
सारस्वत मित्रों के अभिनंदन के साथ डा जयशंकर झा ने किया अंतिम कार्य दिवस का समापन
गणमान्य शुभचिंतकों ने विभाग में आकर डा जयशंकर झा के स्वस्थ व दीर्घ जीवन की शुभकामना दी
सी एम कॉलेज सहित विश्वविद्यालय संस्कृत विभाग में 40 वर्षों तक सक्रिय शिक्षक रहे डॉ जयशंकर झा
मानवीय संवेदना की प्रतिमूर्ति,व्यक्तित्व के धनी एवं कुशल वक्ता के रूप में संस्कृत भाषा-साहित्य के मूर्धन्य विद्वान् डॉ जयशंकर झा का व्यक्तित्व एवं कृतित्व न केवल प्रसंसनीय,वल्कि अनुकरणीय भी है। उक्त बातें विश्वविद्यालय संस्कृत विभाग के अध्यक्ष प्रो जीवानंद झा ने विभागीय प्राध्यापक डा जयशंकर झा की सेवानिवृत्ति के अंतिम कार्य दिवस में विभिन्न विद्वानों के सम्मान कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा। उन्होंने कहा कि मेरे गुरु रहे डा झा जिस कार्य को अपना लेते हैं,उसे पूरे मनोयोग से संपादित करते हैं,जिस कारण सफलता इनके चरण चूमती रही है।
विश्वविद्यालय प्राचीन भारतीय इतिहास विभाग के पूर्व अध्यक्ष डा अयोध्यानाथ झा ने कहा कि शिक्षाविद् डॉ झा अद्भुत एवं अभूतपूर्व क्षमता के धनी हैं जो गुरु-शिष्य परंपरा के अनुपम उदाहरण हैं।
सी एम कॉलेज,दरभंगा के संस्कृत विभागाध्यक्ष डॉ आर एन चौरसिया ने कहा कि डॉ जयशंकर झा मृदुभाषी एवं कर्मठ शिक्षक के रूप में हम शिक्षकों एवं सभी छात्रों के आदर्श पहले थे,आज हैं और आगे भी रहेंगे,जिनका आकर्षक व्यक्तित्व छात्रों को सदा अपनी ओर खींचता रहा है।आशा है एक शिक्षक एवं संवेदनशील सामाजिक व्यक्ति के रूप में आगे भी सर कार्य करते रहेंगे। हम सब ईश्वर से इनकी स्वस्थ एवं दीर्घ जीवन की कामना करते हैं।
एमएलएसएम कॉलेज के मैथिली विभागाध्यक्ष प्रो रमेश झा ने कहा कि डॉ झा हमेशा अध्ययन-अध्यापन के साथ ही समाज तथा अनेक संस्थाओं से जुड़कर लोकहित का कार्य करते रहे हैं। ये छात्रों के मनोविज्ञान को समझकर नूतन तकनीक से छात्रों को रूवरू कराते रहें।
डॉ जयशंकर झा ने कहा कि मेरी 14 वर्षों की प्रारंभिक सी एम कॉलेज की सेवा में गुरुवर
प्रो श्रुतिधर झा की छत्रछाया प्राप्त हुई।तदोपरांत 1996 में विश्वविद्यालय संस्कृत विभाग में आने पर मुझे विभिन्न विभागाध्यक्षों का स्नेह और सहयोग प्राप्त होता रहा है।आज मैं अपने अंतिम कार्य दिवस पर अपने कतिपय सहयोगियों का सम्मान कर स्वयं को आह्लादित महसूस कर रहा हूं। अपने सहयोगियों को “श्रुतिधरोदयः” उपहार स्वरूप देते हुए मुझे आशा है कि इस ग्रंथ का सर्वत्र सम्मान होगा। यह मेरी गुरुभक्ति एवं शिक्षकत्व को प्रस्तुत करता रहेगा।
इस अवसर पर विश्वविद्यालय शिक्षक संघ के अध्यक्ष प्रो चंद्र भानु सिंह,संस्कृत विभागाध्यक्ष प्रो जीवानंद झा, विश्वविद्यालय प्राचीन इतिहास विभाग के पूर्व अध्यक्ष डॉ अयोध्यानाथ झा,राजनीति विज्ञान के विभागाध्यक्ष प्रो जीतेन्द्र नारायण, विश्वविद्यालय दर्शनशास्त्र के विभागाध्यक्ष प्रो अमरनाथ झा, विश्वविद्यालय भूगोल विभाग के पूर्व अध्यक्ष डॉ दयानंद मिश्र,सी एम कॉलेज के संस्कृत विभागाध्यक्ष डा आर एन चौरसिया व डा संजीत कुमार झा,एमएलएसएम कॉलेज के मैथिली विभागाध्यक्ष प्रो रमेश झा तथा संस्कृत विभागाध्यक्ष डॉ विनय कुमार झा,नागेंद्र झा महिला कॉलेज,लहेरियासराय के संस्कृत विभागाध्यक्ष डा राजीव कुमार झा,शोधार्थी बाल कृष्ण कुमार सिंह,सहायक सचिन शर्मा तथा योगेंद्र पासवान आदि को डॉ जयशंकर झा ने पाग व चादर से सम्मानित करते हुए अपने संपादन में प्रकाशित ग्रंथ “श्रुतिधरोदयः” की प्रति समर्पित की।
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