दरभंगा news 24 live अजित कुमार सिंह
छात्र नेताओं से जवाब-तलब विश्वविद्यालय की तानाशाही फैसला
ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय के द्वारा कई संगठनों के छात्र नेताओं क्रमशः एआईएसएफ के जिला सचिव शरद कुमार सिंह, आईसा के राज्य सह सचिव संदीप कुमार चौधरी, छात्र राजद के जिलाध्यक्ष प्रवीण यादव, एसएफआई के जिला सचिव नीरज कुमार, एआईडीएसओ के ललित कुमार, एनएसयूआई के पहलाद कुमार, एमएसयू के अमन सक्सैना पर विश्वविद्यालय प्रशासन के द्वारा जवाब तलब किये जाने को छात्र नेताओं ने विश्वविद्यालय प्रशासन की तानाशाही फैसला बताया है। वही छात्र नेताओं ने कहा कि आज तक किसी भी संगठन को जवाब-तलब किए जाने की आधिकारिक पत्र नहीं मिला है। किसी भी संगठन के कार्यालय पर भी पत्र आज तक नहीं पहुंचा है। सिर्फ छात्र नेताओं को दैनिक अखबारों के द्वारा ही इसकी सूचना मिली है। छात्र नेताओं ने कहा कि जवाब तलब का पत्र मिलने पर यह विचार किया जाता कि जवाब देना है कि नहीं अभी तक पत्र मिला ही नहीं तो इस पर विचार करना जरूरी नहीं है। वही छात्र नेताओं ने कहा कि जब विश्वविद्यालय प्रशासन हमारे मांगों पर निर्णय लेकर छात्र संघ चुनाव स्थगित कर दिया है। तब फिर विश्वविद्यालय प्रशासन कैसे हमारे आंदोलन को जायज नहीं बता रही है और हमलोगो को जबाब-तलब किया है? लगातार आवेदन देने और विश्वविद्यालय के द्वारा कोई नोटिस नहीं लेने पर 27 सितंबर को विश्व विद्यालय में तालाबंदी और 26 सितम्बर को आक्रोशपूर्ण प्रदर्शन की गई थी। तालाबंदी और प्रदर्शन शांतिपूर्ण था। वहीं आचार संहिता को देखते हुए तालाबंदी और आंदोलन के दौरान किसी भी संगठन का झंडा बैनर उपयोग में नहीं लाया गया था। इसके बाद भी विश्वविद्यालय की रवैया से छात्र संगठन क्षुब्ध है। वही विश्वविद्यालय प्रशासन इस तरह के कारनामों से बाज नहीं आऐगी तो हम लोग आगे की आंदोलन हेतु विवश होंगे।