कता को ढाल बनाकर अपने कार्य को जारी भी रखा है. इसी कड़ी में छोटा सा व्यवसाय कर रही रेखा एक मिसाल पेश कर रही है. स्थानीय चूनाभट्टी निवासी रेखा देवी कोरोना संक्रमण काल में भी लोगों को सेवाएं देने से पीछे नहीं हटी है. कपड़े धोने का छोटा सा व्यवसाय कर रही रेखा अब दूसरे के लिए प्रेरणास्रोत बन गई है. अन्य लोग भी इससे जागरूक हो रहे हैं.कोरोना संक्रमण के दौर में भी रेखा एक कोरोना योद्धा की तरह लोगों के घर तक पहुँचती रही हैं. लेकिन इस कार्य को करने के दौरान वह कभी भी मास्क पहनना नहीं भूलती. साथ ही कपड़े को इकट्ठा करने के बाद उसका सैनिटाइजेशन करना उसे सदा याद रहता है. उसके बाद ही वह कपड़ा धोने का कार्य करती है. इस काम के बाद ही वह स्नान कर अपने बाल बच्चों व पति के लिए खाना बनाने के लिए रसोई में प्रवेश करती है. पूरे कार्य के दौरान वह कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए पूरे एहतियात बरतती है, ताकि उसका परिवार कोरोना संक्रमण से दूर रहें. शुरुआती दौर में रेखा को थोड़ी समस्या हुई, लेकिन बाद में रेखा का यह दिनचर्या बन गया है.
शुरूआती दौर में मास्क लगाने में होती थी दिक्कत:
रेखा बताती है कि कोरोना संक्रमण के शुरुआती दिनों में वह कोरोना के डर के कारण घर से बाहर नहीं निकलती थी. उसके पति व बच्चे भी उसे रोकते थे. लेकिन जब उसकी पारिवारिक स्थिति खराब होने लगी तो उन्होंने काम को दोबारा शुरू करने का प्रयास किया. उन्होंने बताया वह लगातार रात को टेलीविजन या अखबार के माध्यम से कोरोना से बचाव के तरीके को देखती थी. उसके मन में आया कि वह भी मास्क वह सेनीटाइजर का प्रयोग कर अपने कार्य को कर सकती है. उसके बाद से रेखा ने परिवार का भरण पोषण करने के लिए घर से बाहर कदम निकाली. इसके पूर्व चेहरे पर मास्क लगाई, व पहुंच गई अपने ग्राहकों के घर कपड़ा लेने के लिए. इस दौरान वह पूरी सतर्क रहती है. बाहर सड़कों पर अन्य लोगों से दूरी बनाती है. ग्राहकों से कपड़ा इकट्ठा करने के बाद घर लौट जाती है. उन्होंने बताया कि शुरू में उन्हें मास्क लगाने में थोड़ी परेशानी होती थी. लेकिन धीरे-धीरे मास्क का इस्तेमाल करना उनकी दैनिक दिनचर्या का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बन गया. वह कोरोना संक्रमण से ख़ुद का बचाव करते हुए मास्क पहनकर अपने कार्य को बखूबी अंजाम दे रही है. फिलहाल आज उन्हें कोई समस्या नहीं हो रही है. वह और उसका पूरा परिवार कोरोना संक्रमण से मुक्त जिंदगी जी रहे है. अब आर्थिक समस्या भी खत्म हो गयी है.
आसपास के लोग हुए जागरूक
कोरोना काल में रेखा के कुशल व्यवहार की चर्चा आसपास होती है. लोग इसके कार्यप्रणाली से जागरूक हुए हैं. लोग रेखा के कार्य की न केवल प्रशंसा करते हैं, बल्कि कोरोना काल में उनके द्वारा कार्य जारी रखने की भी चर्चा करते हैं. बुजुर्ग हो या बच्चे मास्क की उपयोगिता जानते हैं. इस क्षेत्र के कोरोना योद्धाओं की सूचि में रेखा शुमार हो चुकी है.
कोरोना से करें बचाव:
• आवश्यकता के अनुसार बाहर निकले
• बाहर निकलने पर सोशल डिस्टनसिंग का पालन करें
• हमेशा मास्क पहने, साथ मे सैनिटाइजर रखें
• अनावश्यक लोगों से बात न करें
• बाजार में भीड़ का हिस्सा न बनें
• घर वापसी पर हाथ को साबुन से धो ले या स्नान कर लें
• उसके बाद घर मे प्रवेश करें