ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय को मॉडल विश्वविद्यालय बनाया जाएगा :- कुलपति सुरेंद्र प्रताप सिंह।
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एम ला कालेज एवं ए पी जे ए के महिला प्रोद्योगिकी संस्थान के बहुरेंगे दिन ।
कुलपति प्रोफेसर सुरेंद्र प्रताप सिंह ने इस विश्वविद्यालय में योगदान के साथ ही विश्वविद्यालय की चौमुखी विकास की ओर कदम रख दिया है। दूरदर्शी कुलपति प्रो सिंह ने अपने कार्यकाल के 100 दिन पूरे होने के बाद इसकी घोषणा की है ।

उन्होंने कहा कि परिणाम एक दिन या एक कार्यकाल में आना सम्भव नहीं है परंतु हमारे कार्यकाल में विकास से संबंधित जो कार्य किए जा रहे हैं या आगे किये जाएंगे उसका परिणाम अगले कुलपति के कार्यकाल में प्राप्त होंगे। नैक की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि नैक में पांच सालों के कार्यों का मूल्यांकन होता है और कुलपति का कार्य काल तीन वर्षों का होता है। 2015 से 2020 में किये गये कार्यों पर तृतीय चक्र का नैक मूल्यांकन होना है । परन्तु सौ दिनों में मैं ने आकलन किया है कि यदि अभी विश्वविद्यालय का नैक निरीक्षण करवाया जाय तो वर्तमान स्थिति में विश्वविद्यालय को पूर्व में प्राप्त ग्रेडिंग से कम अंक प्राप्त होंगे क्योंकि पूर्व की निरीक्षण पद्धति से वर्तमान निरीक्षण पद्धति कठिन हो गयी है । उन्होंने इन सभी बिन्दुओं को ध्यान में रखते हुए एक एक कर भवनों, विभागों का निरीक्षण एवं प्रशासनिक फेर बदल कर यह संकेत दे दिया है कि सबों को अपने अपने हिस्से का कार्य करना होगा। हम जानते हैं कि विभागों , कार्यालयों में अर्थ एवं मानवशक्ति की कमी है ।हम उसे भी दूर करने का प्रयास कर रहे हैं। परंतु हमने पाया है कि विभागों का साधारण रखरखाव,साफ सफाई भी उपलब्ध संसाधनों के अनुरूप नहीं किए जा रहे हैं। हमने ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय को बिहार ही नहीं देश का मॉडल विश्वविद्यालय बनाने के उद्देश्य से नये नये प्रोफेशनल कोर्स आरंभ करने का निर्णय लिया है।
सी एम ला कालेज के आधारभूत संरचना, कैम्पस , पुस्तकालय ,कोर्स क्यूरीकुलम आदि में बदलाव एवं एल एल बी कोर्स का उन्नयन तथा एल एल एम की पढ़ाई हेतु सुझाव देने के उद्देश्य से एक समिति गठित की गई है जिसमें पटना विश्वविद्यालय के अध्यक्ष सह संकायाध्यक्ष प्रो सी पी सिंह एवं डा सलीम जावेद अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय को बाहरी विशेषज्ञ बनाया गया है।इसी तरह एक पी जे ए के महिला प्रोद्योगिकी संस्थान के उन्नयन एवं एम टेक की पढ़ाई पी-एच डी , डी एस-सी डिग्री हेतु गुणवत्ता पूर्ण शोध आरंभ करने की दृष्टि से सुझाव आमंत्रित करने के लिए भी एक समिति गठित की गई है जिसमें प्रो आर एस गुप्ता पूर्व निदेशक के एन आई टी और संकायाध्यक्ष इंजीनियरिंग एण्ड टेक्नोलॉजी लखनऊ विश्वविद्यालय को बाहरी विशेषज्ञ बनाया गया है।
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