उचित आहार व्यवहार व शारीरिक गतिविधि से डायबिटीज पर नियंत्रण सम्भव
-14 नवम्बर को मनाया जाता है वर्ल्ड डायबिटीज डे
-जीवनशैली में बदलाव के कारण लोग हो रहे डायबिटीज के मरीज
– लोगों को जागरूक करने की आवश्यकता
– तनावमुक्त जीवनशैली अपनाना फायदेमंद
-कोरोना काल में शुगर से ग्रसित रोगियों को अत्यधिक सावधानी बरतने की जरूरत
दरभंगा,13 नवम्बर। जन जागरूकता के लिए 14 नवंबर को पूरे विश्व में मधुमेह दिवस( वर्ल्ड डायबिटीज डे) के रूप में मनाया जाता है। जीवन शैली में बदलाव व उचित आहार व्यवहार में कमी के कारण यह बीमारी लोगों को अपनी चपेट में लेती है। चिकित्सक डॉ विनय कुमार के अनुसार हम अपनी जीवनशैली में बदलाव और घरेलू नुस्खों को अपना कर इस बीमारी को मात दे सकते हैं। साथ ही कोरोना के समय में शुगर रोग से ग्रसित रोगियों को अत्यधिक सावधानी बरतने की जरूरत है। खासकर डायबिटीज रोगियों को अपने खानपान व आहार व्यवहार में समन्वय स्थापित करने की जरूरत है। इसे लेकर लोगों को जागरूक करने की आवश्यकता है। सरकारी व गैर सरकारी संस्थानों को इसके लिए आगे आकर प्रयास करना चाहिए।
डियाबिटीज़ क्या है
डॉ कुमार ने बताया कि डायबिटीज मेटाबोलिक बीमारियों का समूह है। जिसमें खून में ब्लड शुगर या ग्लूकोज का स्तर सामान्य से अधिक होता है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि शरीर की कोशिकाएं इंसुलिन के प्रति ठीक से प्रतिक्रिया व्यक्त नहीं करती हैं । डायबिटीज में मरीज को बार-बार प्यास लगती , भूख ज्यादा महसूस होती और बार-बार पेशाब लगती है।
डायबिटीज भी तीन प्रकार के होते हैं,-
टाइप 1 डायबिटीज, टाइप 2 डायबिटीज और गैस्टेशनल डायबिटीज । गैस्टेशनल डायबिटीज सामान्यतः गर्भावस्था के दौरान महिलाओं को होती है।
डायबिटीज के कारण–
डायबिटीज होने के बहुत से कारण होते हैं। उनमें सबसे बड़ा कारण है शरीर का वजन अधिक होना। कई बार हाई ब्लडप्रेशर और कोलेस्ट्रॉल का बढ़ना भी डायबिटीज का कारण होता है। गर्भावस्था में महिलाओं को डायबिटीज का शिकार होना बच्चे के लिए नुकसानदायक साबित हो सकता है। इसके अलावा उम्र अधिक होना, फैमिली हिस्ट्री और दिल के मरीजों को डायबिटीज होने की संभावना अधिक होती है।
डायबिटीज से को कैसे करें काबू-
डॉ कुमार ने कहा कि डायबिटीज के मरीज अपनी जीवनशैली में बदलाव कर बीमारी पर काबू पा सकते हैं। यह बात ध्यान रखें कि एक दिन में कम से कम 30-45 मिनट का व्यायाम इस बीमारी से बचा सकती है। खानपान में फल, अनाज और सब्जियां का सेवन करें और कभी भी खाली पेट नहीं रहें। इसके अलावा वजन पर नियंत्रण करना और पर्याप्त नींद लेना आपको मधुमेह से दूर रखेगा। तनाव मुक्त जीवनशैली अपनाना भी फायदेमंद होगा।
डायबिटीज के घरेलू उपचार,-
डॉ विनय ने बताया कि डायबिटीज के मरीजों के लिए हल्दी जरूरी है। हल्दी न केवल खून साफ करती है बल्कि घाव को भी जल्दी भरती है। इसके अलावा सेब का सिरका खून में रक्त शर्करा यानि शुगर लेवल को कम करता है। सिरका एसिटिक एसिड को पचाने में मदद करता है।
डायबिटीज को कंट्रोल करने के लिए खाएं दालचीनी,-
डॉ विनय ने बताया कि दालचीनी शरीर में हीमोग्लोबिन लेवल और टाइप 2 किस्म के डायबिटीज को कम करता है। साथ ही पीसीओडीएस और वजन कम करने में भी सहायक होता है। बादाम खाने से ब्लड शुगर अचानक से नहीं बढ़ता है।
लहसुन से होगा ब्लग शुगर कम,-
लहसुन खाने से शरीर में ऐसे हार्मोन सक्रिय हो जाते हैं जो शरीर में ब्लग शुगर को कंट्रोल करते हैं। वहीं अखरोट खाने से न केवल डायबिटीज कंट्रोल होगा बल्कि वजन भी कम होगा।
हरी पत्तेदार सब्ज़ी व अंकुरित अनाज़ का करें सेवन,-
डायबिटीज के मरीज हरी पत्तेवाली सब्जियां, सलाद और अंकुरित अनाज खाएं। रात में खाना जल्दी खाएं और डिनर के बाद टोन्ड दूध जरूर पीयें। हमेशा कम चीनी या बिना चीनी की चाय पीयें। दिन के खाना में दही या छाछ ले सकते हैं। सुबह खाली पेट मेथी के दाने का पानी भी लाभदायी होगा। रोज व्यायाम करें और कम से कम दो किलोमीटर पैदल चलें। इसके अलावा आंवले और करेला का जूस भी पी सकते हैं।
अस्पतालों में शुगर जांच की सुविधा,-
जिला के सभी प्रखंड अस्पतालों में डायबिटीज रोगियों के समुचित उपचार की व्यवस्था की गई है। डायबिटिक जांच की निशुल्क व्यवस्था है। जरूरत पड़ने पर डायबिटीज रोगी निकट के सरकारी अस्पताल में संपर्क कर सकते हैं। उन्हें समुचित चिकित्सा उपलब्ध कराई जाएगी।
कोरोना में बरतें सावधानी,-
-अतिआवश्यक होने पर हीं घर से बाहर निकलें
-त्यौहार के मौसम में मास्क व सैनिटाइजेसन की डालें आदत
-संक्रमण से बचाव के एक दूसरे के बीच दो गज की दूरी का रखें ध्यान
-डायबिटीज़ या अन्य रोगियों के लिए अभी बाजार निकलना ठीक नहीं