Breaking News

बिहार में कभी भी आ सकता है 1934 जैसा बड़ा भूकंप, ऐसा हुआ तो तबाही तय:डा सुनील

बिहार में कभी भी आ सकता है 1934 जैसा बड़ा भूकंप, ऐसा हुआ तो तबाही तय:डा सुनील

15

Edit”By – ajit kumar singh

फरवरी की रात बिहार में भूकंप के झटके महसूस किए गए। इसके साथ साल 1934 का उस बड़े भूकंप की याद भी आ गई जिसमें जान-माल की भारी क्षति हुई थी। वैसा ही कोई भूकंप कभी भी आ सकता है और तब भारी तबाही हो सकती है।ये बातें आपदा रोधी समाज निर्माण को कृतसंकल्पित पथ निर्माण विभाग के कार्यपालक अभियंता एवं बिहार अभियन्त्रण सेवा संघ के महासचिव डा सुनील कुमार चौधरी ने अभियंताओ,कामगारों एवं आमजनों के एक बड़े समूह को सम्बोधित करते हुए कही।

बिहार में सोमवार की रात भूकंप (Earthquake) से अफरा-तफरी मच गई। हालांकि, जान-मान की कोई क्षति नहीं हुई। इसके साथ ही याद आ गया साल 1934 का रिक्‍टर स्‍केल पर 8.5 की तीव्रता वाला वो भूकंप, जिसमें बिहार में 7153 और नेपाल में 8519 लोगों की मौत हुई थी। डा चौधरी के अनुसार बिहार में 1934 के भूकंप की तीव्रता वाला कोई बड़ा भूकंप कभी भी आ सकता है और अगर ऐसा हुआ तो भारी तबाही तय है। ऐसी स्थिति में अब दो लाख से अधिक लोगों की मौत हो सकती है।

साल 1934 के 15 जनवरी को बिहार व नेपाल में रिक्‍टर स्‍केल पर 8.5 की तीव्रता वाला बड़ा भूकंप आया था। इस भूकंप में बिहार का मुंगेर शहर पूरी तरह तबाह हो गया था। भूकंप ने नेपाल के भटगांव शहर को भी तहस-नहस कर दिया था। पूर्वी चंपारण, मुजफ्फरपुर, दरभंगा, सीतामढ़ी, मधुबनी, सहरसा और पूर्णिया में भी भारी तबाही हुई थी। बिहार में भूकंप से हुई 7153 मौतों में सर्वाधिक मुजफ्फरपुर में 2539 लोगों की जान गई थी। इसके बाद फिर 1988 में 6.6 की तीव्रता का भूकंप आया था,जिसकी शक्ति 1934 के भूकंप से 750 गुणा कम थी।ऐसे में बड़े जलजला से आ सकता है महाविनाश।

डा चौधरी ने आगे बताया कि भूकंप या जलजला से नुकसान जनसंख्‍या एवं निर्माण पर निर्भर करता है। डॉ. चौधरी का शोध साल 1931 और 2011 की जनगणना के आंकड़ों के आधार पर बताता है कि तीव्र जनसंख्या वृद्धि और तेज निर्माण के कारण अगर 1934 की तीव्रता वाला कोई भूकंप अब आता है, तो वह महाविनाशकारी हो सकता है।

उनका कहना है कि दिल्‍ली से बिहार के बीच बुरी तरह कांपेगी धरती।उन्होने आगे बताया कि दिल्ली से बिहार के बीच 7.5 से 8.5 के बीच की तीव्रता वाला कोई बड़ा भूकंप कभी भी आ सकता है। इस इलाके में कभी भी धरती बुरी तरह कांपेगी।उन्होने यह भी बताया कि पिछले 500 साल के दौरान गंगा के मैदानी क्षेत्र में कोई बहुत बड़ा भूकंप नहीं आया है।

डरें नहीं, बरतें एहतियात; रहें पहले से ही सतर्क

डा चौधरी ने एक बात स्पष्ट करते हुए कहा कि हमारा मकसद डराना नहीं, बल्कि संभावित खतरे को लेकर सतर्क करना है। हम चाहते हैं कि आप पहले से ही एहतियाती कदम उठाएं, ताकि भूकंप की स्थिति में आप सब व आपके अपने सलामत रहें। यह बात अच्‍छी तरह समझ लीजिए कि बिहार के आठ जिले भूकंप प्रभावित जोन-5 और 24 जिले जोन-4 में आते हैं। ये जिले भूकंप प्रभावित खतरनाक जोन में हैं। यहां भूकंप का आना तय है, लेकिन कब, इसकी भविष्यवाणी नहीं की जा सकती है। हिमालय क्षेत्र में 1934 के भूकंप के बाद से कोई बड़ा भूकंप नहीं आया है। वैज्ञानिकों की मानें तो भूकंप प्रभावित क्षेत्र में इतने लंबे समय तक भूकंप का नहीं आना बड़े भूकंप की चेतावनी है। ऐसे में जरूरत है लोगों के जागरूक होने की।मकान का निर्माण इस तरह करें कि उसके सभी अंग आपस में बंधे रहे,सौफ्ट स्टोरी वाला घर नहीं बनायें,डिजाइन भूकंप रोधी हो, गुणवत्तापूर्ण सामग्री का प्रयोग करें, ईट को पानी में 4-6 घंटे फूला कर जोन के हिसाब से मशाला के साथ जोड़े एवं भूकंप रोधी बैन्ड का उचित स्थान पर प्रयोग करें।

भूकंप की स्थिति में क्‍या करें, क्‍या नहीं …जानिए

डा चौधरी ने बताया कि भूकंप के दौरान यदि आप घर से बाहर हैं बाहर ही रहें। झटके खत्‍म होने तक ऊंची इमारतों व बिजली के खंभों आदि से दूर रहें। यदि आप चलती गाड़ी में हों तो गाड़ी रोक कर उसमें हीं बैठे रहें। कमजोर पुल या सड़क पर नहीं रहें। बहुमंजिली इमारत में हैं तो लिफ्ट का इस्तेमाल नहीं करें। लिफ्ट दीवारों से टकरा सकती है तथा बिजली जाने के कारण रुक भी सकती है। सीढ़ियों का इस्तेमाल करें, लेकिन अगर वे कमजोर हों तो ऐसा कतई न करें। झटके आने तक घर के अंदर ही रहें। भूकंप के वक्त यदि आप घर में हैं तो फर्श पर बैठें। किसी मजबूत टेबल या दूसरे फर्नीचर के नीचे छिप जाएं। घर के किसी कोने में रहें। कांच, खिड़कियों, दरवाजों और दीवारों से दूरी रखें। अगर भूकंप के दौरान मलबे के नीचे दब जाएं तो माचिस नहीं जलाएं। भूकंप के दौरान गैस लीक होने का खतरा होता है। किसी कपड़े से चेहरा ढक लें और पाइप या दीवार को ठकठकाते रहें, ताकि बचाव दल को आपका लोकेशन लेने में आसानी हो। यदि कोई और जरिया न हो, तो चिल्लाएं।

Check Also

दरभंगा   जिलाधिकारी  कौशल कुमार की अध्यक्षता में लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण संगठन विभाग के कार्यों की विस्तृत समीक्षा बैठक हुई।

🔊 Listen to this • लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण संगठन विभाग के कार्यों की समीक्षा…   …