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Darbhanga तीनों किसान विरोधी अम्बानी-अडाणी परस्त कानूनों को वापस ले सरकार-भाकपा माले (DN 24 LIVE) — अजित कुमार सिंह

संवाददाता सम्मेलन के लिये हैंडआउट
तीनों किसान विरोधी अम्बानी-अडाणी परस्त कानूनों को वापस ले सरकार-भाकपा माले
मिथिलांचल-सीमांचल में भाजपा के वर्चस्व तोड़ने को लेकर तेज़ होगा माले का आंदोलन-धीरेन्द्र
खेती,उद्योग, शिक्षा-रोज़गार और जलप्रबंधन को आंदोलन का मुद्दा बनाया जाएगा!
दरभंगा। मिथिलांचल स्तरीय भाकपा माले के दो दिवसीय अध्ययन शिविर के बाद आयोजित संवाददाता सम्मेलन को सम्बोधित करते हुए पार्टी पोलित ब्यूरो सदस्य सह मिथिलांचल प्रभारी धीरेन्द्र झा ने कहा कि खेती-किसानी को मोदी सरकार अम्बानी-अडाणी सरीखे कारपोरेटों के हाथों को सुपुर्द कर देना चाहती है और इसी उद्देश्य से तीनों किसान विरोधी कानून बनाये गए हैं।मौजूदा किसान आंदोलन कम्पनीराज़ के खिलाफ राष्ट्रीय जागरण है।खेती किसानी के क्षेत्र में पूंजीपतियों का वर्चस्व यह देश कतई बर्दाश्त नही करेगा,इसलिये किसान जान गंवाकर आंदोलन में डटे हैं।माले नेता ने कहा कि सरकार को तत्काल तीनों कानून वापस लेकर सम्मानजनक हल निकालना चाहिए।उन्होंने कहा कि किसान संघर्ष समिति के साथ मिलकर महागठबंधन की पार्टियां किसान आंदोलन के पक्ष में मज़बूती से उतरेगी।जिलों में धारावाहिक किसान आंदोलन शुरू होगा और गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर 25 जनवरी को ऐतिहासिक मानव श्रृंखला बनायी जाएगी।जल्द ही इस मुद्दा पर महागठबंधन दलों की बैठक पटना में होगी।बिहार से भाकपा माले विधायकों का दल धारावाहिक रूप से दिल्ली के बॉर्डर पर जमे किसान जत्थों में उपस्थित होकर एकजुटता प्रदर्शित कर रहे हैं।
आगे उन्होंने कहा कि मिथिलांचल की साझी संस्कृति और विकास के एजेंडा को भाजपा ने तहस नहस करने का काम किया है।बाढ़-सुखाड़ की समस्या से तबाही लगातार बढ़ रही है लेकिन दिल्ली-पटना की सरकार मौन बनी हुई है।इस अंचल में कृषि आधारित उद्योगों-चीनी,पटसन,कागज़,सुता,खादी ग्रामोद्योग की जाल बिछी थी लेकिन उसे मरने के लिए छोड़ दिया गया है।केंद्रीय विश्वविद्यालय की मांगों को ठुकरा दिया गया है।घृणा और विभाजन की राजनीति के जरिये वोट की राजनीति भाजपा कर रही है,इसका मुकाबला जनमुद्दे की राजनीति के जरिये भाकपा माले करेगी।पूरे मिथिलांचल में वामपंथी आंदोलन की मज़बूती के जरिये भाजपा के वर्चस्व को चुनौती दी जाएगी।सभी जिलों में जिला कार्यकर्ता सम्मेलन आहूत कर जमीनी आंदोलन को तेज किया जाएगा।
इस मौके पर बोलते हुए पार्टी के राज्य स्थायी समिति के सदस्य सह दरभंगा ज़िला के सचिव बैद्यनाथ यादव ने कहा कि किसान आंदोलन की मज़बूती मिथिलांचल के लिये जरूरी है क्योंकि किसान और बटाईदार की हालत बहुत ही खराब है।मंडी कानून को समाप्त कर भाजपा-जदयू की सरकार ने बड़ा विश्वासघात किया है जिससे किसानों की तंगहाली बढ़ी है और यह इलाका मज़दूरों का पलायन ज़ोन बन गया है।संगठन प्रवासी मज़दूरों के मुद्दे को भी मज़बूती से उठायेगा।6जनवरी से 10जनवरी तक लगातार ज़िला मुख्यालयों पर धरना-प्रदर्शन होगा।धान खरीद आंदोलन तेज होगा।संवाददाता सम्मेलन को अन्य लोगों के अलावा राज्य कमिटी के सदस्य अभिषेक कुमार,वरिष्ठ माले नेता आरके सहनी,लक्ष्मी पासवान और नेयाज अहमद इंसाफ मंच प्रदेश उपाध्यक्ष ने सम्बोधित किये। इस मौके पर मो जमशेद ,मकसूद आलम पप्पू खान ,अकबर रजा रुही प्रवीण सहित दर्जनों राजनीतिक सामाजिक कार्यकर्ता ने भाकपा माले का सदस्यता ग्रहण किया ।

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